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हरियाणा में एड्स पीड़ितों को प्रतिमाह मिलेगी वित्तीय सहायता

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मलेरिया मुक्त मेवात अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ वीना सिंह ने कहा कि प्रदेश के एड्स पीड़ितों को 2250 रुपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी.

Haryana AIDS Victim Financial Assistance
हरियाणा एड्स पीड़ित वित्तीय सहायता
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Published : Apr 2, 2021, 11:08 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मलेरिया मुक्त मेवात अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की. इसके साथ ही परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 'अंतरा-हरि-सॉफ्टवेयर' लॉन्च किया गया है. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ वीना सिंह ने कहा कि प्रदेश के एचआईवी पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2250 रुपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: नूंह में मरीजों के लिए वरदान बनेगी 'ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन' सेवा, घर बैठे ही करा सकेंगे इलाज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जेलों में हेपेटाइ़टिस बी और सी की जांच के लिए हरियाणा जेल एच.सी.वी. परियोजना का दूसरा चरण भी शुरू किया. डॉ. वीना सिंह ने बताया कि वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम हरियाणा की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया है. उन्होंने कहा कि मलेरिया मुक्त मेवात अभियान के पहले दौर के सफल समापन के बाद बीमारी की घटनाओं में 97 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

डॉ. वीना सिंह ने बताया कि दूसरे चरण में जिले के 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों उजीना, सुडाका और बाई के तहत आने वाले 62 गावों के 1.86 लाख लोगों की मलेरिया की मुफ्त जांच और इलाज 74 टीमों द्वारा घर-घर जाकर किए जाएगा. डॉ. वीना सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से राज्य जल्द ही मलेरिया मुक्त होगा. उन्होंने कहा कि मलेरिया को खत्म करने के लिए प्रदेश के सभी पंच, सरपंच भी लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें. जिससे प्रदेश को 2022 तक मलेरिया मुक्त किया जा सके.

स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के 7 नए ए.आर.टी सेंटरों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा एच.आई.वी के मरीजों को बेहतर जीवनयापन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्व है. ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण पर पहली तिमाही में एच.आई.वी और सिफलिस का पता लगााने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया जाएगा. यह कार्य गांव की आशा वर्कर्स और ए.एन.एम द्वारा किया जाएगा. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने एच.आई.वी एड्स से पीड़ित लोगों को पेंशन का चेक देकर शुरुआत की.

ये भी पढ़ें: पलवल: पनीर फैक्ट्री पर स्वास्थ्य विभाग ने मारा छापा, कच्चा माल लेकर फरार हुए कर्मी

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'अंतरा-हरि-सॉफ्टवेयर' एक वेब मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन है. यह इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक और उनकी खुराक लेने वाले उपयोगकर्ताओं को लाइन-लिस्ट करता है. इसका मुख्य उद्देश्य अंतरा टीका साधन अपनाने वाले लाभार्थियों को समय पर सेवा उपलब्ध करवाना है. यह सॉफ्टवेयर आशा वर्कर्स द्वारा लाभर्थियों का फॉलोअप करने में मदद करेगा. साथ ही इसके माध्यम से एसएमएस के रूप में रिमाइंडर भेजकर अगली खुराक के लिए याद भी करवाया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव आरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में पहले ही दिसंबर 2018 से अगस्त 2019 तक पहले राउंड में हेपेटाइटिस सी के लिए स्क्रीनिंग अभियान चलाया था. राजीव आरोड़ा ने बताया कि अब हरियाणा एचसीवी जेल परियोजना के तहत हेपेटाइटिस बी और सी के लिए सभी 19 जेलों के कैदियों के इलाज की स्क्रीनिंग की जाएगी.

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मलेरिया मुक्त मेवात अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की. इसके साथ ही परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 'अंतरा-हरि-सॉफ्टवेयर' लॉन्च किया गया है. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ वीना सिंह ने कहा कि प्रदेश के एचआईवी पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2250 रुपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी.

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स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जेलों में हेपेटाइ़टिस बी और सी की जांच के लिए हरियाणा जेल एच.सी.वी. परियोजना का दूसरा चरण भी शुरू किया. डॉ. वीना सिंह ने बताया कि वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम हरियाणा की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया है. उन्होंने कहा कि मलेरिया मुक्त मेवात अभियान के पहले दौर के सफल समापन के बाद बीमारी की घटनाओं में 97 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

डॉ. वीना सिंह ने बताया कि दूसरे चरण में जिले के 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों उजीना, सुडाका और बाई के तहत आने वाले 62 गावों के 1.86 लाख लोगों की मलेरिया की मुफ्त जांच और इलाज 74 टीमों द्वारा घर-घर जाकर किए जाएगा. डॉ. वीना सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से राज्य जल्द ही मलेरिया मुक्त होगा. उन्होंने कहा कि मलेरिया को खत्म करने के लिए प्रदेश के सभी पंच, सरपंच भी लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें. जिससे प्रदेश को 2022 तक मलेरिया मुक्त किया जा सके.

स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के 7 नए ए.आर.टी सेंटरों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा एच.आई.वी के मरीजों को बेहतर जीवनयापन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्व है. ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण पर पहली तिमाही में एच.आई.वी और सिफलिस का पता लगााने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया जाएगा. यह कार्य गांव की आशा वर्कर्स और ए.एन.एम द्वारा किया जाएगा. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने एच.आई.वी एड्स से पीड़ित लोगों को पेंशन का चेक देकर शुरुआत की.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'अंतरा-हरि-सॉफ्टवेयर' एक वेब मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन है. यह इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक और उनकी खुराक लेने वाले उपयोगकर्ताओं को लाइन-लिस्ट करता है. इसका मुख्य उद्देश्य अंतरा टीका साधन अपनाने वाले लाभार्थियों को समय पर सेवा उपलब्ध करवाना है. यह सॉफ्टवेयर आशा वर्कर्स द्वारा लाभर्थियों का फॉलोअप करने में मदद करेगा. साथ ही इसके माध्यम से एसएमएस के रूप में रिमाइंडर भेजकर अगली खुराक के लिए याद भी करवाया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव आरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में पहले ही दिसंबर 2018 से अगस्त 2019 तक पहले राउंड में हेपेटाइटिस सी के लिए स्क्रीनिंग अभियान चलाया था. राजीव आरोड़ा ने बताया कि अब हरियाणा एचसीवी जेल परियोजना के तहत हेपेटाइटिस बी और सी के लिए सभी 19 जेलों के कैदियों के इलाज की स्क्रीनिंग की जाएगी.

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