चंडीगढ़ः हरियाणा के लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता का मुद्दा उठाया जाने पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा के लोगों को फैक्ट्रियों में 75% सुपरवाइजर से नीचे के पदों में नौकरियां मिलनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर जेजेपी हल्ला बोल शुरू करेगी. जेजेपी के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब हरियाणा में हरियाणवी और बाहरी का मुद्दा जोर पकड़ सकता है.
अपने ही सवालों में फंसे दुष्यंत!
दुष्यंत चौटाला से सवाल पूछे गए कि उनकी सरकार के दौरान आखिर क्यों यह कदम नहीं उठाया गया. दोनों पार्टियों की तरफ से इसे चुनावी मुद्दा बताया जा रहा है. राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दुष्यंत चौटाला को कहा कि जब उनके दादाओं की सरकार हरियाणा में थी तो उस वक्त राज्यसभा के सदस्य भी दूसरे प्रदेशों से लाए जाते थे.
क्या कहा था दुष्यंत ने?
दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि वो डिग्री लेकर इधर-उधर धक्के खा रहे बेरोजगार युवकों की लड़ाई लड़ेंगे. दुष्यंत चौटाला की मानें तो जेजेपी की युवा विंग पहले मंत्रियों का घेराव करेंगी और फिर फैक्ट्रियों में धावा बोला जाएगा. इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय आने दो राज ठाकरे भी और बाल ठाकरे भी हो सकते हैं.
'दुष्यंत कर रहे हैं चुनावी बातें'
वहीं दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने दुष्यंत चौटाला को ही सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया. बीजेपी मंत्री मनीष ग्रोवर ने इसे चुनावी मुद्दा करार दिया है. उन्होंने कहा कि देश एक है जिसमें हरियाणा भी है ऐसे में किसी को नौकरी के नाम पर रोका नहीं जा सकता.