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लॉकडाउन: 15 दिन में फूल किसानों को करोड़ों का नुकसान, खेतों में फसल बर्बाद

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Published : Apr 11, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 8:55 PM IST

हरियाणा में लॉक डाउन की वजह से पूरे प्रदेश में फूलों की खेती पर बड़ा असर पड़ा है. 50 से 70 हजार रुपये प्रति एकड़ लागत लगाने के बाद किसान अपनी फसलों को खुद ही बर्बाद करने पर मजबूर हो चुके हैं, विस्तार से पढ़ें.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
लॉकडाउन: 15 दिन में फूल किसानों को करोड़ों का नुकसान, खेतों में फसल बर्बाद

कुरुक्षेत्र/जींद: वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस का असर फूलों की खेती करने वाले किसानों पर भी देखने को मिला है. इस बार लॉकडाउन के चलते पहले नवरात्र और अब शादी समारोहों पर भी खास असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में फूल उत्पादकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं.

देशभर के कृषि व्यापारियों और किसानों को बड़ा घाटा सहना पड़ रहा है. मार्किट बंद होने से जहां एक तरफ कृषि व्यापारियों का माल या तो गोदामों में पड़े-पड़े सड़ रहा है या फिर मार्किट में ग्राहक के इंतजार में खराब हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसान इस बात से परेशान है कि उनकी फसल ना ही व्यापारी खरीद रहा है, और ना ही वो खुद मंडी जा कर बेच पा रहा है.

15 दिन में फूल किसानों को करोड़ों का नुकसान, रिपोर्ट

कुरुक्षेत्र के फूल उगाने वाले किसान हुए मायूस

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में बड़े पैमाने पर गुलाब और गेंदे के फूलों की खेती की जाती है, लेकिन इस बार यहां फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. हालात ये हैं कि किसान इतने मजबूर हो गये हैं कि अब इन्होंने अपनी खड़ी फसल को खेत में ही काट कर जुताई करने का फैसला किया है.

फूलों की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि जब फूल क्षेत्रों में तैयार हो गए और उन्हें यह इंतजार था कि नवरात्र के मौके पर उनके फूलों की बिक्री बढ़ जाएगी, हर बार नवरात्र के त्यौहार में इनकी फसल के काफी अच्छे मिलते हैं, लेकिन इस बार अचानक हुए लॉक डाउन से इनकी एक रुपये की भी बिक्री नहीं हुई. ना इन्हें कोई खरीददार मिला ना ही किसी धार्मिक स्थल से ऑर्डर आया.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
खेतों में खड़ी गेंदे की फसल हो रही है बर्बाद

लाखों का हुआ नुकसान

यहां किसानों ने एक एकड़ खेत में 35 से 50 हजार रुपये की लागत से पौधे लगाए हैं. उन्हें अंदाजा था कि इस बार उन्हें लगभग प्रति एकड़ डेढ़ से दो लाख रुपये का मुनाफा होगा, मगर कोरोना वायरस ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. अगर कुरुक्षेत्र जिले की बात करें तो यहां लगभग 450 एकड़ भूमि पर सिर्फ जाफरी नस्ल में फूलों की खेती की जाती है. बाजार में इन फूलों का 25 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिल्ली, यूपी और चंडीगढ़ के मार्किट में खरीद होती है. किसानों का कहना है कि नवरात्री में यहां हर रोज करीब 8 से 10 लाख रुपए का फूल दिल्ली और आस-पास के अन्य शहरों में जाता है. लॉकडाउन के वजह से करीब 50 से 60 लाख रुपये का नुकसान किसानों को हुआ है.

जींद में भी लाखों की फसल बर्बाद

जींद में भी लाखों रुपए की गुलाब और गेंदे के फूलों की खड़ी खेती खराब हो रही है. यहां से कई राज्यों में गुलाब और गेंदे के फूल सप्लाई होते थे. लॉकडाउन के चलते एक भी फूल नहीं बिक रहा है, जिसके चलते किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है. फूलों की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इस मौसम में फूलों की बहुत अधिक लागत होती है, लेकिन अब लोग डाउन की वजह से मार्केट में कोई डिमांड नहीं है. फूलों की खेती खड़ी-खड़ी खराब हो रही है.

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खेतों में खड़ी फसलों पर खराब हो रहे हैं फूल

पूरे हरियाणा में करोड़ों का फूल व्यापार चौपट

कोरोना वयारस की वजह से लॉक डाउन में पूरे हरियाणा से पिछले एक महीने में कोरोड़ों रुपये के फूलों का धंधा चौपट हुआ है. फरवरी के महीने में हरियाणा के पंचकूला, यमुनानगर, पानीपत, फतेहाबाद, जींद और पलवल में 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन गुलाब मार्किट में पहुंचाया गया. वहीं पूरे हरियाणा से 71 हजार 470 टन गेंदे की फसल को मार्केट तक भेजा गया.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
कुरुक्षेत्र में है 450 एकड़ फूलों की खेती

इसके साथ-साथ ग्लेडियोलस, लीली, और गुल दाउदी के फूलों की करीब 1 लाख 15 हजार टन की फसल मंडियों तक पहुंची, लेकिन पिछले 15 दिनों से ना फूल बाजार गए, ना ही मंदिरों में. क्योंकि ना भक्त पूजा कर रहे हैं ना ही कोई शादी समारोह किया जारहा है और ना ही कहीं कोई कार्यक्रम किया जा रहा है. सरकार ने बेशक किसानों को छूट दी है, लेकिन ये फैसला फूल की खेती करने वाले किसानों को राहत नहीं देता, क्योंकि जब ग्राहक फूलों का डिंमाड़ ही नहीं कर रहा है तो किसान अपनी फसलों को कहां लेकर जाएगा.

ये पढ़ें- लॉक डाउन में ट्रांस्पोर्टर्स को लगा बड़ा झटका, प्रवासी ड्राइवर भूखे रहने को मजबूर

कुरुक्षेत्र/जींद: वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस का असर फूलों की खेती करने वाले किसानों पर भी देखने को मिला है. इस बार लॉकडाउन के चलते पहले नवरात्र और अब शादी समारोहों पर भी खास असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में फूल उत्पादकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं.

देशभर के कृषि व्यापारियों और किसानों को बड़ा घाटा सहना पड़ रहा है. मार्किट बंद होने से जहां एक तरफ कृषि व्यापारियों का माल या तो गोदामों में पड़े-पड़े सड़ रहा है या फिर मार्किट में ग्राहक के इंतजार में खराब हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसान इस बात से परेशान है कि उनकी फसल ना ही व्यापारी खरीद रहा है, और ना ही वो खुद मंडी जा कर बेच पा रहा है.

15 दिन में फूल किसानों को करोड़ों का नुकसान, रिपोर्ट

कुरुक्षेत्र के फूल उगाने वाले किसान हुए मायूस

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में बड़े पैमाने पर गुलाब और गेंदे के फूलों की खेती की जाती है, लेकिन इस बार यहां फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. हालात ये हैं कि किसान इतने मजबूर हो गये हैं कि अब इन्होंने अपनी खड़ी फसल को खेत में ही काट कर जुताई करने का फैसला किया है.

फूलों की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि जब फूल क्षेत्रों में तैयार हो गए और उन्हें यह इंतजार था कि नवरात्र के मौके पर उनके फूलों की बिक्री बढ़ जाएगी, हर बार नवरात्र के त्यौहार में इनकी फसल के काफी अच्छे मिलते हैं, लेकिन इस बार अचानक हुए लॉक डाउन से इनकी एक रुपये की भी बिक्री नहीं हुई. ना इन्हें कोई खरीददार मिला ना ही किसी धार्मिक स्थल से ऑर्डर आया.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
खेतों में खड़ी गेंदे की फसल हो रही है बर्बाद

लाखों का हुआ नुकसान

यहां किसानों ने एक एकड़ खेत में 35 से 50 हजार रुपये की लागत से पौधे लगाए हैं. उन्हें अंदाजा था कि इस बार उन्हें लगभग प्रति एकड़ डेढ़ से दो लाख रुपये का मुनाफा होगा, मगर कोरोना वायरस ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. अगर कुरुक्षेत्र जिले की बात करें तो यहां लगभग 450 एकड़ भूमि पर सिर्फ जाफरी नस्ल में फूलों की खेती की जाती है. बाजार में इन फूलों का 25 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिल्ली, यूपी और चंडीगढ़ के मार्किट में खरीद होती है. किसानों का कहना है कि नवरात्री में यहां हर रोज करीब 8 से 10 लाख रुपए का फूल दिल्ली और आस-पास के अन्य शहरों में जाता है. लॉकडाउन के वजह से करीब 50 से 60 लाख रुपये का नुकसान किसानों को हुआ है.

जींद में भी लाखों की फसल बर्बाद

जींद में भी लाखों रुपए की गुलाब और गेंदे के फूलों की खड़ी खेती खराब हो रही है. यहां से कई राज्यों में गुलाब और गेंदे के फूल सप्लाई होते थे. लॉकडाउन के चलते एक भी फूल नहीं बिक रहा है, जिसके चलते किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है. फूलों की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इस मौसम में फूलों की बहुत अधिक लागत होती है, लेकिन अब लोग डाउन की वजह से मार्केट में कोई डिमांड नहीं है. फूलों की खेती खड़ी-खड़ी खराब हो रही है.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
खेतों में खड़ी फसलों पर खराब हो रहे हैं फूल

पूरे हरियाणा में करोड़ों का फूल व्यापार चौपट

कोरोना वयारस की वजह से लॉक डाउन में पूरे हरियाणा से पिछले एक महीने में कोरोड़ों रुपये के फूलों का धंधा चौपट हुआ है. फरवरी के महीने में हरियाणा के पंचकूला, यमुनानगर, पानीपत, फतेहाबाद, जींद और पलवल में 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन गुलाब मार्किट में पहुंचाया गया. वहीं पूरे हरियाणा से 71 हजार 470 टन गेंदे की फसल को मार्केट तक भेजा गया.

haryana flower farmers in loss of crore in last 15 days
कुरुक्षेत्र में है 450 एकड़ फूलों की खेती

इसके साथ-साथ ग्लेडियोलस, लीली, और गुल दाउदी के फूलों की करीब 1 लाख 15 हजार टन की फसल मंडियों तक पहुंची, लेकिन पिछले 15 दिनों से ना फूल बाजार गए, ना ही मंदिरों में. क्योंकि ना भक्त पूजा कर रहे हैं ना ही कोई शादी समारोह किया जारहा है और ना ही कहीं कोई कार्यक्रम किया जा रहा है. सरकार ने बेशक किसानों को छूट दी है, लेकिन ये फैसला फूल की खेती करने वाले किसानों को राहत नहीं देता, क्योंकि जब ग्राहक फूलों का डिंमाड़ ही नहीं कर रहा है तो किसान अपनी फसलों को कहां लेकर जाएगा.

ये पढ़ें- लॉक डाउन में ट्रांस्पोर्टर्स को लगा बड़ा झटका, प्रवासी ड्राइवर भूखे रहने को मजबूर

Last Updated : Apr 11, 2020, 8:55 PM IST
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