जींद: हरियाणा का जींद नागरिक अस्पताल बदहाल है. पहले यहां हीमोफीलिया मरीजों के इंजेक्शन खत्म हो गए थे. अब यहां एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है. जिन भी लोगों को कुत्ते, बंदर या किसी अन्य जानवर ने काटा है. उनको काफी परेशानी हो रही है. उन लोगों को अब एंटी रेबीज की वैक्सीन लगाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है. जहां उसने भारी-भरकम चार्ज लिया जा रहा है.
जींद अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म: जींद नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 30 लोग एंटी रेबीज की वैक्सीन लगवाने के लिए आते हैं, लेकिन अस्पताल में स्टॉक नहीं होने की वजह से मरीज बाजार से 450 रुपये खरीदकर ये वैक्सीन लगवाने तो मजबूर है. इससे पहले भी कई बार वैक्सीन खत्म हो चुकी है. इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य निदेशालय को वैक्सीन की डिमांड भेजी है.
एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वाले मरीज परेशान: जब किसी व्यक्ति को बंदर, कुत्ता या फिर कोई जानवर काट ले, तो उस समय एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई जाती है. यदि किसी जानवर के काटने के 48 घंटे अंदर वैक्सीन नहीं लगे, तो फिर ये काफी खतरनाक हो सकता है. रेबीज एक घातक बीमारी है, जो एक वायरस के कारण होती है. ये केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) पर हमला करती है.
महीने भर में आते हैं करीब 1500 मरीज: जींद नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 50 मरीज कुत्ते, बंदर काटे के इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं. प्रतिमाह की बात की जाए तो इसकी संख्या 1500 से पार चली जाती है. इनमें प्रतिदिन 20 से 22 इंजेक्शन बीपीएल और आयुष्मान कार्ड धारक लगवाते हैं. इसके अलावा जिन लोगों के बीपीएल या आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें 100 रुपये की स्लिप कटवानी होती है. उस स्लिप को दिखा कर नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में इंजेक्शन लगवाया जाता है, जबकि अगर निजी तौर पर एआरवी लगवाई जाती है तो एक इंजेक्शन की कीमत ही 450 रुपये तक आती है.
उच्च अधिकारियों को भेजी वैक्सीन की डिमांड: जींद अस्पताल के डॉक्टर भोला ने बताया कि वैक्सीन को लेकर डिमांड भेजी जा चुकी है. उम्मीद है कि वीरवार तक वैक्सीन नागरिक अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगी. आमजन को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी.