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मिड डे मील वर्कर्स ने की हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका, कोर्ट ने हरियाणा सरकार से मांगा जवाब - चंडीगढ़

अपने काम का मेहनताना मांगने की मांग को लेकर मिड डे मिल वर्कर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसपर कोर्ट ने हरियाणा सराकर को नोटिस जारी किया.

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Mar 11, 2019, 11:34 PM IST

चंडीगढ़: स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाली 97 कुक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए न्यूनतम मजदूरी दिए जाने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश दिए जाने की अपील की है. याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है.


याचिका दाखिल करते हुए राजेश कुमारी और अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि मिड डे मील के लिए उन्हें स्कूलों में लगाया गया है. पहले उन्हें 500 रुपये दिए जाते थे जो अब बढ़कर 3500 हो गए हैं, जो न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है.

याची ने कहा कि उनका काम पूरे दिन का होता है और कई बार तो स्कूल अवधि से अधिक तक का. वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं और ऐसे में वह न्यूनतम मजदूरी के हकदार हैं.


साथ ही बताया गया कि हरियाणा सरकार की नोटिफिकेशन में कुक को कुशल श्रमिक माना गया है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को या तो 9900 रुपये प्रतिमाह या 380 रुपये प्रतिदिन के मुताबिक मजदूरी दी जाए. साथ ही याची ने कहा कि उनके द्वारा दी जाने वाली इन सेवाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है.


मिड डे मील वर्करों ने सेवाएं नियमित करने और जब तक नहीं होती है तब तक न्यूनतम मजदूरी दिए जाने की अपील की है. इसके साथ ही यह भी मांग की है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी उनकी नियुक्ति की तिथि से दी जाए और जो भी एरियर बनता है उसका भुगतान किया जाए. हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.


चंडीगढ़: स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाली 97 कुक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए न्यूनतम मजदूरी दिए जाने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश दिए जाने की अपील की है. याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है.


याचिका दाखिल करते हुए राजेश कुमारी और अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि मिड डे मील के लिए उन्हें स्कूलों में लगाया गया है. पहले उन्हें 500 रुपये दिए जाते थे जो अब बढ़कर 3500 हो गए हैं, जो न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है.

याची ने कहा कि उनका काम पूरे दिन का होता है और कई बार तो स्कूल अवधि से अधिक तक का. वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं और ऐसे में वह न्यूनतम मजदूरी के हकदार हैं.


साथ ही बताया गया कि हरियाणा सरकार की नोटिफिकेशन में कुक को कुशल श्रमिक माना गया है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को या तो 9900 रुपये प्रतिमाह या 380 रुपये प्रतिदिन के मुताबिक मजदूरी दी जाए. साथ ही याची ने कहा कि उनके द्वारा दी जाने वाली इन सेवाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है.


मिड डे मील वर्करों ने सेवाएं नियमित करने और जब तक नहीं होती है तब तक न्यूनतम मजदूरी दिए जाने की अपील की है. इसके साथ ही यह भी मांग की है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी उनकी नियुक्ति की तिथि से दी जाए और जो भी एरियर बनता है उसका भुगतान किया जाए. हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.


Intro:मिड डे मील वर्करों ने की याचिका पर हरयिाणा सरकार को नोटिस 

-न्यूनतम मजदूरी दिए जाने की है याचिका में अपील 

-सेवाओं अभी तक दी गई सेवाओं का न्यूनतम मजदूरी के अनुसार एरियर भी मांगा 


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चंडीगढ़। 

स्कूलों मेंं मिड डे मील बनाने वाली 97 कुक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कतरे हुए न्यूनतम मजदूरी दिए जाने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश दिए जाने की अपील की है। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है। 

याचिका दाखिल करते हुए राजेश कुमारी व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि मिड डे मील के लिए उन्हें स्कूलों में लगाया गया है। पहले उन्हें 500 रुपये दिए जाते थे जो अब बढ़कर 3500 हो गए हैं जो की न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। याची ने कहा कि उनका काम पूरे दिन का होता है और कई बार तो स्कूल अवधि से अधिक तक का। वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं और ऐसे में वह न्यूनतम मजदूरी के हकदार हैं। साथ ही बताया गया कि हरियाणा सरकार की नोटिफिकेशन में कुक को कुशल श्रमिक माना गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को या तो 9900 रुपये प्रतिमाह या 380 रुपये प्रतिदिन के अनुसार मजदूरी दी जाए। साथ ही याची ने कहा कि उनके द्वारा दी जाने वाली इन सेवाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। मिड डे मील वर्करों ने सेवाएं नियमित करने और जब तक नहंीं होती है तब तक न्यूनतम मजदूरी दिए जाने की अपील की है। इसके साथ ही यह भही मांग की है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी उनकी नियुक्ति की तिथि से दी जाए और जो भी एरियर बनता है उसका भुगतान किया जाए। हाईकोर्ट ने यचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। 





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