चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को शिक्षा का एक ऐसा सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत बच्चों को 'केजी टू पीजी' शिक्षा एक ही संस्थान में मुहैया करवाई जा सके. उन्होंने दो ऐसे विश्वविद्यालय चिन्हित करने को कहा है, जहां शुरू में ये सिस्टम लागू किया जा सके.
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, जिला शैक्षिक, प्रशिक्षण संस्थानों, खंड शैक्षिक और प्रशिक्षण संस्थानों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निजी संस्थानों की एक्रीडिटेशन का सिस्टम बनाया जाए. इनकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, ताकि वो मानकों पर खरा उतरें. साथ ही, सरकारी संस्थानों को फिर से चालू करवाया जाए. बैठक के दौरान बताया गया कि नई शिक्षा नीति में वर्ष 2030 से अध्यापक के पास बीए. बी.एड. इंटिग्रेटेड होना अनिवार्य है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें वर्ष 2030 तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अगले साल से इस योजना पर काम शुरू किया जा सकता है.
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सीएम ने निर्देश दिए कि प्रदेश के तीन जिलों (गुरुग्राम, झज्जर और कुरुक्षेत्र) में ऐसे 10-10 स्कूल चिन्हित किए जाएं. जहां इंटीग्रेटेडेड बीएड कोर्स करने वाले विद्यार्थियों की इंटर्नशिप करवाई जा सके. उन्होंने कहा कि इन-सर्विस ट्रेनिंग के अलावा भर्ती होने से पहले भी प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए.