चंडीगढ़: हरियाणा में हुए भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने एक प्रेस कान्फ्रेंस की. इस दौरान सुरजेवाला ने कहा कि 17 नवंबर, 2021 को हरियाणा के ‘महाव्यापम नौकरी घोटाले’ के उजागर होने के लगभग एक महीने बाद एक बात साफ है कि नौकरियों की दलाली खा रहे ‘दुर्योधनों’ को ‘धृतराष्ट्र’ की तरह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का समर्थन और संरक्षण हासिल (randeep surjewala comments on hpsc recruitment scam)है. खट्टर सरकार अपराधियों को जाँच के दायरे से बचाकर ‘ऑपरेशन एयरलिफ्ट’ चला रही है. वहीं शैलजा ने कहा कि रणदीप ने सरकार के कई घोटालों को उजागर किया. एचपीएससी के हर पेपर में घोटाले किए जा रहे हैं. युवाओं के साथ धोखे पर धोखा किया गया.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार नौकरी भर्ती नीलामी कांड से बचने वाली नहीं है. 29 दिन बीत जाने के बाद एक बात साफ है कि सरकार और सीएम अपराधियों को बचाने का काम कर रहे हैं. मुख्य आरोपी जसबीर बलहारा को चैयरमैन आलोक वर्मा ने वापस रख लिया. जसबीर को गिरफ्तार नहीं किया. इसके विपरीत आलोक वर्मा ने उसकी कंपनी को क्लीनचिट देने जा रही है.सुरेजवाला ने कहा कि दोनों के बीच ऐसा कौन सा रिश्ता है जो सरकार को जांच से रोक रहा है. ऐसा मुख्यमंत्री की सहमित के बिना नहीं हो सकता था. 29 दिन बीत जाने के बाद भी डेंटल सर्जन पेपर रद्द नहीं हुआ और न ही एचसीएस प्री का पेपर रद्द हुआ. एचएसएससी में विजिलेंस ने कदम तक नहीं रखा. डेंटल सर्जन, एएनएम, वीएलडीए में आरोपी किसी कैंडीडेंट को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया.
सुरजेवाला के मुताबिक खानापूर्ति के लिए कुछ कैंडिडेट को नोटिस जारी कर दिया. सुरजेवाला ने कहा कि घोटाले की परतों को दफन करने की फ़िराक में लगी खट्टर सरकार व विजलेंस विभाग को 3 हफ्तों से सांप सूंघा हुआ है. प्रदेश के लाखों युवा खून के आँसू रो रहे हैं और मुख्यमंत्री उत्सव मना रहे हैं. जाँच को रफा-दफा करने में आज तक ऐसी निर्लज्जता और बेहयाई का कोई उदाहरण देश में और कही नहीं दिखा है. विजिलेंस की टीम हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन जांच करने नहीं गई और न किसी को गिरफ्तार किया. पूरे मामले रफा- दफा किया जा रहा है.
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सुरजेवाला ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल के एग्जाम में भी लीपापोती की गई. हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने जल्दीबाजी में रिजल्ट निकाल दिया. दो शिफ्टों में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा कराई गई. इसमें कुल 24 अलग-अलग पेपर कैंडिडेट्स को दिए गए. इसके बाद 22 सितंबर को नया आदेश दिया गया कि 24 पेपरों की नॉर्मलाइजेशन की जाएगी. 3 लाख 77 हजार बच्चों की नॉर्मलाइजेशन करेंगे. यही नहीं सुरजेवाला ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर आयोग ने जो परीक्षा ली थी उस पेपर को डीजीपी पास कर लें तो मैं मान जाउंगा. सरकार ने इसके लिए ना ही रॉ मार्क्स रिलीज किए और ना ही नॉर्मलाइजेशन किस प्रकार से की जाए उसे कम या ज्यादा किया जाय. इसके बावजूद कैंडिडेट्स को फिजिकल टेस्ट के लिए बुला लिया गया.
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सुरजेवाला ने कहा कि सिक्योरिटी पुलिस करेगी, फिजिकल टेस्ट प्राइवेट एजेंसी करेगी और इसकी वीडियोग्राफी नहीं करेगी. स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने मान लिया कि 41 सब इंस्पेक्टर और 9 महिला सब इंस्पेक्टर का गलत चयन किया गया. इसके अलावा पांच सौ सोलह पुलिस कमांडो की डॉक्यूमेंट वैधता के वक्त दोनों का मिलान नहीं हो रहा. सुरजेवाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि फिंगर प्रिंट और बायोमेट्रिक का मिलान क्यों नहीं किया जा रहा. इसका भी ठेका प्राइवेट एजेंसी के पास है. प्राइवेट एजेंसी पैसे लेकर कुछ भी कर सकती है. सुरजेवाला ने कहा कि विजिलेंस ने इस पूरे मामले की भ्रूण हत्या कर दी है. अनिल नागर, अश्विनी, नवीन का दोबारा रिमांड भी नहीं मांगा गया. इससे सरकार और विजिलेंस की मंशा साफ जाहिर हो रही है वे अब इस मामले की जांच करना ही नहीं चाहते. इससे यह साफ जाहिर होता है कि पूरा मामला अब रफा दफा कर दिया गया है.
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