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नायब तहसीलदारों के 70 पदों की भर्ती को हाई कोर्ट की हरी झंडी, माना नहीं लीक हुआ था पेपर

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने दो याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पेपर लीक करने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. लिहाजा हाई कोर्ट ने इसी आधार पर इस परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है .

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Published : Aug 29, 2019, 1:31 PM IST

नायब तहसीलदारों के 70 पदों की भर्ती को HC की हरी झंडी

चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने नायब तहसीलदारों के 70 पदों पर हुई भर्ती को हरी झंडी दिखाई है. कोर्ट ने दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली दो याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि 26 मई को प्रदेशभर में हुए नायब तहसीलदार की लिखित परीक्षा के पेपर लीक नहीं हुए थे.
कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पेपर लीक होने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में ये कहना गलत है की नायब तहसीलदार की परीक्षा के पेपर लीक हुए थे.

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हाई कोर्ट ने खारिज की पेपर लीक से जुड़ी 2 याचिकाएं
हाई कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि जो तथ्य कोर्ट के सामने रखे गए हैं. उससे ये साबित नहीं होता की पेपर लीक हुआ था. कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक करने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. लिहाजा हाई कोर्ट ने इसी आधार पर इस परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

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26 मई 2019 को होनी थी परीक्षा
बता दें कि पेपर लीक होने का हवाला देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थी. याचिका के बाद कोर्ट ने एचपीएससी को नोटिस जारी किया. जिसके जवाब में एचपीएससी ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 2 लाख 60 हजार आवेदन आए थे. 26 मई को हुई इस परीक्षा के लिए राज्य भर में 808 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. पुलिस ने मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

कोर्ट ने माना पेपर नहीं हुआ लीक
हाई कोर्ट ने एचपीएससी की तरफ से दी गई जानकारी के बाद कहा कि इस पूरे खुलासे से ये साफ है कि इससे पहले कि ये पेपर लीक किया जाता आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जिनके लिए इस पेपर को लीक किया जाना था उन तक पेपर पहुंचा ही नहीं. इस मामले की जांच अभी भी जारी है और ऐसे में इस पूरी परीक्षा पर सवाल उठाना सही नहीं है. लिहाजा हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है

चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने नायब तहसीलदारों के 70 पदों पर हुई भर्ती को हरी झंडी दिखाई है. कोर्ट ने दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली दो याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि 26 मई को प्रदेशभर में हुए नायब तहसीलदार की लिखित परीक्षा के पेपर लीक नहीं हुए थे.
कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पेपर लीक होने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में ये कहना गलत है की नायब तहसीलदार की परीक्षा के पेपर लीक हुए थे.

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हाई कोर्ट ने खारिज की पेपर लीक से जुड़ी 2 याचिकाएं
हाई कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि जो तथ्य कोर्ट के सामने रखे गए हैं. उससे ये साबित नहीं होता की पेपर लीक हुआ था. कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक करने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. लिहाजा हाई कोर्ट ने इसी आधार पर इस परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

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26 मई 2019 को होनी थी परीक्षा
बता दें कि पेपर लीक होने का हवाला देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थी. याचिका के बाद कोर्ट ने एचपीएससी को नोटिस जारी किया. जिसके जवाब में एचपीएससी ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 2 लाख 60 हजार आवेदन आए थे. 26 मई को हुई इस परीक्षा के लिए राज्य भर में 808 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. पुलिस ने मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

कोर्ट ने माना पेपर नहीं हुआ लीक
हाई कोर्ट ने एचपीएससी की तरफ से दी गई जानकारी के बाद कहा कि इस पूरे खुलासे से ये साफ है कि इससे पहले कि ये पेपर लीक किया जाता आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जिनके लिए इस पेपर को लीक किया जाना था उन तक पेपर पहुंचा ही नहीं. इस मामले की जांच अभी भी जारी है और ऐसे में इस पूरी परीक्षा पर सवाल उठाना सही नहीं है. लिहाजा हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है

Intro:एंकर -
हरियाणा में नायब तहसीलदारों के 70 पदों के लिए 26 मई को हुई लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के खिलाफ दायर दो अलग-अलग याचिकाओं को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है । हाई कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य उनके सामने लाए गए हैं उससे यह साबित नहीं होता की पेपर लीक हुआ था जिनके लिए पेपर और आंसर की लीक किए जाने की कोशिश की गई थी लीक करने वालों को उससे पहले ही पकड़ लिया गया था लिहाजा हाई कोर्ट ने इसी आधार पर इस परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है । इससे पहले पेपर लीक होने का हवाला देकर दायर दो याचिकाओं के माध्यम से परीक्षा को लेकर सवाल खड़े किए गए थे । मामले में हाईकोर्ट के नोटिस के जवाब में एचपीएससी ने बताया था कि इस परीक्षा के लिए 2 लाख 60 हजार आवेदन आए थे 26 मई को हुई इस परीक्षा के लिए राज्य भर में 808 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे । पुलिस ने मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जांच में सामने आया कि हिसार के दो भाईयों को यह आंसर की लीक की जानी थी जिनके रेवाड़ी के दो अलग-अलग स्कूलों में परीक्षा केंद्र थे । प्रश्न पत्र जारी होने के बाद व्हाट्सएप के जरिये इन्हे बाहर एक अन्य व्यक्ति को भेजा गया जिसने प्रश्न पत्र सॉल्व कर उसकी आंसर-की वापिस भेज दी , लेकिन इससे पहले कि यह आंसर की दोनों भाईयों के तक पहुंचती आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया । ऐसे में इसे पेपर लीक का ममला नहीं माना जा सकता है । Body:हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं के माध्यम से पेपर लीक होने के चलते भर्ती परीक्षा पर सवाल उठाए गए थे ।
हाईकोर्ट ने एचपीएससी की तरफ से दी गई जानकारी के बाद कहा , इस पुरे खुलासे से यह साफ़ है कि इससे पहले कि यह पेपर लीक किया जाता आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया । जिनके जिनके लिए इस पेपर को लीक किया जाना था उन तक पेपर नही पहुंचा । इस मामले की जांच अभी जारी है और ऐसे में इस पूरी परीक्षा पर सवाल उठाना सही नहीं है लिहाजा हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर दोनों याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है ।Conclusion:वही पेपर लीक पर एचपीएससी ने बताया है कि पुलिस ने मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था
। इस मामले में अभी तक एक करनाल के एक निजी स्कूल के सेंटर सुपरवाईजर सहित एक अन्य कर्मी को गिरफ्तार किया जा चूका है , गुरुग्राम में जिस व्यक्ति के पास प्रश्न पत्र व्हाट्सएप के जरिये सॉल्व करने के लिए भेजा गया था उसे और सॉल्व हो जाने के बाद जिस व्यक्ति को आगे दोनों भाईयों को यह भेजा जाना था उन सभी को भी गिरफ्तार किया जा चूका है ।
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