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हरियाणा में कैदियों और बंदियों की पैरोल 6 सप्ताह बढ़ी - चंडीगढ़ न्यूज टूडे

हरियाणा में जो कैदी और बंदी छुट्टी पर हैं. सरकार ने उनको 6 सप्ताह की पैरोल और देने का फैसला किया है. ये नियम उन कैदियों पर लागू होगा, जिनकी पैरोल 20 अप्रैल से तीन सप्ताह बढ़ाई गई थी. इस बात की जनकारी जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने दी. साथ ही उन्होंने कहा कि जो अधिकारी छुट्टी से वापस आएंगे, उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी.

prisoners parole increased by 6 weeks in haryana says jail minister ranjeet chautala
prisoners parole increased by 6 weeks in haryana says jail minister ranjeet chautala
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Published : May 10, 2020, 10:33 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने कैदियों और बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है. ये निर्णय उन सभी कैदियों और बंदियों पर लागू होगा, जिनकी पैरोल 20 अप्रैल, 2020 को हुई बैठक में तीन सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उच्चाधिकार-प्राप्त समिति के निर्देशानुसार अंतरिम जमानत पर पहले छोड़े गए बंदियों की जमानत की अवधि भी, उनके आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह के लिए बढ़ाई जाएगी.

छुट्टी पर गए अधिकारियों की होगी जांज

जेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर अंतरिम जमानत, पैरोल और फरलो आदि से वापस आने वाले कैदियों और बंदियों के लिए कोविड-19 जांच तथा 14 दिन के लिए क्वारंटीन करना अनिवार्य किया गया है. छुट्टी के बाद जेलों में लौटने वाले विभाग के कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से कोविड-19 जांच करवानी होगी. ऐसे कर्मचारियों को कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने और जेल के चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद ही नियमित ड्यूटी ज्वाइन करने की अनुमति दी जाएगी.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

बढ़ सकता है कोविड-19 का खतरा

रणजीत सिंह ने बताया कि देशभर में बढ़ रही कोविड-19 संक्रमितों की संख्या और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद यदि ऐसी स्थिति में पैरोल या अंतरित जमानत पर छोड़े गए लगभग चार हजार कैदी और बंदी वापस जेलों में आते हैं तो ये एक बहुत बड़ा जोखिम होगा. इतनी बड़ी संख्या में कैदियों और बंदियों के वापस आने से कोविड-19 संक्रमण का जोखिम बढ़ जाएगा और इससे उन्हें पैरोल और जमानत पर छोड़े जाने का पूरा उद्देश्य व्यर्थ हो जाएगा. इसलिए, सरकार ने इन कैदियों और बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने कैदियों और बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है. ये निर्णय उन सभी कैदियों और बंदियों पर लागू होगा, जिनकी पैरोल 20 अप्रैल, 2020 को हुई बैठक में तीन सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उच्चाधिकार-प्राप्त समिति के निर्देशानुसार अंतरिम जमानत पर पहले छोड़े गए बंदियों की जमानत की अवधि भी, उनके आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह के लिए बढ़ाई जाएगी.

छुट्टी पर गए अधिकारियों की होगी जांज

जेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर अंतरिम जमानत, पैरोल और फरलो आदि से वापस आने वाले कैदियों और बंदियों के लिए कोविड-19 जांच तथा 14 दिन के लिए क्वारंटीन करना अनिवार्य किया गया है. छुट्टी के बाद जेलों में लौटने वाले विभाग के कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से कोविड-19 जांच करवानी होगी. ऐसे कर्मचारियों को कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने और जेल के चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद ही नियमित ड्यूटी ज्वाइन करने की अनुमति दी जाएगी.

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बढ़ सकता है कोविड-19 का खतरा

रणजीत सिंह ने बताया कि देशभर में बढ़ रही कोविड-19 संक्रमितों की संख्या और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद यदि ऐसी स्थिति में पैरोल या अंतरित जमानत पर छोड़े गए लगभग चार हजार कैदी और बंदी वापस जेलों में आते हैं तो ये एक बहुत बड़ा जोखिम होगा. इतनी बड़ी संख्या में कैदियों और बंदियों के वापस आने से कोविड-19 संक्रमण का जोखिम बढ़ जाएगा और इससे उन्हें पैरोल और जमानत पर छोड़े जाने का पूरा उद्देश्य व्यर्थ हो जाएगा. इसलिए, सरकार ने इन कैदियों और बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है.

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