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दुष्यंत चौटाला पर चौतरफा प्रहार! बीजेपी, कांग्रेस ने खड़े किए दादा पर सवाल

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की जंग शुरू हो चुकी है. इस जंग में उतरने से पहले ही विपक्षी पार्टियों की तरफ से अपने-अपने मुद्दे सामने रखे जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. हरियाणा में ये चुनाव सभी पार्टियों के लिए काफी मायने रखता है. यही कारण है कि मुद्दे भी इस बार काफी बड़े होने वाले हैं.

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Published : Jul 10, 2019, 11:50 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा के लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता का मुद्दा उठाया जाने पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा के लोगों को फैक्ट्रियों में 75% सुपरवाइजर से नीचे के पदों में नौकरियां मिलनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर जेजेपी हल्ला बोल शुरू करेगी. जेजेपी के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब हरियाणा में हरियाणवी और बाहरी का मुद्दा जोर पकड़ सकता है.

दुष्यंत चौटाला पर चौतरफा प्रहार! देखें रिपोर्ट

अपने ही सवालों में फंसे दुष्यंत!
दुष्यंत चौटाला से सवाल पूछे गए कि उनकी सरकार के दौरान आखिर क्यों यह कदम नहीं उठाया गया. दोनों पार्टियों की तरफ से इसे चुनावी मुद्दा बताया जा रहा है. राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दुष्यंत चौटाला को कहा कि जब उनके दादाओं की सरकार हरियाणा में थी तो उस वक्त राज्यसभा के सदस्य भी दूसरे प्रदेशों से लाए जाते थे.

क्या कहा था दुष्यंत ने?
दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि वो डिग्री लेकर इधर-उधर धक्के खा रहे बेरोजगार युवकों की लड़ाई लड़ेंगे. दुष्यंत चौटाला की मानें तो जेजेपी की युवा विंग पहले मंत्रियों का घेराव करेंगी और फिर फैक्ट्रियों में धावा बोला जाएगा. इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय आने दो राज ठाकरे भी और बाल ठाकरे भी हो सकते हैं.

'दुष्यंत कर रहे हैं चुनावी बातें'
वहीं दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने दुष्यंत चौटाला को ही सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया. बीजेपी मंत्री मनीष ग्रोवर ने इसे चुनावी मुद्दा करार दिया है. उन्होंने कहा कि देश एक है जिसमें हरियाणा भी है ऐसे में किसी को नौकरी के नाम पर रोका नहीं जा सकता.

चंडीगढ़ः हरियाणा के लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता का मुद्दा उठाया जाने पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा के लोगों को फैक्ट्रियों में 75% सुपरवाइजर से नीचे के पदों में नौकरियां मिलनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर जेजेपी हल्ला बोल शुरू करेगी. जेजेपी के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब हरियाणा में हरियाणवी और बाहरी का मुद्दा जोर पकड़ सकता है.

दुष्यंत चौटाला पर चौतरफा प्रहार! देखें रिपोर्ट

अपने ही सवालों में फंसे दुष्यंत!
दुष्यंत चौटाला से सवाल पूछे गए कि उनकी सरकार के दौरान आखिर क्यों यह कदम नहीं उठाया गया. दोनों पार्टियों की तरफ से इसे चुनावी मुद्दा बताया जा रहा है. राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दुष्यंत चौटाला को कहा कि जब उनके दादाओं की सरकार हरियाणा में थी तो उस वक्त राज्यसभा के सदस्य भी दूसरे प्रदेशों से लाए जाते थे.

क्या कहा था दुष्यंत ने?
दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि वो डिग्री लेकर इधर-उधर धक्के खा रहे बेरोजगार युवकों की लड़ाई लड़ेंगे. दुष्यंत चौटाला की मानें तो जेजेपी की युवा विंग पहले मंत्रियों का घेराव करेंगी और फिर फैक्ट्रियों में धावा बोला जाएगा. इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय आने दो राज ठाकरे भी और बाल ठाकरे भी हो सकते हैं.

'दुष्यंत कर रहे हैं चुनावी बातें'
वहीं दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने दुष्यंत चौटाला को ही सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया. बीजेपी मंत्री मनीष ग्रोवर ने इसे चुनावी मुद्दा करार दिया है. उन्होंने कहा कि देश एक है जिसमें हरियाणा भी है ऐसे में किसी को नौकरी के नाम पर रोका नहीं जा सकता.

Intro:एंकर-
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की जंग शुरू हो गई है इस जंग में उतरने से पहले ही विपक्षी पार्टियों की तरफ से अपने अपने मुद्दे सामने रखे जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है । हरियाणा में यह चुनाव सभी पार्टियों के लिए काफी मायने रखते हैं यही कारण है कि मुद्दे भी इस बार काफी बड़े होने वाले हैं । जेजेपी की तरफ से हरियाणा के लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता का मुद्दा उठाया जाने वाला है । जे जे पी नेता दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा के लोगों को फैक्ट्रियों में 75% सुपरवाइजर से नीचे के पदों में नौकरियां मिलनी चाहिए ऐसा नहीं होने पर जेजेपी हल्ला बोल शुरू करेगी । जे जे पी के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब हरियाणा में हरियाणवी और बाहरी का मुद्दा जोर पकड़ सकता है । जे जे पी की तरफ से उठाए जाने वाले इस मुद्दे को बाकी दल किस तरह से देखते हैं जब हमने यह जानने का प्रयास किया तो इसे चुनाव के चलते दिया जाने वाला बयान बताया गया । हालांकि सत्ताधारी पक्ष बीजेपी और कांग्रेस ने दुष्यंत चौटाला को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया दुष्यंत चौटाला से ही सवाल पूछे गए कि उनकी सरकार के दौरान आखिर क्यों यह कदम नहीं उठाया गया । दोनों पार्टियों की तरफ से इसे चुनावी मुद्दा बताया जा रहा है । राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दुष्यंत चौटाला को कहा कि जब उनके दादा ओं की सरकार हरियाणा में थी तो उस वक्त राज्यसभा के सदस्य भी दूसरे प्रदेशों से लाए जाते थे कर्मचारी भी पंजाब राजस्थान समेत दूसरे राज्यों से रखे जाते थे। हालांकि बीजेपी की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है की भारत एक है और हरियाणा भी उसमें है ऐसे में किसी को भी नौकरी से रोका नहीं जा सकता ।


Body:हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में मुद्दों की राजनीति होना स्वाभाविक है ऐसा ही एक मुद्दा जेजेपी की तरफ से उठाया गया है जिसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है । दरअसल दुष्यंत चौटाला की माने तो डिग्री लेकर इधर उधर धक्के खा रहे बेरोजगार युवकों की लड़ाई लड़ी जाएगी । दुष्यंत चौटाला की मानें तो जेजेपी की युवा विंग पहले मंत्रियों का घेराव करेगी और फिर फैक्ट्रियों में धावा बोला जाएगा की हरियाणा में हरियाणा के युवाओं को रोजगार में हक दिया जाए । दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय आने दे राज ठाकरे भी और बाल ठाकरे भी हो सकते हैं परिवर्तन तो परिवर्तन की तरह लाया जाता है । दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ठ कर दिया है कि आने वाले समय में इस मुद्दे को बड़े तरीके से भी उठाना पड़ा तो उसके लिए पीछे नहीं हटेंगे । सवाल यहां यह उठता है कि अगर पहले से फैक्ट्रियों में लगे दूसरे प्रदेशों के युवाओं को हटाने के लिए जे जे पी की तरफ से फैक्ट्री मालिकों पर दबाव बनाया जाता है तो ऐसे में हरियाणा और बाहरी का मुद्दा आने वाले समय में जोर पकड़ सकता है ।
वहीं दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने दुष्यंत चौटाला को ही सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया । बीजेपी केरल राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने इसे चुनावी मुद्दा करार दिया है उन्होंने कहा कि भारत एक है जिसमें हरियाणा भी है ऐसे में किसी को नौकरी के नाम पर रोका नहीं जा सकता ।
बाइट - मनीष ग्रोवर , राज्यमंत्री हरियाणा
वीओ -
वहीं राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने दुष्यंत चौटाला पर हमला बोलते हुए कहा कि जब उनके दादा ओं की सरकार हरियाणा में थी तो उस समय राज्य सभा सदस्य भी दूसरे प्रदेशों से लाकर लगाए जाते थे यहां तक कि कर्मचारियों को भी दूसरे प्रदेशों से लाकर भर्ती दी जाती थी । उन्होंने दुष्यंत चौटाला को सलाह देते हुए कहा कि हल्ला बोलने की जगह उन्हें घर पर बैठना चाहिए । वहीं कृष्ण बेदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर हल्ला बोलते भी हैं तो सुनने वाला कोई नहीं है क्योंकि हरियाणा में बीजेपी सरकार ने और रोजगार के बड़े अवसर मुहैया करवाए हैं और इनेलो सरकार के मुकाबले कई गुना ज्यादा नौकरियां दी हैं ।
बाइट - कृष्ण बेदी , राज्यमंत्री हरियाणा
वीओ -
वहीं कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने भी इसे चुनावी मुद्दा करार दिया उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर इस तरह की बयानबाजी की जा रही है करण दलाल ने भी सवाल पूछा कि उन्होंने अपने समय में ही आखिर क्यों ऐसा कदम नहीं उठाया ।
बाइट - कर्ण दलाल , कांग्रेसी विद्यायक


Conclusion:फिलहाल दूसरे दल दुष्यंत चौटाला को घर पर नजर आ रहे हैं मगर सवाल यह भी खड़ा है की जेजेपी की तरफ से उठाए जाने वाला यह मुद्दा आने वाले समय में कितना प्रभावी साबित होगा । दुष्यंत चौटाला युवा नेता हैं और यह अच्छी तरह से जानते हैं कि हरियाणा में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है यही कारण है कि युवाओं के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया जा रहा है । मुद्दा बड़ा है तो इसके लिए दुष्यंत चौटाला के माने तो राज ठाकरे या बाल ठाकरे की राह पर चलना पड़ा तो वह इससे भी पीछे नहीं हटेंगे ।
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