फरीदाबाद: फरीदाबाद के सेक्टर 12 में हर साल की तरह इस साल भी सरस मेले का आयोजन किया गया है. इस साल मेले में देश प्रदेश की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आपनी प्रोडक्ट को लेकर आई हुई हैं. ये प्रोडक्ट बिना किसी मिलावट और घर में बना हुआ है. ये महिलाएं जहां सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उठा रही हैं, वहीं अपने परिवार के साथ-साथ दूसरों को रोजगार देकर उसके परिवार का भी भरण पोषण कर रही हैं. सरस मेला जैसा मंच इन महिलाओं के सपनों को एक नई उड़ान देता है और यही वजह है कि इस सरस मेले में दूर-दूर से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पहुंची हुई हैं, जो अपने प्रोडक्ट को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रही हैं.
कई महिलाओं को रोजगार दे रही कविता : ऐसे ही स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला कविता है, जो जिला महेंद्रगढ़ से आई हुई है. कविता और उसकी टीम बाजरे से कई प्रकार के फूड प्रोडक्ट बनाती है. ईटीवी भारत से बातचीत में कविता ने बताया कि "मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हूं. मेरे साथ इस समूह की 10 महिलाएं भी जुड़ी हैं. मैं और मेरी टीम बाजरे से कई प्रकार के खाद्य प्रोडक्ट बनाते हैं, जैसे बाजरे की खिचड़ी, मीठी पूड़ी, नमकीन, लड्डू. इन प्रोडक्ट में कोई मिलावटी चीज या केमिकल नहीं डाले जाते हैं. हम शुद्ध बाजरे से प्रोडक्ट को तैयार करते हैं. बाजार में मिलने वाले दूसरे प्रोडक्ट से हमारे प्रोडक्ट अच्छे और सस्ते हैं. इसी काम की वजह से मेरा और मेरी टीम के घर का भरण पोषण हो रहा है."
कठिन थी डगर, लेकिन समय ने आसान बना दिया : उसने आगे बताया कि "डेढ़ साल पहले पति की मदद से मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और अपनी एक टीम बनाई. इस टीम में 10 महिलाएं शामिल हुई. इसके बाद हमने बाजरे से प्रोडक्ट बनाना शुरू किया. शुरुआती दिनों में थोड़ी कठिनाइयां हुई, लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो गया. हमारी टीम में ऐसी महिलाएं भी हैं जो घर से कहीं बाहर नहीं निकलती थी, लेकिन स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की वजह से वो घर से बाहर निकलती हैं और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है. अगर मेरा परिवार मुझे सपोर्ट नहीं करता तो मैं कभी आगे नहीं बढ़ पाती."
सरकार देती है लोन : उसने आगे बताया कि "कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपने आप को साबित किया है. इसमें सरकार का बड़ा योगदान है, क्योंकि सरकार से हमें प्रोडक्ट बनाने को लेकर लोन मिल जाता है."
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