चंडीगढ़: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए टकराव में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद हुए हैं, जबकि इससे भी अधिक चीन के सैनिकों के मारे जाने की खबर है. इस घटना पर ईटीवी रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों का कहना है कि भारत पर दबाव बनाने के लिए चीन इस तरह के हथकंडे अपना रहा है.
चाइना की बौखलाहट का कारण
रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह कहलों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर घुसपैठ कर रहा है. जिसका कारण दुनिया भर में हो रही उसकी आलोचना है. कोरोना के चलते चीन पर विश्व स्तर पर दबाव पड़ रहा है. भारत भी चाइना के खिलाफ ना हो जाए. इसलिए चीन भारत पर दबाव बनाए रखना चाहता है. इसके चलते चाइना ने पिछले 6 हफ्तों से भारत में गलत तरीके से कई इलाकों में घुसपैठ की है.
उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की झड़पें हुई हैं, मगर इस प्रकार से खून खराबा नहीं हुआ. वहीं जिस सीमा को लेकर विवाद है वो पैगंक्सो लेक है, इसके आसपास के इलाके में लंबे समय से घुसपैठ की जा रही है. जब बिहार पलटन पेट्रोलिंग के लिए गई, तो पहले से योजना बनाकर सैनिकों पर हमला कर दिया. चीन के भी कई सैनिक इस झड़प में मारे गए हैं.
कुलदीप सिंह काहलों ने कहा कि भारत सरकार को तुरंत आगामी रणनीति को लेकर फैसला करना होगा. वहीं इस मुद्दे को मजबूती से उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोकल एक्शन भी जरूरी है. हालांकि उन्होंने कहा कि जंग के हालात नहीं होनी चाहिए. इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. मगर जिस तरह से शहादत हुई है, उसके बाद जवानों में भी इसको लेकर गुस्सा है.
क्या है जरूरी
- जिन हथियारों की खरीद भारत सरकार कर रही हैं, उनको जल्द पूरा किया जाए.
- उन्होंने कहा हमारा एयर डिफेंस सिस्टम कुछ कमजोर है, इसके लिए एस 400 या राफेल समेत अन्य डील पूरी कर उनको सरकार मंगाए .
- इशारों में कही आरएसएस के कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने की बात.
- सरकार राज्यों की फोर्सिस को आर्मी ट्रेनिंग दे.
कुलदीप सिंह काहलों का सुझाव
कुलदीप सिंह काहलों ने कहा कि चीन और भारत के बीच आपस में कई दशकों से गोली नहीं चली है. चीन के सैनिक ने डंडे से हमला करते हैं. जिनमें कटीली तारें और लोहे की रॉड का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई प्रदेश में अपनी स्टेट फोर्स हैं. कई राज्यों में डंडा फोर्स हैं (आरएसएस) कार्यकर्ता हैं, जो डंडे के साथ परेड करते हैं और अपने दायरे में ट्रेनिंग भी दें. इन जवानों को आर्मी ट्रेनिंग के साथ उतारा जाए.
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