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डिस्काउंट के लालच में कभी ना करें ये काम, 'थर्ड पार्टी ऐप' पर ऑनलाइन पेमेंट में बरतें ये सावधानी - ऑनलाइन फूड ऑर्डर पमेंट फ्रॉड

यमुनानगर में युवती ने पुलिस को शिकायत दी कि उसने एक मोबाइल एप्लीकेशन से ऑनलाइन फूड ऑर्डर किया. उसके बाद युवती के पास कॉल आई और युवती के खाते से 14 हजार साफ हो गए. इस तरह का ऑनलाइन फ्रॉड कैसे होता है. इस बारे में साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने विस्तार से बताया.

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Published : Mar 8, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 6:45 PM IST

चंडीगढ़: देशभर में आए दिन साइबर फ्रॉड के नए नए मामले सामने आ रहे हैं. हरियाणा के यमुनानगर से भी ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवती ने पुलिस को शिकायत दी कि उसने एक मोबाइल एप्लीकेशन से ऑनलाइन फूड ऑर्डर किया. उसके बाद युवती के पास कॉल आई और युवती के खाते से 14 हजार साफ हो गए.

युवती ने बताया कि उसने किसी तरह का कोई ओटीपी शेयर नहीं किया. इसके बावजूद भी उसके पैसे कट गए. जिसकी शिकायत उसने गांधीनगर पुलिस थाना को दी और साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कांसापुर ब्रांच में भी शिकायत दी.

डिस्काउंट के लालच में कभी ना करें ये काम

इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने बातचीत की जाने माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से. राजेश राणा ने बताया ठग इंटरनेट से जुड़े कई अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. जिससे वो लोगों के साथ ठगी कर लेते हैं. अगर आप एटीएम या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो वो पेमेंट बिना ओटीपी के नहीं की जा सकता. अगर आप किसी पेमेंट ऐप के जरिए पेमेंट करते हैं तो उसके लिए कन्फर्मेशन मैसेज को एक्सेप्ट किए बिना पेमेंट नहीं हो सकती.

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थर्ड पार्टी ऐप से ऑनलाइन पेमेंट करने से बचें

पेमेंट करने की किसी भी तरीके में व्यक्ति की परमिशन के बिना उसके खाते से पैसे नहीं काटे जा सकते. शातिर किसी ना किसी बहाने से उस व्यक्ति के अकाउंट की जानकारी हासिल करते हैं और उसके बाद किसी भी तरीके से व्यक्ति से उस नोटिफिकेशन पर क्लिक करवा लेते हैं. जिससे उन्हें उसके अकाउंट से पैसे काटने की परमिशन मिल जाए और इसके बाद वे व्यक्ति के गांव से पैसे काट लेते हैं.

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डिस्काउंट के लालच में कभी ना करें ये काम

ये भी पढ़ें- यमुनानगर में फूड ऑर्डर करना युवती को पड़ा महंगा, खाते से साफ हो गए 14 हजार

साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने बताया कि कई लोग डिस्काउंट कूपन के लालच में आकर अपने अकाउंट की जानकारी साइबर क्रिमिनल के साथ साझा कर लेते हैं और वो ठगी का शिकार हो जाते हैं. कई ऐसी वेबसाइट होती हैं जो लोगों को डिलीवरी के नाम पर मोटा डिस्काउंट देने की बात करती हैं. लेकिन वो असल में फेक वेबसाइट होती हैं. लोग बड़ा डिस्काउंट देखकर उन साइटों को इस्तेमाल करते हैं और अपने बैंक अकाउंट की जानकारी भी डाल देते हैं. जिसके बाद वो ठगी का शिकार हो जाते हैं.

चंडीगढ़: देशभर में आए दिन साइबर फ्रॉड के नए नए मामले सामने आ रहे हैं. हरियाणा के यमुनानगर से भी ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवती ने पुलिस को शिकायत दी कि उसने एक मोबाइल एप्लीकेशन से ऑनलाइन फूड ऑर्डर किया. उसके बाद युवती के पास कॉल आई और युवती के खाते से 14 हजार साफ हो गए.

युवती ने बताया कि उसने किसी तरह का कोई ओटीपी शेयर नहीं किया. इसके बावजूद भी उसके पैसे कट गए. जिसकी शिकायत उसने गांधीनगर पुलिस थाना को दी और साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कांसापुर ब्रांच में भी शिकायत दी.

डिस्काउंट के लालच में कभी ना करें ये काम

इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने बातचीत की जाने माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से. राजेश राणा ने बताया ठग इंटरनेट से जुड़े कई अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. जिससे वो लोगों के साथ ठगी कर लेते हैं. अगर आप एटीएम या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो वो पेमेंट बिना ओटीपी के नहीं की जा सकता. अगर आप किसी पेमेंट ऐप के जरिए पेमेंट करते हैं तो उसके लिए कन्फर्मेशन मैसेज को एक्सेप्ट किए बिना पेमेंट नहीं हो सकती.

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थर्ड पार्टी ऐप से ऑनलाइन पेमेंट करने से बचें

पेमेंट करने की किसी भी तरीके में व्यक्ति की परमिशन के बिना उसके खाते से पैसे नहीं काटे जा सकते. शातिर किसी ना किसी बहाने से उस व्यक्ति के अकाउंट की जानकारी हासिल करते हैं और उसके बाद किसी भी तरीके से व्यक्ति से उस नोटिफिकेशन पर क्लिक करवा लेते हैं. जिससे उन्हें उसके अकाउंट से पैसे काटने की परमिशन मिल जाए और इसके बाद वे व्यक्ति के गांव से पैसे काट लेते हैं.

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डिस्काउंट के लालच में कभी ना करें ये काम

ये भी पढ़ें- यमुनानगर में फूड ऑर्डर करना युवती को पड़ा महंगा, खाते से साफ हो गए 14 हजार

साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने बताया कि कई लोग डिस्काउंट कूपन के लालच में आकर अपने अकाउंट की जानकारी साइबर क्रिमिनल के साथ साझा कर लेते हैं और वो ठगी का शिकार हो जाते हैं. कई ऐसी वेबसाइट होती हैं जो लोगों को डिलीवरी के नाम पर मोटा डिस्काउंट देने की बात करती हैं. लेकिन वो असल में फेक वेबसाइट होती हैं. लोग बड़ा डिस्काउंट देखकर उन साइटों को इस्तेमाल करते हैं और अपने बैंक अकाउंट की जानकारी भी डाल देते हैं. जिसके बाद वो ठगी का शिकार हो जाते हैं.

Last Updated : Apr 1, 2021, 6:45 PM IST
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