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HC ने पूछा चंडीगढ़ किसका? हरियाणा-पंजाब दोनों ने दिया एक जवाब

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Published : Sep 10, 2019, 1:37 PM IST

चंडीगढ़ को लेकर हाई कोर्ट में अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है. चंडीगढ़ किस राज्य का हिस्सा है और चंडीगढ़ को कहां से लाभ मिलना चाहिए, इस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है. अभी तक हरियाणा पंजाब दोनों ही राज्यों ने साफ कहा है कि चंडीगढ़ उनकी राजधानी जरूर है, लेकिन हिस्सा नहीं है.

हाई कोर्ट

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ है, लेकिन दोनों राज्यों का हिस्सा नहीं है. चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा की तरफ से हाई कोर्ट में जवाब दिया गया है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी तो है मगर हरियाणा का हिस्सा नहीं है. वहीं पंजाब की तरफ से भी राजधानी होने की बात मानी गई, लेकिन हिस्सा होने को लेकर जवाब गोलमोल कर दिया गया.

हरियाणा-पंजाब का पक्ष
पंजाब की तरफ से कहा गया कि चंडीगढ़ के आरक्षित वर्ग को पंजाब में आरक्षण नहीं दिया जा सकता. वहीं हरियाणा ने भी हाई कोर्ट में कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है और हरियाणा और पंजाब का हिस्सा नहीं है. इस पर हाई कोर्ट ने सभी पक्षों पर अगली सुनवाई पर हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है.

हरियाणा के एजी ने दी मामले की जानकारी, देखें वीडियो

हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है, जिसकी अपनी रिजर्वेशन है. हरियाणा और पंजाब का अपना-अपना आरक्षण है, जो भी आरक्षण होता है, स्टेट के लोगों के लिए होता है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही प्रदेश चंडीगढ़ को लाभ देने के लिए कानून नहीं बना सकते.

कहां से शुरू हुआ मामला?
चंडीगढ़ के फूल कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों का कोटा तय है कि किस अनुपात में किस राज्य के अधिकारियों की चंडीगढ़ में तैनाती होगी.

चंडीगढ़ जिला अदालत में न्यायिक अधिकारियों का अपना कोटा नहीं है, यहां पंजाब और हरियाणा द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति होती है और दोनों ही राज्य चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति के आवेदकों को अपने यहां आरक्षण नहीं देते. जबकि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है.

इस पर हाई कोर्ट ने पूछा था कि पहले वो दस्तावेज दिखाओ, जिसमें ये तय किया गया हो कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है. याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में दिए आदेशों का हवाला दिया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा बताया था.

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट में रैपिड मेट्रो रेल सेवा पर सुनवाई, 17 सितंबर तक सर्विस जारी रखने के आदेश

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ है, लेकिन दोनों राज्यों का हिस्सा नहीं है. चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा की तरफ से हाई कोर्ट में जवाब दिया गया है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी तो है मगर हरियाणा का हिस्सा नहीं है. वहीं पंजाब की तरफ से भी राजधानी होने की बात मानी गई, लेकिन हिस्सा होने को लेकर जवाब गोलमोल कर दिया गया.

हरियाणा-पंजाब का पक्ष
पंजाब की तरफ से कहा गया कि चंडीगढ़ के आरक्षित वर्ग को पंजाब में आरक्षण नहीं दिया जा सकता. वहीं हरियाणा ने भी हाई कोर्ट में कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है और हरियाणा और पंजाब का हिस्सा नहीं है. इस पर हाई कोर्ट ने सभी पक्षों पर अगली सुनवाई पर हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है.

हरियाणा के एजी ने दी मामले की जानकारी, देखें वीडियो

हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है, जिसकी अपनी रिजर्वेशन है. हरियाणा और पंजाब का अपना-अपना आरक्षण है, जो भी आरक्षण होता है, स्टेट के लोगों के लिए होता है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही प्रदेश चंडीगढ़ को लाभ देने के लिए कानून नहीं बना सकते.

कहां से शुरू हुआ मामला?
चंडीगढ़ के फूल कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों का कोटा तय है कि किस अनुपात में किस राज्य के अधिकारियों की चंडीगढ़ में तैनाती होगी.

चंडीगढ़ जिला अदालत में न्यायिक अधिकारियों का अपना कोटा नहीं है, यहां पंजाब और हरियाणा द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति होती है और दोनों ही राज्य चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति के आवेदकों को अपने यहां आरक्षण नहीं देते. जबकि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है.

इस पर हाई कोर्ट ने पूछा था कि पहले वो दस्तावेज दिखाओ, जिसमें ये तय किया गया हो कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है. याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में दिए आदेशों का हवाला दिया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा बताया था.

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट में रैपिड मेट्रो रेल सेवा पर सुनवाई, 17 सितंबर तक सर्विस जारी रखने के आदेश

Intro:एंकर -
पंजाब और चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ है मगर दोनों राज्यों का हिस्सा नही है । चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा की तरफ से हाई कोर्ट मे जवाब दिया गया है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी तो है मगर हरियाणा का हिस्सा नही है । वहीं पंजाब की तरफ से भी राजधानी होने की बात मानी गई मगर हिस्सा होने को लेकर जवाब गोलमोल कर दिया गया । पंजबकी तरफ से कहा गया कि चंडीगढ़ के आरक्षित वर्ग को पंजाब में आरक्षण नही दिया जा सकता । वहीं चंडीगढ़ ने भी हाई कोर्ट में कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है हरियाणा और पंजाब का हिस्सा नही है । इसपर हाई कोर्ट ने सभी पक्षो पर अगली सुनवाई पर हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है ।Body:वीओ -
हाईकोर्ट में चंडीगढ़ को लेकर स्तिथि स्पष्ठ नही हो पाई है । हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस बारे में सभी पक्षों को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं ।
कोर्ट की तरफ से सभी पक्षो की बात सुनने के बाद अगली सुनवाई पर चंडीगढ़ , पंजाब , केंद्र और हरियाणा को कोर्ट को असिस्ट करने को कहा है । हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने कहा की चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है जिसकी अपनी रिजेर्वशन है । हरियाणा व पंजाब का अपना अपना रिजेर्वशन है । जो भी रिजेर्वशन होती है स्टेट के लोगो के लिए होती है । उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही प्रदेश चंडीगढ़ को लाभ देने के लिए कानून नही बना सकते ।
बाइट - बलदेव राज महाजन , एजी हरियाणा Conclusion:चंडीगढ़ के फूल कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के अधिकारीयों का कोटा तय है कि किस अनुपात में किस राज्य के अधिकारीयों की चंडीगढ़ में तैनाती होगी । चंडीगढ़ जिला अदालत में न्यायिक अधिकारीयों का अपना कोटा नहीं है , यहां पंजाब और हरियाणा द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारीयों की नियुक्ति होती है और दोनों ही राज्य चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति के आवेदकों को अपने यहां आरक्षण नहीं देते । जबकि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है । इस पर हाईकोर्ट ने पूछा था कि पहले वह दस्तावेज दिखाओ जिसमे यह तय किया गया हो कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है । याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले मे दिए आदेशो का हवाला दिया गया यह जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा बताया था ।
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