चंडीगढ़: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई को लेकर अक्सर सवालिया निशान लगता रहा है. बड़े अफसर हों या मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखने वाला वर्ग, हर कोई अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने की बजाय प्राइवेट स्कूल में कराना मुनासिब समझता है. लेकिन एक अधिकारी ऐसे भी हैं जिनके दोनों बच्चे सराकरी स्कूल में पढ़ रहे हैं. हरियाणा में जींद जिले के रहने वाले और नूंह में तैनात एसडीएम रणबीर लोहान (Nuh SDM Ranbir Lohan) के दो बच्चे हैं. दोनों ही चंडीगढ़ सेक्टर-22 के स्कूल में पढ़ रहे हैं.
HCS अधिकारी रणबीर की पोस्टिंग फिलहाल नूंह में है. उनका परिवार चंडीगढ़ रहता है. चंडीगढ़ के ही सरकारी स्कूल में उन्होंने अपने दोनों बच्चों का एडमिशन करवाया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एसडीएम रणबीर की पत्नी आशा देवी ने इस बारे में बताया कि ये बात मिथ्या है कि सरकारी स्कूल में पढ़े बच्चे भविष्य में सफल नहीं हो पाते. अगर ऐसा होता तो रणबीर लोहान आज एसडीएम नहीं होते. टीचर के साथ-साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वो उनकी पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान दें.
आशा ने कहा कि सच ये है कि सरकारी स्कूल किसी भी मामले में प्राइवेट स्कूलों से कम नहीं है. इसीलिए हमने अपने दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया. उनकी बेटी ने दसवीं की परीक्षा में 97.6% अंक लेकर टॉप किया, जबकि उनके बेटे ने दसवीं कक्षा में 92% से ज्यादा अंक लिए हैं.
स्कूल टीचर और चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन (Chandigarh Teachers Association) के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह कंबोज ने इस बारे में बताया कि उनके स्कूल के पढ़े बच्चे आज आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं. जो गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि यहां काफी कुशल स्टाफ है. जो बच्चों को अच्छे तरीके से पढ़ाता है, इसलिए ये कहना गलत होगा कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई अच्छी नहीं होती या सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से किसी भी मामले में कम होते हैं.
सीनियर लेक्चरर सतिंदर कौर ने बताया कि यहां पर हर वो सुविधा मौजूद है जो प्राइवेट स्कूलों में होती है. यहां अच्छे क्लास रूम हैं. जहां पर बच्चों को हर तरह से अच्छी पढ़ाई करवाई जाती है. बच्चों से कई तरह की अन्य एक्टिविटीज भी कराई जाती हैं, ताकि बच्चे पढ़ाई के अलावा अन्य बातों को भी सीख सकें. बच्चों को खेल में भी प्रोत्साहित किया जाता है.
स्कूल में पढ़ने वाले छात्र देवेंद्र ने कहा कि स्कूल में टीचर बहुत अच्छी तरह से पढ़ाई करवाते हैं. यहां पर प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले पढ़ाई अच्छी होती है. क्लासरूम में प्रोजेक्टर्स भी लगाए गए हैं, ताकि बच्चों को ज्यादा अच्छे तरीके से समझाया जा सके और सभी टीचर बहुत अच्छी तरह से बच्चों को समझाते हैं. इसके अलावा कई अन्य एक्टिविटीज भी करवाई जाती हैं. यहां पर अच्छी पढ़ाई होती है और यहां के छात्रों को पढ़ाई में कोई कमी महसूस नहीं होती.