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हरियाणा में एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव? बीजेपी और जेजेपी ने बनाया ये प्लान

हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) एक साथ कराने की सुगबुहागट तेज हो गई है. प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी हैं. सत्ताधारी बीजेपी और उसकी गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी ऐसा संकेत दे रही हैं कि दोनों चुनाव एक साथ कराने की संभावना प्रबल होती जा रही है. आइये आपको बताते हैं कि एक साथ चुनाव को लेकर किसने क्या कहा.

Lok Sabha Elections in Haryana
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024
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Published : May 19, 2023, 12:36 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में अक्टूबर 2024 तक विधानसभा चुनाव होना है. उसे पहले मई तक लोकसभा चुनाव संपन्न हो जायेगा. यानि लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का अंतराल है. लेकिन इस समय प्रदेश में ऐसा राजनीतिक माहौल बन रहा है जो लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराने का संकेत दे रहा है. पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बयान और उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कुछ ऐसा ही इशारा दिया है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बयान- इसी साल अप्रैल महीने में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था हम इसके लिए तैयार हैं. दुष्यंत ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव होते हैं. ऐसे में कुछ महीनों के अंतराल पर अलग-अलग दो चुनाव कराने से राज्य और केंद्र सरकार पर भी आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने ये भी कहा था कि चुनाव करवाने में समय तो लगता ही है साथ ही अलग से अधिकारियों की तैनाती से भी समय खराब होता है. यानि उनका कहना था कि अगर ये दोनों चुनाव एक साथ होते हैं तो समय और पैसे दोनों की बचत हो सकती है.

सीएम मनोहर लाल भी एक साथ चुनाव के पक्ष में- इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा में आयोजित एक जनसभा के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य में सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. बीजेपी की तैयारी भी पुख्ता है. अगर ऐसा फैसला लिया जाता है तो बीजेपी अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक फार्मूले पर हरियाणा में सत्ता वापसी कर सकती है कांग्रेस? ये हैं 5 बड़ी समस्या

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का अंतराल- हरियाणा में करीब 2 दशकों से एक साथ कोई चुनाव नहीं हुए हैं. प्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनाव लोकसभा के चुनाव से करीब 6 महीने के बाद हुए हैं. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में 6 महीने का अंतराल होने की वजह से सरकार को दोहरा खर्च वहन करना पड़ता है. इसके साथ ही 6 महीने से अधिक समय तक पूरी सरकारी मशीनरी व्यस्त रहती है. इसलिए सीएम के अलावा, बीजेपी के कई अन्य नेता भी राज्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं.

बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी- हरियाणा में बीजेपी अभी से ही चुनावी मोड में आ चुकी है. मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने के मौके को भुनाने के लिए 30 मई से अगले एक महीने का कार्यक्रम अभी से ही तय कर लिया गया है. बीजेपी हर जिले में अलग-अलग कार्यकर्म करने जा रही है, जिसमें केन्द्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यक्रम भी करवाने की तैयारी है. ये इस बात का संकेत है कि पार्टी लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव की भी तैयारी कर रही है.

कांग्रेस ने भी तेज की चुनावी तैयारी- प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पिछले काफी लंबे समय से जमीनी स्तर पर चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस ने हाथ से हाथ मिलाओ कार्यक्रम शुरू किया. उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने विपक्ष आपके समक्ष कैंपेन चलाया. हालांकि अभी तक प्रदेश में पार्टी का संगठन घोषित नहीं हो पाया है. दोनों चुनाव एक साथ कराने के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि हरियाणा में विधानसभा के चुनाव तय समय पर ही होंगे. वे कहते हैं कि अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ भी होते हैं तो कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार है.

चुनावी यात्रा पर हैं इनेलो नेता अभय चौटाला- वहीं इंडियन नेशनल लोकदल भी चुनाव की तैयारी में पूरी तरह जुट चुकी है. पार्टी के एकमात्र विधायक अभय चौटाला हरियाणा परिवर्तन पद यात्रा पर हैं. इनेलो का कहना है कि वो कभी भी चुनाव के लिए तैयार है. इनेलो प्रवक्ता रजत पंजेटा कहते हैं कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव इस मकसद से करवाना चाहती है ताकि उसके खिलाफ जो एंटी इनकम्बेंसी हैं, उसका चुनाव में असर कम हो. केंद्र और राज्य दोनों जगह जन विरोधी नीतियों की वजह से लोग परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- बीजेपी का मिशन 2024: अगले एक महीने का कार्यक्रम तय, मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर सभी लोकसभा क्षेत्रों में होगी रैली

चंडीगढ़: हरियाणा में अक्टूबर 2024 तक विधानसभा चुनाव होना है. उसे पहले मई तक लोकसभा चुनाव संपन्न हो जायेगा. यानि लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का अंतराल है. लेकिन इस समय प्रदेश में ऐसा राजनीतिक माहौल बन रहा है जो लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराने का संकेत दे रहा है. पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बयान और उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कुछ ऐसा ही इशारा दिया है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बयान- इसी साल अप्रैल महीने में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था हम इसके लिए तैयार हैं. दुष्यंत ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव होते हैं. ऐसे में कुछ महीनों के अंतराल पर अलग-अलग दो चुनाव कराने से राज्य और केंद्र सरकार पर भी आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने ये भी कहा था कि चुनाव करवाने में समय तो लगता ही है साथ ही अलग से अधिकारियों की तैनाती से भी समय खराब होता है. यानि उनका कहना था कि अगर ये दोनों चुनाव एक साथ होते हैं तो समय और पैसे दोनों की बचत हो सकती है.

सीएम मनोहर लाल भी एक साथ चुनाव के पक्ष में- इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा में आयोजित एक जनसभा के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य में सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. बीजेपी की तैयारी भी पुख्ता है. अगर ऐसा फैसला लिया जाता है तो बीजेपी अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी.

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लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का अंतराल- हरियाणा में करीब 2 दशकों से एक साथ कोई चुनाव नहीं हुए हैं. प्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनाव लोकसभा के चुनाव से करीब 6 महीने के बाद हुए हैं. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में 6 महीने का अंतराल होने की वजह से सरकार को दोहरा खर्च वहन करना पड़ता है. इसके साथ ही 6 महीने से अधिक समय तक पूरी सरकारी मशीनरी व्यस्त रहती है. इसलिए सीएम के अलावा, बीजेपी के कई अन्य नेता भी राज्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं.

बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी- हरियाणा में बीजेपी अभी से ही चुनावी मोड में आ चुकी है. मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने के मौके को भुनाने के लिए 30 मई से अगले एक महीने का कार्यक्रम अभी से ही तय कर लिया गया है. बीजेपी हर जिले में अलग-अलग कार्यकर्म करने जा रही है, जिसमें केन्द्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यक्रम भी करवाने की तैयारी है. ये इस बात का संकेत है कि पार्टी लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव की भी तैयारी कर रही है.

कांग्रेस ने भी तेज की चुनावी तैयारी- प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पिछले काफी लंबे समय से जमीनी स्तर पर चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस ने हाथ से हाथ मिलाओ कार्यक्रम शुरू किया. उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने विपक्ष आपके समक्ष कैंपेन चलाया. हालांकि अभी तक प्रदेश में पार्टी का संगठन घोषित नहीं हो पाया है. दोनों चुनाव एक साथ कराने के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि हरियाणा में विधानसभा के चुनाव तय समय पर ही होंगे. वे कहते हैं कि अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ भी होते हैं तो कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार है.

चुनावी यात्रा पर हैं इनेलो नेता अभय चौटाला- वहीं इंडियन नेशनल लोकदल भी चुनाव की तैयारी में पूरी तरह जुट चुकी है. पार्टी के एकमात्र विधायक अभय चौटाला हरियाणा परिवर्तन पद यात्रा पर हैं. इनेलो का कहना है कि वो कभी भी चुनाव के लिए तैयार है. इनेलो प्रवक्ता रजत पंजेटा कहते हैं कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव इस मकसद से करवाना चाहती है ताकि उसके खिलाफ जो एंटी इनकम्बेंसी हैं, उसका चुनाव में असर कम हो. केंद्र और राज्य दोनों जगह जन विरोधी नीतियों की वजह से लोग परेशान हैं.

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