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रामपाल के अनुयायी सड़क पर बांट रहे थे विवादित पुस्तकें, गिरफ्तार - विवादित किताब बांटते हुए गिरफ्तार रामपाल

इंदौर में रामपाल के अनुयायी पकड़े गए हैं. जो सड़क पर ऐसी पुस्तकें बांट रहे थे, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है. पुलिस ने तीन आरोपियों का गिरफ्तार किया है. साथ ही उनके कब्जे से आपत्तिजनक पुस्तकें भी जब्त कर लीं गईं हैं.

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रामपाल के अनुयायी सड़क पर बांट रहे थे विवादित पुस्तकें, गिरफ्तार
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Published : Feb 3, 2021, 10:13 PM IST

चंडीगढ़/इंदौर: शहर में एक पार्षद ने कुछ लोगों पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान करने का आरोप लगाया है. पूर्व पार्षद लोकेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि आरोपी चाणक्यपुरी चौराहे पर कुछ आपत्तिजनक पुस्तकें बेच रहे थे. जिसमें खुले तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है.

जांच कर आगे की कार्रवाई

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के कब्जे से जो पुस्तकें मिलीं हैं. उनका कंटेंट आपत्तिजनक है. सीएसपी बीएस परिहार ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है. तथ्यों के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

विवादित पुस्तके बांटते पकड़े गए रामपाल के अनुयायी, देखिए वीडियो

कौन है रामपाल ?

कहा जा रहा है कि आरोपियों ने खुद को सतलोक आश्रम के रामपाल का अनुयायी बताया है. ये वही रामपाल है,जो हरियाणा के हिसार में धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर अपना धंधा चला रहा था. आश्रम की आड़ में गैर-कानूनी कार्य करता था. रामपाल 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था. जिसके चलते कोर्ट ने उसे मरते दम तक जेल की सजा सुनाई थी.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में 10 वर्षों से नहीं बनी महिला मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी वाली सड़क

अलग धर्म बनाना चाहता था रामपाल

रामपाल अपना अगल धर्म बनाना चाहता था. इसके लिए उसके कबीरपंथी अनुयायियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र भी लिखा था. उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की मांग की थी. इस पत्र को निरस्त करते हुए जवाब दिया गया था कि कबीरपंथी कोई अलग धर्म नहीं है और इसका अनुयायी कोई भी हो सकता है. माना जाता है कि अभी कई लोग इस पंथ से जुड़े हुए हैं. जो इस विचारधार को मानते हैं. उनका मानना है कि रामपाल ही सब कुछ है. वही परम सत्य है.

ये भी पढ़ें: अंबाला में नीचे लटकी बिजली की तारें बनी जी का जंजाल, दे रही हादसों को न्यौता

रामपाल की गिरफ्तारी में खर्च हुए थे 50 करोड़

साल 2014 में रामपाल को गिरफ्तार करने में हरियाणा पुलिस के पसीने छूट गए थे. कुल 18 दिन तक चली लुका-छुपी के बाद पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इस पूरे ऑपरेशन पर राज्य पुलिस के 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुए थे. 19 नंबर 2014 की रात 9 बजकर 21 मिनट पर रामपाल को गिरफ्तार किया गया था.

ये भी पढ़ें- अंबाला: एनिस्थिसिया और स्टाफ की कमी की वजह से नहीं हो पा रही कुत्तों की नसबंदी

'एमपी में अभी भी रामपाल को मानने वाले'

माना जाता है कि अभी भी रामपाल के कई अनुयायी हैं. इनमें एमपी का मालवा क्षेत्र भी शामिल है. कहा जाता है कि एक जमाने में रामपाल एमपी में आश्रम खोलना चाहता था. जिसकी लागत करीब 50 करोड़ रूपए थी. लेकिन उसका सपना अधूरा रह गया. अब इंदौर में फिर उसकी विचारधारा वाले लोग सामने आए हैं. ये वही कर रहे हैं, जो एक समय में रामपाल के नेतृत्व में हरियाणा में आर्य समाज के साथ किया था. हालांकि इंदौर पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है. हाल में ही इंदौर हुई घटनाओं के चलते पुलिस अलर्ट है.

चंडीगढ़/इंदौर: शहर में एक पार्षद ने कुछ लोगों पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान करने का आरोप लगाया है. पूर्व पार्षद लोकेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि आरोपी चाणक्यपुरी चौराहे पर कुछ आपत्तिजनक पुस्तकें बेच रहे थे. जिसमें खुले तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है.

जांच कर आगे की कार्रवाई

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के कब्जे से जो पुस्तकें मिलीं हैं. उनका कंटेंट आपत्तिजनक है. सीएसपी बीएस परिहार ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है. तथ्यों के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

विवादित पुस्तके बांटते पकड़े गए रामपाल के अनुयायी, देखिए वीडियो

कौन है रामपाल ?

कहा जा रहा है कि आरोपियों ने खुद को सतलोक आश्रम के रामपाल का अनुयायी बताया है. ये वही रामपाल है,जो हरियाणा के हिसार में धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर अपना धंधा चला रहा था. आश्रम की आड़ में गैर-कानूनी कार्य करता था. रामपाल 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था. जिसके चलते कोर्ट ने उसे मरते दम तक जेल की सजा सुनाई थी.

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अलग धर्म बनाना चाहता था रामपाल

रामपाल अपना अगल धर्म बनाना चाहता था. इसके लिए उसके कबीरपंथी अनुयायियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र भी लिखा था. उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की मांग की थी. इस पत्र को निरस्त करते हुए जवाब दिया गया था कि कबीरपंथी कोई अलग धर्म नहीं है और इसका अनुयायी कोई भी हो सकता है. माना जाता है कि अभी कई लोग इस पंथ से जुड़े हुए हैं. जो इस विचारधार को मानते हैं. उनका मानना है कि रामपाल ही सब कुछ है. वही परम सत्य है.

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रामपाल की गिरफ्तारी में खर्च हुए थे 50 करोड़

साल 2014 में रामपाल को गिरफ्तार करने में हरियाणा पुलिस के पसीने छूट गए थे. कुल 18 दिन तक चली लुका-छुपी के बाद पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इस पूरे ऑपरेशन पर राज्य पुलिस के 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुए थे. 19 नंबर 2014 की रात 9 बजकर 21 मिनट पर रामपाल को गिरफ्तार किया गया था.

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'एमपी में अभी भी रामपाल को मानने वाले'

माना जाता है कि अभी भी रामपाल के कई अनुयायी हैं. इनमें एमपी का मालवा क्षेत्र भी शामिल है. कहा जाता है कि एक जमाने में रामपाल एमपी में आश्रम खोलना चाहता था. जिसकी लागत करीब 50 करोड़ रूपए थी. लेकिन उसका सपना अधूरा रह गया. अब इंदौर में फिर उसकी विचारधारा वाले लोग सामने आए हैं. ये वही कर रहे हैं, जो एक समय में रामपाल के नेतृत्व में हरियाणा में आर्य समाज के साथ किया था. हालांकि इंदौर पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है. हाल में ही इंदौर हुई घटनाओं के चलते पुलिस अलर्ट है.

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