चंडीगढ़: शासन से सुशासन तभी साकार हो सकता है जब आखिरी छोर पर सरकार की पहुंच सुनिश्चित होगी. सुशासन हेतु हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के 'नए हरियाणा' के विजन को पूरा करने के लिए योजनाओं और सेवाओं में परिवर्तन महत्वपूर्ण हैं. इसी दृष्टिकोण के साथ, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी (सीएमजीजीए) कार्यक्रम पांच वर्षों से जमीनी स्तर पर सार्थक परिणाम प्रदान कर रहा है. वर्तमान में अपने छठे वर्ष में कार्य कर रहे सीएमजीजीए ने नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों, मुद्दों के समाधान और वास्तविक परिणामों के लिए प्रक्रियाओं को बदलने के लिए सिफारिशों की हैं.
पिछले छः महीनों से सीएमजीजीए ने हरियाणा के फ्लैगशिप कार्यक्रमों पर सक्रियता से काम किया है. उन्होंने नागरिकों के साथ बातचीत कर उनके समक्ष आने वाली कठिनाइयों की पहचान की और इन समस्याओं को दूर करने की सिफारिशें कीं. गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) की अध्यक्षता में हुई एक दिवसीय बैठक में ये सिफारिशें प्रस्तुत की गईं. योजनाओं से संबंधित विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए विभागों के प्रशासनिक सचिव भी मौजूद रहे. बैठक में अशोका विश्वविद्यालय के ट्रस्टी और सह-संस्थापक प्रमथ राज सिन्हा और प्रो. कुलपति राजेश गरोडिया भी उपस्थित रहे.
बैठक में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, मॉडल संस्कृति स्कूल, सुपर 100, मेरी फसल मेरा ब्योरा, ग्राम दर्शन और जनसहायक जैसे कई फ्लैगशिप कार्यक्रमों के संबंध में जमीनी स्तर पर पाई गई चुनौतियों व अनुभवों को प्रस्तुत किया गया. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं पर सहयोगियों द्वारा की गई सिफारिशों को गंभीरता से सुना और उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सर्वप्रथम संरचनात्मक मुद्दों पर काम करना जैसे विभिन्न वितरण योजनाओं तथा कृषि, शिक्षा और सेवा वितरण योजनाओं सहित अन्य प्राथमिकता वाली परियोजनाओं का विश्लेषण करना आवश्यक है.
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मुख्यमंत्री ने विभागों के अधिकारियों को योजनाओं व सेवाओं में इन सुझावों को शामिल करने के भी निर्देश दिए ताकि इन्हें और अधिक मजबूत बनाया जा सके जिससे अंतिम छोर तक सरकार की पहुंच सुनिश्चित करने में कोई कसर न रहे. यह एक दिवसीय बैठक कई मायनों में सकारात्मक रही और राज्य में उत्पन्न होने वाले मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक संशोधनों के संबंध में निर्णय लिये गए, जिससे बड़े पैमाने पर नागरिकों को लाभ होगा. मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं पर सीएमजीजीए के काम की सराहना की और उन्हें ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स तथा तकनीकी हस्तक्षेप जैसी पहलों पर सक्रियता से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सीएमजीजीए मॉडल देश में एक अद्वितीय सफल कार्यक्रम के रूप में उभरा है और इससे हरियाणा को लाभ हुआ है। हमारा लक्ष्य हरियाणा में हर नागरिक की सेवा सुनिश्चित करना है, जिसमें अंतिम व्यक्ति का उदय शीर्ष पर है. यह देखकर बड़ा अच्छा लगता है कि हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार से कार्यक्रमों का निर्माण, निरंतरता और संस्थागत किया है. बैठक में नागरिकों के लिए चलाई जा रही सरकार की प्रमुख योजनाओं पर प्रगति को भी दर्शाया गया.
बैठक में बताया गया कि रोजगार के विषय पर सहयोगियों ने नागरिकों के साथ बातचीत की, मौजूदा प्लेटफार्मों की जांच की और डाटा का पूरी तरह से विश्लेषण किया. इसमें यह पाया गया है कि कई प्लेटफॉर्म होने से नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे इनका कम उपयोग हो रहा है. सहयोगियों ने नौकरी के अवसरों, स्वरोजगार और करियर मार्गदर्शन व परामर्श के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म की सिफारिश की. इससे सूचना प्रवाह और कई योजनाओं व सेवाओं के लिए एक मंच सुनिश्चित होगा. मुख्यमंत्री ने इस अवधारणा का समर्थन किया है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा.
सीएमजीजीए कार्यक्रम राज्य की प्राथमिकताओं पर काम करने और सुशासन को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता और कौशल का लाभ उठाने हेतु 2016 से अशोका विश्वविद्यालय और हरियाणा सरकार के बीच एक रणनीतिक सहयोग है. हर साल, 24 चयनित उम्मीदवारों को हरियाणा के 22 जिलों में रखा जाता है और सिस्टम को सुव्यवस्थित करने के लिए सीधे तौर पर उपायुक्तों और जिला प्रशासन के साथ काम करते हैं और नागरिक वितरण सेवाओं में वृद्धि के लिए मौजूदा संरचनाओं को सुधारने के लिए अभिनव समाधान प्रदान करते हैं.
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