चंडीगढ़: हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर (Kanwar Pal Gujjar) ने मंगलवार को चंडीगढ़ में अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सूरजकुंड मेले (surajkund mela), स्कूल खोलने (haryana school opening) और बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा द्वारा दिये गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. साथ ही मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के किसानों को लेकर दिए गए बयान पर भी तंज कसा. प्रदेश के स्कूलों को खोलने के संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने पहले ही पहली कक्षा से बारवाहीं क्लास तक स्कूल खोले हुए हैं और वे अच्छी व्यवस्था से चल रहे हैं.
एक दिसंबर से पूरे समय के लिए खुलेंगे स्कूल- उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूल तीन घंटे तक खोले गए थे, लेकिन एक दिसंबर से स्कूलों को पूरे समय के लिए खोला जा रहा है. एक तारीख से स्कूल सभी बच्चों के साथ खोले जा रहे हैं. हालांकि प्री स्कूल के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. इसके बारे में भी जल्दी निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत के करीब स्टाफ का वैक्सीनेशन हो गया है. जो रह गए हैं उन्हें भी जल्द वैक्सीन लगाई जाएगी.
चार फरवरी से शुरू होगा सूरजकुंड मेला- शिक्षा और पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि चार फरवरी 2022 से सूरजकुंड मेले का आगाज हो रहा है. इस वक्त हरियाणा में कोरोना के मामले भी बहुत कम हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित हैं ऐसे में स्कूल खुलने की बात हो या उद्योगों और अन्य संस्थाओं की सभी खुल गए हैं. ऐसे में मेले भी आयोजित हो रहे हैं. सूरजकुंड मेले का भी आगाज चार फरवरी से हो रहा है. उन्होंने कहा कि मेले का स्टेट पार्टनर इस बार जम्मू कश्मीर है. विदेशी पार्टनर ब्रिटेन हैं. हालांकि इस बार मेले का मुख्य अतिथि कौन होगा इसका फैसला अभी नहीं हुआ है, लेकिन उसका फैसला भी जल्द हो जायेगा.
बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा द्वारा दिये गए बयान पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो इस पूरे घटनाक्रम में यह देखना होगा कि किसने क्या किया और किस वजह से उन्हें यह बोलना पड़ा. लोकतांत्रिक देश में आप किसी की गाड़ी के शीशे तोड़ दो, किसी की घेराबंदी करो, ये कहां की समझदारी है, लेकिन अरविंद शर्मा ने जो कहा मैं उसका समर्थन नहीं करता. बता दें कि, हरियाणा के रोहतक में बीजेपी नेताओं को बंधक बनाए जाने को लेकर बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जिसने भी मनीष ग्रोवर की तरफ आंख उठाकर देखा तो उसकी आंख निकाल लेंगे. हाथ उठाया तो उसके हाथ को काट लेंगे. उसको छोड़ेंगे नहीं.
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वहीं मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र सरकार पर दिए गए बयान कि किसान आंदोलन में अभी तक 600 के करीब किसान शहीद हो गए, लेकिन किसी ने कोई बयान तक नहीं दिया. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये देखना होगा कि इन किसानों की मृत्यु कैसे और किन हालातों में हुई. उन्होंने कहा कि वह अब राजनीति में आना चाहते हैं जिसके चलते इस तरह के बयान दे रहे हैं. ताकि किसानों का समर्थन प्राप्त कर सकें. क्योंकि उनके कार्यकाल का समय भी पूरा होने वाला है.
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वहीं उन्होंने कहा कि वे ऐसे हालात बनाना चाहते हैं कि कोई उनके खिलाफ एक्शन ले ताकि वे खुद को शहीद बता सकें. अगर उनकी ऐसी विचारधारा है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और आंदोलन में सहयोग देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे लोकदल से चुनाव लड़ना चाहते हैं क्योंकि बीजेपी में आने से पहले वे वही थे.
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