ETV Bharat / state

राजस्थान के मूर्तिकार ने बनाई ईको-फ्रेंडली मूर्तियां, इन खासियतों के चलते हो रही खूब डिमांड

चंडीगढ़ में मूर्तिकार ने गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) के लिए इको फ्रेंडली मूर्तियां (Eco Friendly Sculptures) बनाई हैं. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान मूर्तिकार फूलचंद ने इनकी खासियत बताई.

Ganesh Chaturthi 2021
Ganesh Chaturthi 2021
author img

By

Published : Sep 3, 2021, 2:48 PM IST

चंडीगढ़: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) का त्योहार पूरे देश में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है. जिसमें लोग भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर में स्थापित करते हैं और 11 दिनों के बाद उसे विसर्जित करते हैं. इस दौरान सबसे बड़ी समस्या ये सामने आती है कि विसर्जित करने के बाद ये मूर्तियां पानी में घुल नहीं पाती. जिससे की भगवान का अपमान तो होता ही है साथ में मूर्ति पर इस्तेमाल होने वाले केमिकल से पानी भी दूषित होता है.

ये काफी दुखद भी लगता है कि जिन मूर्तियों को लोग पूजते हैं, वो टूटी-फूटी हालत में नदी किनारे मिलती हैं. इन मूर्तियों पर लगाया गया केमिकल पानी में जाकर जल प्रदूषण को बढ़ाता है. इसी बात को ध्यान में रख राजस्थान के कलाकार फूलचंद ने चंडीगढ़ में मूर्तियां बनाने (Eco Friendly Sculptures) का काम किया. उन्होंने गणेश चतुर्थी के लिए खास तौर पर इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई (Sculptor Phoolchand eco-friendly idols) हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान फूल चंद ने बताया कि ये मूर्तियां मिट्टी से बनाई गई हैं.

गणेश चतुर्थी को लेकर राजस्थान के मूर्तिकार ने बनाई खास मूर्तियां

उन्होंने कहा कि इस मिट्टी को खासतौर से हरिद्वार से लाया गया है. ये मूर्तियां मात्र 4 घंटों में ही पूरी तरह से पानी में घुल जाती हैं. इसका दूसरा फायदा ये भी है कि कोरोना काल में जब लोग भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं जा सकते, तो वो अपने घर में ही मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं.

Ganesh Chaturthi 2021
इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी

लोग मूर्ति को पानी से भरी बाल्टी या टब में विसर्जित कर सकते हैं और मूर्ति के पानी में घुलने के बाद उस पानी को पेड़ पौधों में डाल सकते हैं. मूर्ति पर किए गए रंगों के बारे में उन्होंने बताया कि ये रंग भी पूरी तरह से प्राकृतिक हैं. जो पर्यावरण या जलीय जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाते. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मूर्तियों पर जो रंग किए जाते हैं वो केमिकल युक्त होते हैं. जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है. लेकिन इन मूर्तियों पर किए गए रंग पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

Ganesh Chaturthi 2021
इको फ्रेंडली मूर्तियां

ये भी पढ़ें- Aja Ekadashi 2021 : भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें ऐसे पूजन

मूर्तियां खरीदने आए ग्राहकों ने बताया कि इस बार वो इको फ्रेंडली मूर्तियों से ही गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाएंगे, क्योंकि जिन लोगों के घरों के आसपास कोई नदी या तलाब नहीं है. वो इन मूर्तियों को अपने घर में ही विसर्जित कर सकते हैं. अगर लोग मूर्तियों को नदियों में विसर्जित करेंगे, तो मूर्तियों में ऐसी कोई हानिकारक चीज नहीं है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे. बता दें कि इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से मनाई जाएगी. 11 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का समापन 21 सितंबर को होगा.

चंडीगढ़: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) का त्योहार पूरे देश में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है. जिसमें लोग भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर में स्थापित करते हैं और 11 दिनों के बाद उसे विसर्जित करते हैं. इस दौरान सबसे बड़ी समस्या ये सामने आती है कि विसर्जित करने के बाद ये मूर्तियां पानी में घुल नहीं पाती. जिससे की भगवान का अपमान तो होता ही है साथ में मूर्ति पर इस्तेमाल होने वाले केमिकल से पानी भी दूषित होता है.

ये काफी दुखद भी लगता है कि जिन मूर्तियों को लोग पूजते हैं, वो टूटी-फूटी हालत में नदी किनारे मिलती हैं. इन मूर्तियों पर लगाया गया केमिकल पानी में जाकर जल प्रदूषण को बढ़ाता है. इसी बात को ध्यान में रख राजस्थान के कलाकार फूलचंद ने चंडीगढ़ में मूर्तियां बनाने (Eco Friendly Sculptures) का काम किया. उन्होंने गणेश चतुर्थी के लिए खास तौर पर इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई (Sculptor Phoolchand eco-friendly idols) हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान फूल चंद ने बताया कि ये मूर्तियां मिट्टी से बनाई गई हैं.

गणेश चतुर्थी को लेकर राजस्थान के मूर्तिकार ने बनाई खास मूर्तियां

उन्होंने कहा कि इस मिट्टी को खासतौर से हरिद्वार से लाया गया है. ये मूर्तियां मात्र 4 घंटों में ही पूरी तरह से पानी में घुल जाती हैं. इसका दूसरा फायदा ये भी है कि कोरोना काल में जब लोग भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं जा सकते, तो वो अपने घर में ही मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं.

Ganesh Chaturthi 2021
इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी

लोग मूर्ति को पानी से भरी बाल्टी या टब में विसर्जित कर सकते हैं और मूर्ति के पानी में घुलने के बाद उस पानी को पेड़ पौधों में डाल सकते हैं. मूर्ति पर किए गए रंगों के बारे में उन्होंने बताया कि ये रंग भी पूरी तरह से प्राकृतिक हैं. जो पर्यावरण या जलीय जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाते. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मूर्तियों पर जो रंग किए जाते हैं वो केमिकल युक्त होते हैं. जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है. लेकिन इन मूर्तियों पर किए गए रंग पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

Ganesh Chaturthi 2021
इको फ्रेंडली मूर्तियां

ये भी पढ़ें- Aja Ekadashi 2021 : भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें ऐसे पूजन

मूर्तियां खरीदने आए ग्राहकों ने बताया कि इस बार वो इको फ्रेंडली मूर्तियों से ही गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाएंगे, क्योंकि जिन लोगों के घरों के आसपास कोई नदी या तलाब नहीं है. वो इन मूर्तियों को अपने घर में ही विसर्जित कर सकते हैं. अगर लोग मूर्तियों को नदियों में विसर्जित करेंगे, तो मूर्तियों में ऐसी कोई हानिकारक चीज नहीं है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे. बता दें कि इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से मनाई जाएगी. 11 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का समापन 21 सितंबर को होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.