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ना मंदिर-मस्जिद और ना ही गुरुद्वारे, 6 बजे से पहले कहीं नही बजेंगे लाउड स्पीकर

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि रात के 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक कहीं भी लाउड स्पीकर या म्यूजिक सिस्टम नही बजेगा. ऐसा करने से पहले परमिशन लेनी जरूरी है.

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Published : Jul 27, 2019, 2:50 AM IST

ना मंदिर-मस्जिद और ना ही गुरुद्वारे, 6 बजे से पहले कहीं नही बजेंगे लाउड स्पीकर

चंडीगढ़: ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है. हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों में भी बिना लिखित इजाजत के लाउड स्पीकर का इस्तेमाल गैरकानूनी है. हालांकि कोर्ट ने धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए साल में 15 दिन लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति दी है, लेकिन वो भी रात के 10 बजे से लेकर आधी रात तक.

HC का अहम फैसला

3 राज्यों को HC ने दिए आदेश
हाईकोर्ट ने तीनों राज्यों को आदेश दिए हैं कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम पर पूरी तरह से पाबंदी होगी. ऐसा करने के लिए पहले परमिशन लेनी पड़ेगी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट किया कि अगर अथॉरिटी लाउड स्पीकर की अनुमति देता भी है तो ये सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि उसकी ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा न हो .

आदेश का पालन कराना अधिकारी की जिम्मेदारी
हाईकोर्ट ने इसके लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी, डीसी, एसएसपी/एसपी को आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी कहा कि आदेश का पालन कराने के लिए ये अधिकारी जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने लाइव शो और पब्लिक प्लेस में नशे , अश्लीलता , हिंसा को बढ़ावा देने वाले हथियारों से जुड़े गानों को गाने और बजाने पर रोक लगाई है.

चंडीगढ़: ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है. हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों में भी बिना लिखित इजाजत के लाउड स्पीकर का इस्तेमाल गैरकानूनी है. हालांकि कोर्ट ने धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए साल में 15 दिन लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति दी है, लेकिन वो भी रात के 10 बजे से लेकर आधी रात तक.

HC का अहम फैसला

3 राज्यों को HC ने दिए आदेश
हाईकोर्ट ने तीनों राज्यों को आदेश दिए हैं कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम पर पूरी तरह से पाबंदी होगी. ऐसा करने के लिए पहले परमिशन लेनी पड़ेगी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट किया कि अगर अथॉरिटी लाउड स्पीकर की अनुमति देता भी है तो ये सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि उसकी ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा न हो .

आदेश का पालन कराना अधिकारी की जिम्मेदारी
हाईकोर्ट ने इसके लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी, डीसी, एसएसपी/एसपी को आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी कहा कि आदेश का पालन कराने के लिए ये अधिकारी जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने लाइव शो और पब्लिक प्लेस में नशे , अश्लीलता , हिंसा को बढ़ावा देने वाले हथियारों से जुड़े गानों को गाने और बजाने पर रोक लगाई है.

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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर जारी अपने अहम आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि मंदिर , मस्जिद और गुरुद्वारों में भी बिना लिखित इजाजत के लाउड स्पीकर का इस्तेमाल गैरकानूनी है । हाईकोर्ट ने तीनों राज्यों को आदेश दिए हैं कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम पर पूरी तरह से पाबंदी होगी । सुबह 6 बजे से रात 10 तक के लिए अथियोरिटी से अनुमति लेनी होगी । हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अथॉरिटी लाउड स्पीकर की अनुमति देता भी है तो यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि उसकी ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा न हो । हाईकोर्ट ने इसके लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी, डीसी, एसएसपी/एसपी को आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि आदेश का पालन कराने के लिए ये अधिकारी जिम्मेदार होंगे । इसके साथ ही कोर्ट ने लाइव शो और पब्लिक प्लेस में नशे , अश्लीलता , हिंसा को बढ़ावा देने वाले हथियारों से जुड़े गानों को गाने और बजाने पर रोक लगाई है । Body:हाईकोर्ट ने 15 जरूरी आदेश जारी किए है जिसका ब्यौरा इस प्रकार है ।

ध्वनि प्रदूषण, शादियों में हथियार लेकर जाना और अश्लील और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने से जुड़ी करीब 5 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी स्थिति में कहीं पर भी सुबह 6 बजे से पहले लाउड स्पीकर का उपयोग पूरी तरह से अवैध है । धार्मिक स्थलों पर इस समय से पहले लाउड स्पीकर का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई होगी । सुबह 6 बजे से रात 10 तक के लिए अथियोरिटी से अनुमति लेनी होगी । हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अथॉरिटी लाउड स्पीकर की अनुमति देता भी है तो यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि उसकी ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा न हो ।
हाईकोर्ट ने इसके लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी, डीसी, एसएसपी/एसपी को आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि आदेश का पालन कराने के लिए ये अधिकारी जिम्मेदार होंगे । इसके साथ ही हाईकोर्ट ने तीनों राज्यों को आदेश दिए हैं कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम पर पूरी तरह से पाबंदी होगी । किसी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन के लिए वर्ष में 15 दिन रात 12 बजे तक लाउड स्पीकर या म्यूजिक सिस्टम चलाने की छूट दी जा सकती है बशर्ते ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा न हो ।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने से 15 दिन पहले से किसी को भी लाउड स्पीकर बजाने की इजाजत नहीं देने के भी आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि इन सभी आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नॉयज पॉल्यूशन एंड रेगुलेशन एक्ट के तहत पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ कड़ी कार्रवाई करें।
हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं पुलिस यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक बाइक का साइलेंसर सही हो । मोडिफाई किए गए साइलेंसर और उनसे ध्वनि प्रदूषण करने वाले साइलेंसर वाले वाहनों के मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएव । साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि साइलेंस जोन में हॉर्न न बजाया जाए और रिहायशी इलाकों में दस बजे के बाद हॉर्न न बजे। इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने वालों पर सख्ती के आदेश दिए हैं ।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि गीतों में शराब, अश्लीलता, नशा और हिंसा का महिमा मंडन पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में गैंगस्टर कल्चर बढ़ाने वाला है । कोर्ट ने तीनों राज्यों में किसी भी लाइव शो या पब्लिक प्लेस पर किसी भी गीत में इन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है । इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि कहीं ऐसे गीत बजे और कार्रवाई नहीं हुई तो उसके लिए डीजीपी जिम्मेदार होंगे । हाईकोर्ट ने अपने किसी भी लाइव शो और पब्लिक प्लेस पर ऐसे गीतों के गाने और बजाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है जिनमें अश्लीलता, हिंसा और शराब और अन्य नशों को प्रोहत्साहित किया गया हो । इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों के करीब अर्ध-नग्न पोस्टर या ऐसी किसी भी सामग्री को प्रदर्शित करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है । हाईकोर्ट ने कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे को ऐसे किसी भी सिनेमा हाल में न जाने दिया जाए जिसमें ए सर्टिफिकेट वाली फिल्म लगी हो ।
हाईकोर्ट ने कहा कि देखने में आया है कि हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में हिंसा, अश्लीलता, नशे और शराब का महिमा मंडन बढ़ रहा है। सरकार को इस प्रकार की प्रवृत्ति पर रोक लगानी चाहिए थी। लेकिन किसी राज्य ने भी ऐसा नहीं किया। इसका सबसे बुरा प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ रहा है।
कोर्ट ने कहा कि शादियों या इस प्रकार के आयोजनों में कुछ लोग झूठी शान दिखाने के लिए हथियारों का प्रदर्शन करने लगते हैं। ऐसी जगह गोली चलने से लोगों की मौत होने की खबरें आम हो गई हैं । हाईकोर्ट ने अब ऐसे लोगों पर सख्ती करते हुए किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजनों, शादियों और शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह के हथियार ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है । हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि लाइसेंसिंग अथॉरिटी यह सुनिश्चित करे जिस व्यक्ति को हथियार दिया जा रहा है उसकी आयु 21 साल से कम न हो। इसके साथ ही ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसे किसी भी आपराधिक और नैतिक पतन के मामले में अदालत दोषी करार दे चुकी है उसे हथियार का लाइसेंस 5 साल तक न दिया जाए । हाईकोर्ट ने कहा कि हथियार विशिष्ट परिस्थिति में दिया जाता है लेकिन हथियार रखना कोई सांविधानिक अधिकार नहीं है ।
बाइट - अरुण गोसाई , केंद्र सरकार के वकीलConclusion:अब किसी धार्मिक संस्थान की तरफ से नियम तोड़ा जाता है तो पहले उसे चेतावनी दी जाएगी । फिर से नियम तोड़ने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी , इसके बाद भी सगर तीसरी बार नियम तोड़ा जाता है तो व्यक्ति के साथ साथ इसे लागू करवाने वालो पर भी कोर्ट की अवमानना के तहत कार्यवही होगी । वहीं कोर्ट की तरफ से धर्मिक संस्थानों को कहा गया है वो अपने एक प्रतिनिधि का नाम दे ताकि नियमो की उलंघना होने पर पर किसी को जिम्मेवार ठहराया जा सके ।
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