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आज तिहाड़ जेल से रिहा होंगे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला - Tihar Jail Delhi

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला आज तिहाड़ जेल से औपचारिक तौर पर रिहा हो जाएंगे. ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail Delhi) में जेबीटी घोटाला (JBT Recruitment Scam) मामले में 10 साल की सजा काट रहे थे.

OP Chautala released from Tihar Jail
OP Chautala released from Tihar Jail
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Published : Jun 30, 2021, 8:20 AM IST

Updated : Jun 30, 2021, 8:31 AM IST

चंडीगढ़: इनेलो सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला आज तिहाड़ जेल से रिहा (OP Chautala released Tihar Jail) होंगे. कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद उनकी रिहाई होगी. रिहाई से पहले ओपी चौटाला तिहाड़ जेल वापस जाएंगे. हालांकि ओपी चौटाला पहले ही पैरोल पर जेल से बाहर हैं. बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail Delhi) में जेबीटी घोटाला (JBT Recruitment Scam) मामले में 10 साल की सजा काट रहे थे. सजा पूरी होने से 6 महीने पहले ही वो जेल से रिहा हो गए हैं. आज औपचारिक तौर पर ओपी चौटाला जेल से रिहा हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- क्या चुनाव लड़ सकते हैं ओपी चौटाला? जानिए क्या कहते हैं चुनाव आयोग के नियम

क्या था मामला?

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. चार्जशीट के मुताबिक 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए.

ये भी पढ़ें- ओपी चौटाला की रिहाई से बदली हरियाणा की सियासी फिजा, बीजेपी-जेजेपी के साथ होगा 'खेल'?

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था. मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया.

ये भी पढ़ें- क्या है जेबीटी भर्ती घोटाला, जिसमें ओपी चौटाला को हुई थी 10 साल की सजा

ओपी चौटाला का राजनीतिक सफर

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को हरियाणा के सिरसा गांव में हुआ. ओपी चौटाला पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र हैं. ओमप्रकाश चौटाला पांच बार (1970, 1990, 1993, 1996 और 2000) हरियाणा विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं. साल 1989 में ओम प्रकाश चौटाला पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वो 1990, 1991 और 1999 में भी मुख्यमंत्री बनें.

चंडीगढ़: इनेलो सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला आज तिहाड़ जेल से रिहा (OP Chautala released Tihar Jail) होंगे. कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद उनकी रिहाई होगी. रिहाई से पहले ओपी चौटाला तिहाड़ जेल वापस जाएंगे. हालांकि ओपी चौटाला पहले ही पैरोल पर जेल से बाहर हैं. बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail Delhi) में जेबीटी घोटाला (JBT Recruitment Scam) मामले में 10 साल की सजा काट रहे थे. सजा पूरी होने से 6 महीने पहले ही वो जेल से रिहा हो गए हैं. आज औपचारिक तौर पर ओपी चौटाला जेल से रिहा हो जाएंगे.

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क्या था मामला?

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. चार्जशीट के मुताबिक 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए.

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ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था. मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया.

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ओपी चौटाला का राजनीतिक सफर

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को हरियाणा के सिरसा गांव में हुआ. ओपी चौटाला पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र हैं. ओमप्रकाश चौटाला पांच बार (1970, 1990, 1993, 1996 और 2000) हरियाणा विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं. साल 1989 में ओम प्रकाश चौटाला पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वो 1990, 1991 और 1999 में भी मुख्यमंत्री बनें.

Last Updated : Jun 30, 2021, 8:31 AM IST
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