चंडीगढ़: पूर्व विधायक परमिंदर ढुल ने भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले परमिंदर ढुल समेत कई बीजेपी नेताओं और पूर्व विधायकों ने चंडीगढ़ में एक बैठक कृषि बिलों को लेकर की थी, जिसके बाद परमिंदर ढुल ने सीधे तौर इन बिलों पर नाराजगी जताई थी. बीजेपी छोड़ने के बाद परमिंदर ढुल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और पार्टी छोड़ने की वजह बताई.
चेयरमैन के पदों की घोषणा के बाद इस्तीफा देने के सवाल पर ढुल ने कहा कि उन्होंने कभी कोई महत्वकांक्षा नहीं रखी. उन्हें खुद ऑफर किया गया था कि चेयरमैन पद ले लें, लेकिन उन्होंने खुद इंकार कर दिया. परमिंदर ढुल ने कहा कि कृषि कानूनों पर हमारी बात को नहीं सुना गया और ना ही हमें पार्टी संतुष्ट कर पाई.
परमिंदर ढुल ने आगे कहा कि वो आज सत्ताधारी पार्टी को सिर्फ कृषि कानूनों की वजह से छोड़ रहे हैं, क्योंकि वो हमेशा से किसानों की आवाज बनते आए हैं और कृषि कानूनों पर किसानों के खिलाफ होना उन्हें ठीक नहीं लगा.
फैसला लेने में समय क्यों ?
जब परमिंदर ढुल से पूर्व विधायको के साथ हुई बैठक के बाद फैसला बहुत समय बाद लिए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बैठक पहले हुई, लेकिन कृषि कानूनों को समझने, उनकी कमियां निकालना और कमियां निकालकर पार्टी स्तर पर रखने में समय लगा. परमिंदर ढुल ने कहा कि ना तो वो हमें संतुष्ट कर पाए और ना ही खुद संतुष्ट होने को तैयार हैं. इसलिए विरोध हो गया.
उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते थे कि प्रदेश स्तर पर सरकार एमएसपी की गारंटी दे और किसानों को सेफ गार्ड देना चाहिए था, लेकिन हमारी बात को नहीं सुना गया.
चेयरमैन की नियुक्तियों के तुरंत बाद फैसला क्यों?
परमिंदर ढुल ने इस पर कहा कि उन्हें चैयरमेन पद लेने के लिए ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने खुद इंकार किया. परमिंदर ढुल ने कहा कि उन्होंने, उनके परिवार ने कभी चेयरमैन पद की या किसी अन्य पद की कोई इच्छा नहीं रखी. हमेशा आम आदमी की लड़ाई लड़ी है.
हालांकि परमिंदर ढुल का अगला कदम क्या रहेगा किस पार्टी की तरफ रुख करेंगे. इस सवाल पर परमिंदर ढुल ने चुप्पी साध ली. परमिंदर ढुल ने कहा कि उन्होंने पार्टी में कई बार अपनी बात तीन से चार बार पार्टी के स्तर पर रखी, लेकिन उनकी बात को नहीं सुना गया जिसके चलते उन्होंने अपना रास्ता अलग कर दिया है.
ये भी पढ़िए: बरोदा उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, बड़े नेता ने छोड़ा साथ
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की तरफ से परमिंदर ढुल समेत कई नेताओं का नाम लेकर पार्टी में शामिल होने के बयान पर उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला कमेरे वर्ग के बड़े नेता हैं. उनकी किसी बात पर टिप्पणी करके वो उनकीशोभा में गुस्ताखी नहीं करना चाहते हैं.