चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण संबंधी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्षक व पूर्व जज सरकार दर्शन सिंह ने पिछड़ा वर्ग ए को नगर पालिका में आरक्षण अनुपात संबंधी सर्वे रिपोर्ट पेश की गई है. अधिनियम की धारा 9 के तहत राज्य में पिछड़े वर्गों की मौजूदा सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थितियों की जांच करने और जन कल्याणकारी योजनाओं में पिछड़े वर्गों को लाभ, शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों के छात्रों व युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का अनुमान लगाने तथा रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करने का सिफारिश कार्य सौंपा था.
इसके अलावा पिछड़े वर्गों के युवाओं को कौशल विकास और ट्रेनिंग के लिए मौजूदा गतिविधियों का मूल्यांकन करने का कार्य भी सौंपा गया था. साथ ही राज्य में पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़े वगों के लिए जरूरी आरक्षण के अनुपात का अध्ययन करने का जिम्मा भी दिया गया था. इन सभी विषय पर मंथन करने के बाद पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़े वर्ग को आरक्षण संबंधी रिपोर्ट भी पेश की गई है.
इस दौरान जो नगरपालिकाओं में भी पिछड़े वर्ग हैं. उनको भी आरक्षण देने संबंधी कार्य सौंपा गया था. आयोग ने कई बैठकें आयोजित की और राज्य के सभी उपायुक्तों से भी उनके जिलों की नगर पालिकाओं की संख्या और जनसंख्या के आंकड़े मांगे गए. आयोग ने फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, करनाल और अंबाला सहित सभी मंडल मुख्यालयों में जन सुनवाई की और राजनीतिक दलों, संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भी विस्तार से चर्चा की.
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आयोग को पिछड़े वर्ग को नगरपालिकाओं में आरक्षण बारे डाक एवं ई-मेल व संदेशों के माध्यम से भी रिप्रजेंटेशन प्राप्त हुए. इस प्रकार आयोग ने हरियाणा राज्य में नगरपालिकाओं में भी पिछड़े वर्ग को आरक्षण के अनुपात के संबंध में विस्तृत जाँच की. विभिन्न बैठकें आयोजित करने और मामले पर विस्तार से चर्चा करने के बाद, आयोग ने नगरपालिकाओं में पिछड़े वर्गो के नागरिकों को आरक्षण के अनुपात बारे अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत कर दी है.