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सैन्य अधिकारी को उनकी मर्जी के मुताबिक पोस्टिंग नहीं दी जा सकती- हाई कोर्ट - पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट सीमा सुरक्षा बल याचिका

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी सैन्य अधिकारी को उनकी मर्जी के मुताबिक पोस्टिंग नहीं दी जा सकती.

punjab haryana high court
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Published : Aug 5, 2020, 11:24 AM IST

चंडीगढ़: सीमा सुरक्षा बल से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि सैन्य अधिकारी को उनकी मर्जी के अनुसार पोस्टिंग नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बीएसएफ एक सुरक्षा बल है. इस तरह के बल के कर्मचारियों को मनचाही पोस्टिंग नहीं दी जा सकती.

ये कहते हुए हाई कोर्ट ने सैन्य अधिकारी की याचिका खारिज कर दी. दरअसल चंडीगढ़ में तैनात डिप्टी कमंडेट राजेन्द्र सिंह हुंदल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनका तबादला राजस्थान कर दिया गया है. उसकी सेवानिवृत्त में अब केवल 2 साल बाकी हैं. उसके दो बच्चे हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं. अगर तबादला हुआ तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी.

ये भी पढ़ें- बरोदा उपचुनाव के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल नियुक्त किए गए बीजेपी चुनाव प्रभारी

याची ने कहा कि यदि तबादला किया जाता है तो सरकार पर भी राजस्व का बोझ पड़ेगा, इसलिए तबादले पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता की दलीलों पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि डिप्टी कमांडेंट की पोस्टिंग चंडीगढ़ में 3 साल के लिए ही होती है, जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता. सभी पक्षों की दलीलों सुनने के बाद हाइकोर्ट ने तबादले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी नई बटालियन में जाकर ज्वाइन कर देश की सेवा करने की हिदायत दी.

चंडीगढ़: सीमा सुरक्षा बल से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि सैन्य अधिकारी को उनकी मर्जी के अनुसार पोस्टिंग नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बीएसएफ एक सुरक्षा बल है. इस तरह के बल के कर्मचारियों को मनचाही पोस्टिंग नहीं दी जा सकती.

ये कहते हुए हाई कोर्ट ने सैन्य अधिकारी की याचिका खारिज कर दी. दरअसल चंडीगढ़ में तैनात डिप्टी कमंडेट राजेन्द्र सिंह हुंदल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनका तबादला राजस्थान कर दिया गया है. उसकी सेवानिवृत्त में अब केवल 2 साल बाकी हैं. उसके दो बच्चे हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं. अगर तबादला हुआ तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी.

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याची ने कहा कि यदि तबादला किया जाता है तो सरकार पर भी राजस्व का बोझ पड़ेगा, इसलिए तबादले पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता की दलीलों पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि डिप्टी कमांडेंट की पोस्टिंग चंडीगढ़ में 3 साल के लिए ही होती है, जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता. सभी पक्षों की दलीलों सुनने के बाद हाइकोर्ट ने तबादले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी नई बटालियन में जाकर ज्वाइन कर देश की सेवा करने की हिदायत दी.

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