चंडीगढ़: शहरी स्थानीय निकाय विभाग के संपत्ति धारकों को हरियाणा सरकार मालिकाना हक देने जा रही है. ऐसे किरायेदार जो 20 साल से ज्यादा समय से किराये, लीज और लाइसेंस फीस पर संपत्ति पर काबिज हैं उनके लिए ये योजना लाई गई है. ऐसे संपत्ति धारकों को हरियाणा सरकार मालिकाना (haryana ownership to tenants) हक देगी. इसके लिए एक नीति बनाई गई है जिसके अंतर्गत काबिज व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए क्लेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी.
पालिका की तहबाजारी पर दी गई भूमि जिस पर मकान/दुकान हो या किराये/लीज/लाइसेंस फीस/तहबाजारी पर दिए गए दुकान/मकान जिनकी अवधि 20 साल या उससे ज्यादा अवधि 31 दिसंबर, 2020 को हो गई है, के कानूनी कब्जाधारियों को इस पॉलिसी के अंतर्गत मलकीयत का अधिकार दिया जाएगा.
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जिन्हें किराये/लीज/ लाइसेंस फीस/तहबाजारी मकान/दुकान लिए 20 साल हो गए हैं, उन्हें वर्तमान कलेक्टर रेट पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसी प्रकार, जिन्हें 50 साल हो गए हैं उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. इसके अलावा, अगर किसी कब्जाधारी को 50 साल से ज्याजा हुए हैं, तो उस स्थिति में उसे वर्तमान कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 प्रतिशत की ही छूट दी जाएगी.
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सक्षम प्राधिकारी द्वारा योग्य पाए गए आवेदकों से संबंधित पालिकाएं 15 दिन के अंदर अदा की जाने वाली राशि का नोटिस जारी करेंगी. नोटिस जारी करने की तिथि से 15 दिन के अंदर कुल निर्धारित राशि की 25 प्रतिशत राशि संबंधित पालिका में जमा करानी होगी और शेष 75 प्रतिशत राशि आगामी तीन माह में जमा करानी होगी.
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