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नौकरी जाने से हैं परेशान या है मानसिक तनाव, जरूर सुनें मोटिवेशनल स्पीकर के सुझाव

अगर आप भी कोरोना वायरस, लॉकडाउन और नौकरी नहीं होने की वजह से परेशान हैं तो आपको पूर्व IAS अधिकारी और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्री की बात सुननी चाहिए और समझना चाहिए इस बुरे वक्त से कैसे निकला जा सकता है.

how to deal with stress of lockdown
नौकरी जाने से हैं परेशान या है मानसिक तनाव, जरूर सुने मोटिवेशनल स्पीकर के सुझाव
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Published : Apr 5, 2020, 6:41 PM IST

Updated : May 12, 2020, 4:05 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस जैसे-जैसे भारत में पैर पसार रहा है, वैसे-वैसे लोगों मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान हो रहे हैं. आलम ये हो गया है कि लोग कोरोना वायरस के सिर्फ वहम से ही आत्महत्या कर रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि ऐसे लोग मानसिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं. तनाव उनपर इस कदर हावी हो गया है कि उन्हें लगता है कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.

अगर आप भी कोरोना वायरस, लॉकडाउन और नौकरी नहीं होने की वजह से परेशान हैं तो आपको पूर्व IAS अधिकारी और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्री की बात सुननी चाहिए और समझना चाहिए इस बुरे वक्त से कैसे निकला जा सकता है.

क्लिक कर देेखें रिपोर्ट

सवाल: कोरोना वायरस को लेकर लोगों में डर है, उसे कैसे दूर किया जा सकता है?

जवाब: माना ये वक्त बुरा है, लेकिन ये वक्त भी गुजर जाएगा. आप अपने परिवार के साथ अपने घर में हैं तो घबराने की क्या बात. ये याद रखें जबतक आप घर में हैं आप सेफ हैं. लॉकडाउन को जबरदस्ती नहीं समझें, ये सोचें कि परिवार के साथ रहने का इससे अच्छा वक्त आपको नहीं मिलेगा. डर आपके दीमाग में हैं, जिसे निकालने की जरुरत है. अंदर से आत्मविश्वास लेकर आएं. हमे कोशिश करनी चाहिए कि जब ये वक्त गुजरे तो हम बेहतर रूप में दुनिया के सामने जाएं.

सवाल: लॉकडाउन की वजह से बहुत लोगों के बिजनेस पर असर पड़ा है. लोगों की नौकरियां चली गई है. जिस वजह से लोग परेशान है. आप उन्हें क्या सुझाव देंगे?

जवाब: ये स्थिति तनाव देने वाली जरूर है, लेकिन हर विपदा हमेशा नहीं रहती है. इंसान हमेशा रास्ता निकाल लेता है. विश्व और देश भी आगे बढ़ते रहते हैं. हमे भी अपने अंदर के डर से लड़ना है. बाहर की चीजें तो ठीक हो जाएंगी.

  • ऐसे तनाव कर सकते हैं कम
  • मेडिटेशन करें, अच्छी किताबें पढ़ें
  • अगर वीडियो देखनी है तो पॉजिटिव वीडियो देखें
  • नेगेटिव व्हाट्सएप मैसेज पर ध्यान ना दें
  • हमेशा अच्छा सोचें, खुश रहें
  • परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताएं
  • कोशिश करें कुछ अच्छा पढ़नें की
  • अपने दिमाग से बुरे खयाल निकाल दें
  • नेगेटिव व्हाट्सएप मैसेज पर ध्यान ना दें

ये भी पढ़िए: लॉकडाउन से सेहत पर पड़ रहा असर? जानिए योग गुरू से फिट रहने के उपाय

सवला: हाल के दिनों में ऐसे कई केस आए हैं, जिनमें लोगों ने सिर्फ कोरोना वायरस के डर से ही आत्महत्या की है. इसपर आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: हमे सबसे पहले मानसिक लड़ाई जीतनी है. जो लोग आत्महत्या कर रहे हैं वो मानसिक रूप से खुद को हारा हुआ समझ लेते हैं. जिस वजह से वो ऐसा कदम उठाते हैं. ऐसे लोग बिना परेशानी आए भी, परेशान हो जाते हैं. इसके लिए जरुरी है कि हम अंदर से मजबूत हो. अगर हम अंदर से मजबूत होंगे तो वायरस होने पर भी हम ठीक हो जाएंगे, क्योंकि जो लोग ठीक हो रहे हैं वो मानसिक तौर पर मजबूत हैं.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस जैसे-जैसे भारत में पैर पसार रहा है, वैसे-वैसे लोगों मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान हो रहे हैं. आलम ये हो गया है कि लोग कोरोना वायरस के सिर्फ वहम से ही आत्महत्या कर रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि ऐसे लोग मानसिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं. तनाव उनपर इस कदर हावी हो गया है कि उन्हें लगता है कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.

अगर आप भी कोरोना वायरस, लॉकडाउन और नौकरी नहीं होने की वजह से परेशान हैं तो आपको पूर्व IAS अधिकारी और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्री की बात सुननी चाहिए और समझना चाहिए इस बुरे वक्त से कैसे निकला जा सकता है.

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सवाल: कोरोना वायरस को लेकर लोगों में डर है, उसे कैसे दूर किया जा सकता है?

जवाब: माना ये वक्त बुरा है, लेकिन ये वक्त भी गुजर जाएगा. आप अपने परिवार के साथ अपने घर में हैं तो घबराने की क्या बात. ये याद रखें जबतक आप घर में हैं आप सेफ हैं. लॉकडाउन को जबरदस्ती नहीं समझें, ये सोचें कि परिवार के साथ रहने का इससे अच्छा वक्त आपको नहीं मिलेगा. डर आपके दीमाग में हैं, जिसे निकालने की जरुरत है. अंदर से आत्मविश्वास लेकर आएं. हमे कोशिश करनी चाहिए कि जब ये वक्त गुजरे तो हम बेहतर रूप में दुनिया के सामने जाएं.

सवाल: लॉकडाउन की वजह से बहुत लोगों के बिजनेस पर असर पड़ा है. लोगों की नौकरियां चली गई है. जिस वजह से लोग परेशान है. आप उन्हें क्या सुझाव देंगे?

जवाब: ये स्थिति तनाव देने वाली जरूर है, लेकिन हर विपदा हमेशा नहीं रहती है. इंसान हमेशा रास्ता निकाल लेता है. विश्व और देश भी आगे बढ़ते रहते हैं. हमे भी अपने अंदर के डर से लड़ना है. बाहर की चीजें तो ठीक हो जाएंगी.

  • ऐसे तनाव कर सकते हैं कम
  • मेडिटेशन करें, अच्छी किताबें पढ़ें
  • अगर वीडियो देखनी है तो पॉजिटिव वीडियो देखें
  • नेगेटिव व्हाट्सएप मैसेज पर ध्यान ना दें
  • हमेशा अच्छा सोचें, खुश रहें
  • परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताएं
  • कोशिश करें कुछ अच्छा पढ़नें की
  • अपने दिमाग से बुरे खयाल निकाल दें
  • नेगेटिव व्हाट्सएप मैसेज पर ध्यान ना दें

ये भी पढ़िए: लॉकडाउन से सेहत पर पड़ रहा असर? जानिए योग गुरू से फिट रहने के उपाय

सवला: हाल के दिनों में ऐसे कई केस आए हैं, जिनमें लोगों ने सिर्फ कोरोना वायरस के डर से ही आत्महत्या की है. इसपर आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: हमे सबसे पहले मानसिक लड़ाई जीतनी है. जो लोग आत्महत्या कर रहे हैं वो मानसिक रूप से खुद को हारा हुआ समझ लेते हैं. जिस वजह से वो ऐसा कदम उठाते हैं. ऐसे लोग बिना परेशानी आए भी, परेशान हो जाते हैं. इसके लिए जरुरी है कि हम अंदर से मजबूत हो. अगर हम अंदर से मजबूत होंगे तो वायरस होने पर भी हम ठीक हो जाएंगे, क्योंकि जो लोग ठीक हो रहे हैं वो मानसिक तौर पर मजबूत हैं.

Last Updated : May 12, 2020, 4:05 PM IST
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