चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते जहां कई काम पूरी तरह से ठप हैं. वहीं प्रदेश भर में 1 लाख 20 हजार से ज्यादा ट्रक ड्राइवर और इनके परिवारों के सामने भी परेशानियां बढ़ी हैं. ट्रकों का काम पूरी तरह से ठप है और इनके साथ जुड़े क्लीनर और ट्रांन्सपोर्ट एरिया में काम करने वाले पल्लेदार मजदूर भी चिंताओं में घिरे हैं. महज 2 से 3 प्रतिशत से भी कम ट्रक चालक ही जरूरी वस्तुओं की आपूर्तियों के लिए सड़कों पर है. वहीं कोरोना जैसे घातक वायरस के खतरे के बीच जरूरी सामने को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाले ट्रक ड्राइवर भी अपना काम बखूबी करते हुए बाजार में लोगों को आवश्यकत वस्तुओं की आपूर्ति को पूरा करने में जुटे हैं.
ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने काम ठप हो जाने के चलते परेशानियों से जूझ रहे ट्रक ड्राइवरों से बात की. वहीं इस मुश्किल हालातों में काम कर रहे ट्रक ड्राइवरों से भी बात की.
1 लाख 20 हजार से ज्यादा ड्राइवर हुए प्रभावित
ट्रक ड्राइवरों के लिए भी यह दौर बेहद मुश्किलों भरा है. काम पूरी तरह से ठप हो चुका है. हरियाणा में 1 लाख 20 हजार से अधिक छोटे-बड़े ट्रक डंपर चलते हैं. जहां ट्रांसपोर्टर के पास अधिकतर ड्राइवर सामान यहां से वहां पहुंचाने का काम करते हैं. वो इसके अलावा हरियाणा में खनन, ईंट, भट्ठों समेत दूसरे कामों में भी बड़ी संख्या में ट्रकों का काम चलता है. लॉक डाउन के बीच बंद हो चुके हैं काम-धंधे के बारे में हमने जानना चाहा तो ट्रक ड्राइवरों के अनुसार ऐसा समय उन्होंने कभी नहीं देखा था.
पल्लेदार मजदूर हुए बेरोजगार
जहां परिवार चलाने की चिंता इन लोगों को सता रही है. वहीं ट्रकों की किस्तें देना और अपने घरों तक पहुंचना भी कुछ चालकों के लिए चुनौती बना हुआ है. ट्रक ड्राइवरों की माने तो सामान एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा कर रोजाना परिवार चलाते हैं मगर लॉकडाउन के बाद से पूरी तरह से काम बंद है. वहीं ट्रक ड्राइवरों के साथ अलग-अलग ट्रांसपोर्ट प्वाइंट पर सामान ढोने का काम करने वाले पल्लेदार मजदूर भी ट्रकों का काम बंद हो जाने के चलते बेरोजगार हो चुके हैं. ट्रकों में सामान लोड करवा कर किसी तरह अपनी रोजी चलाने वाले यह मजदूर भी जेब से खाली हो चुके है.
खौफ के साए में भी कर रहे हैं कुछ ड्राइवर काम
एक तरफ जहां ट्रांसपोर्ट एरिया में काम पूरी तरह से ठप पड़ा नजर आ रहा है. वहीं मंडियों में कुछ ट्रक चालक कोरोना वायरस के इस खतरे के बीच भी अपने काम को बखूबी पूरा करते नजर आ रहे हैं. कोरोना वायरस के खतरे के बीच काम करने वाले ट्रक ड्राइवरों से हमने बात की तो उनका कहना था कि आवश्यक वस्तुएं जिसमें राशन, दवाइयां समेत सब्जियों को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
उनका कहना था कि परिवार चलाने की मजबूरी भी है और साथ ही अगर यह लोग सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं पहुंचाएंगे. लोगों को उनकी जरूरत का सामान नहीं मिल पाएगा. ऐसे में काम करना भी बेहद जरूरी है. वहीं जब इनसे कोरोना वायरस के खतरे के बीच खुद को सुरक्षित रखने के बारे में जब इन लोगों से पूछा गया तो उनका कहना था कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए अपना काम करते हैं. साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क और ग्लब्स का इस्तेमाल करते हैं और समय-समय पर हाथों को धोना एवं सैनिटाइज करते हुए सावधानी भी बरतते हैं.
होटल और ढाबे बंद होने से ड्राइवर भी परेशान
हालांकि कोरोना वायरस के संकट के बीच यह लोग जरूरत के सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम तो कर रहे हैं. मगर इनके सामने जो चुनौती खड़ी है उससे भी इन्हें दो चार होना पड़ता है. अक्सर लंबे रूट पर चलते हुए ढाबे और होटल बंद होने के चलते खाने पीने की व्यवस्था करने में परेशानी पेश आती है.
गौरतलब है कि कोरोना के चलते आने वाले समय में लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहे ट्रक ड्राइवरों को उम्मीद है कि सब कुछ सामान्य होने के बाद फिर से सड़कों पर ट्रक सड़कों पर दौड़ा पाएंगे.इन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है, क्योंकि इन्हें अपने परिवार का गुजर बसर करना भी जरूरी है.