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पंजाब की तर्ज पर अब हरियाणा में भी सभी स्कूलों को खोलना जरूरी: NISA

पंजाब की तर्ज पर अब हरियाणा में भी सभी स्कूलों को खोल देना चाहिए. अगर अभी भी स्कूल नहीं खुले को इससे बच्चों के भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा. साथ ही स्कूलों की आर्थिक हालत भी खराब होती जा रहा है. ये बात नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कही.

NISA demands to open schools in haryana
NISA demands to open schools in haryana
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Published : Jan 19, 2021, 3:39 PM IST

चंडीगढ़: नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस ने हरियाणा में सभी निजी और सरकारी स्कूलों को खोलने की मांग सरकार से की है. निसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा है कि देश भर में 400 बिलियन डॉलर का नुकसान एजुकेशन में हुआ है. स्कूलों पर कोरोना का बड़ा प्रभाव पड़ा है. वर्ल्ड बैंक ने भी कहा है कि कोरोना के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए 400 बिलयन डॉलर का खर्च आएगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा की 3 से 14 साल के बच्चों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा की बात की है, क्योंकि इनकी परीक्षाएं जरूरी हैं लेकिन बोर्ड के रेवेन्यू का मामला भी जुड़ा होता है. हजारों कर्मचारियों के वेतन का भी नुकसान हो सकता है. शर्मा ने कहा जल्द ही हरियाणा के शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे.

कुलभूषण शर्मा ने कहा की सरकार निजी स्कूलों को मान्यता के लिए भूमि मानकों में राहत प्रदान करने जा रही है, जो स्वागत योग्य कदम है. लेकिन इसका लाभ तभी होगा जब सरकार मौजूदा स्कूलों की सूची जारी करेगी. सरकार के इस फैसले से 600 के करीब निजी स्कूलों को छूट का लाभ होगा. राहत देने से पहले नोटिफाई कर दिया जाए, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर स्कूल बंद होने की तलवार लटकी रहती है.

ये भी पढे़ं- फरीदाबाद: केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने किया खो-खो कैंप का उद्घाटन

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि कोरोना के चलते 30 से 35 प्रतिशत स्कूल खुल नहीं पाएंगे. ऐसा रहा तो नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि प्राइमरी और मिडल स्कूलों की संख्या 80 प्रतिशत के करीब हैं जिनपर असर होगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा बच्चों का विदेश जाने के लिए भी कोविड टेस्ट नहीं लिया जा रहा है. चुनाव समेत धार्मिक संस्थानों ने पूरी रफ्तार पकड़ ली है. संपन्न परिवारों के पास पूरी सुविधाएं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों और आम परिवारों के बच्चे शिक्षा में पिछड़ रहे हैं.

चंडीगढ़: नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस ने हरियाणा में सभी निजी और सरकारी स्कूलों को खोलने की मांग सरकार से की है. निसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा है कि देश भर में 400 बिलियन डॉलर का नुकसान एजुकेशन में हुआ है. स्कूलों पर कोरोना का बड़ा प्रभाव पड़ा है. वर्ल्ड बैंक ने भी कहा है कि कोरोना के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए 400 बिलयन डॉलर का खर्च आएगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा की 3 से 14 साल के बच्चों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा की बात की है, क्योंकि इनकी परीक्षाएं जरूरी हैं लेकिन बोर्ड के रेवेन्यू का मामला भी जुड़ा होता है. हजारों कर्मचारियों के वेतन का भी नुकसान हो सकता है. शर्मा ने कहा जल्द ही हरियाणा के शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे.

कुलभूषण शर्मा ने कहा की सरकार निजी स्कूलों को मान्यता के लिए भूमि मानकों में राहत प्रदान करने जा रही है, जो स्वागत योग्य कदम है. लेकिन इसका लाभ तभी होगा जब सरकार मौजूदा स्कूलों की सूची जारी करेगी. सरकार के इस फैसले से 600 के करीब निजी स्कूलों को छूट का लाभ होगा. राहत देने से पहले नोटिफाई कर दिया जाए, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर स्कूल बंद होने की तलवार लटकी रहती है.

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कुलभूषण शर्मा ने कहा कि कोरोना के चलते 30 से 35 प्रतिशत स्कूल खुल नहीं पाएंगे. ऐसा रहा तो नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि प्राइमरी और मिडल स्कूलों की संख्या 80 प्रतिशत के करीब हैं जिनपर असर होगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा बच्चों का विदेश जाने के लिए भी कोविड टेस्ट नहीं लिया जा रहा है. चुनाव समेत धार्मिक संस्थानों ने पूरी रफ्तार पकड़ ली है. संपन्न परिवारों के पास पूरी सुविधाएं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों और आम परिवारों के बच्चे शिक्षा में पिछड़ रहे हैं.

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