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चरखी दादरी: PTI शिक्षकों और पुलिस के बीच हुई कहासुनी

चरखी दादरी में बहाली की मांग पीटीआई टीचरों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर गाली-गलौच का आरोप लगाया.

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Published : Jun 17, 2020, 7:23 PM IST

pti teacher protest in charkhi dadri
पीटीआई शिक्षकों ने किया हंगामा

चरखी दादरी: नौकरी बहाली की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पीटीआई टीचर दादरी के रेस्ट हाउस में जेजेपी संस्थापक अजय चौटाला से मिलने पहुंचे तो पुलिस कर्मियों के साथ कहासुनी हो गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिस कर्मचारियों पर गाली-गलौच करने का आरोप लगाया. साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से बहाली की मांग की.

अजय चौटाला को ज्ञापन सौंपा

प्रदर्शनकारियों ने अजय चौटाला को ज्ञापन सौंपा और मांग पूरी नहीं होने पर आमरण अनशन के साथ-साथ बड़ा आंदोलन की चेतावनी भी दी. बता दें कि, 1983 पीटीआई टीचरों को कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा नौकरी से हटा दिया गया. नौकरी बहाली की मांग को लेकर शारिरिक अध्यापक संघ के आह्वान पर आमरण अनशन शुरू कर धरना दिया जा रहा है. बुधवार को जेजेपी संरक्षक के दादरी आगमन अनशन के दौरान पीटीआई शिक्षकों ने थाली-चम्मच बजाकर शहर में प्रदर्शन किया और उनसे मिलने रेस्ट हाउस में पहुंचे.

पीटीआई टीचरों का चरखी दादरी में प्रदर्शन, क्लिक कर देखें वीडियो.

इसी दौरान पुलिस कर्मियों ने उनको बीच रास्ते रोकना चाहा तो काफी देर तक कहासुनी हुई. महिला प्रदर्शनकारी सुनील कुमारी, बबीता सहित अन्य ने पुलिस पर गाली गलौच का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया. आगे जाने से रोकते हुए उनको गालियां दी हैं. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

क्या बोले प्रदर्शनकारियों ?

प्रदर्शनकारियों ने काफी देर तक रेस्ट हाउस में रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि 1983 पीटीआई को हटाकर उनको रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है. ऐसे में उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट आ गया है. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आमरण अनशन के साथ-साथ बड़ा आंदोलन करेंगे. इसी बीच अजय चौटाला उनके बीच पहुंचे तो पीटीआई टीचरों ने उनको ज्ञापन सौंपा. चौटाला ने उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

ये है मामला

गौरतलब है कि साल 2006 में 1983 पीटीआई अध्यापकों की चयन प्रक्रिया भर्ती बोर्ड द्वारा शुरू की गई थी. जिसके बाद अप्रैल 2010 में परिणाम घोषित कर अध्यापकों को ज्वॉइन करवाया गया था. इस दौरान कुछ उम्मीदवारों ने इन भर्ती प्रक्रिया को चैलेंज किया और वे सुप्रीम कोर्ट तक गए. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए दोबारा से भर्ती करने के आदेश जारी किए हैं.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट में कुम्हार, हालात देखकर पसीज जाएगा दिल

चरखी दादरी: नौकरी बहाली की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पीटीआई टीचर दादरी के रेस्ट हाउस में जेजेपी संस्थापक अजय चौटाला से मिलने पहुंचे तो पुलिस कर्मियों के साथ कहासुनी हो गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिस कर्मचारियों पर गाली-गलौच करने का आरोप लगाया. साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से बहाली की मांग की.

अजय चौटाला को ज्ञापन सौंपा

प्रदर्शनकारियों ने अजय चौटाला को ज्ञापन सौंपा और मांग पूरी नहीं होने पर आमरण अनशन के साथ-साथ बड़ा आंदोलन की चेतावनी भी दी. बता दें कि, 1983 पीटीआई टीचरों को कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा नौकरी से हटा दिया गया. नौकरी बहाली की मांग को लेकर शारिरिक अध्यापक संघ के आह्वान पर आमरण अनशन शुरू कर धरना दिया जा रहा है. बुधवार को जेजेपी संरक्षक के दादरी आगमन अनशन के दौरान पीटीआई शिक्षकों ने थाली-चम्मच बजाकर शहर में प्रदर्शन किया और उनसे मिलने रेस्ट हाउस में पहुंचे.

पीटीआई टीचरों का चरखी दादरी में प्रदर्शन, क्लिक कर देखें वीडियो.

इसी दौरान पुलिस कर्मियों ने उनको बीच रास्ते रोकना चाहा तो काफी देर तक कहासुनी हुई. महिला प्रदर्शनकारी सुनील कुमारी, बबीता सहित अन्य ने पुलिस पर गाली गलौच का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया. आगे जाने से रोकते हुए उनको गालियां दी हैं. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

क्या बोले प्रदर्शनकारियों ?

प्रदर्शनकारियों ने काफी देर तक रेस्ट हाउस में रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि 1983 पीटीआई को हटाकर उनको रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है. ऐसे में उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट आ गया है. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आमरण अनशन के साथ-साथ बड़ा आंदोलन करेंगे. इसी बीच अजय चौटाला उनके बीच पहुंचे तो पीटीआई टीचरों ने उनको ज्ञापन सौंपा. चौटाला ने उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

ये है मामला

गौरतलब है कि साल 2006 में 1983 पीटीआई अध्यापकों की चयन प्रक्रिया भर्ती बोर्ड द्वारा शुरू की गई थी. जिसके बाद अप्रैल 2010 में परिणाम घोषित कर अध्यापकों को ज्वॉइन करवाया गया था. इस दौरान कुछ उम्मीदवारों ने इन भर्ती प्रक्रिया को चैलेंज किया और वे सुप्रीम कोर्ट तक गए. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए दोबारा से भर्ती करने के आदेश जारी किए हैं.

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