चंडीगढ़ः कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के असर से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कारोबार हो या कोई और बिजनेस हर किसी की हालत खस्ता हो गई है. ऐसी ही एक इंडस्ट्री है होटल इंडस्ट्री. जिस पर लॉकडाउन की जबरदस्त मार पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से इस इंडस्ट्री को करोड़ों का नुकसान हुआ है. इसी को लेकर चंडीगढ़ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंदर पाल सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
लॉकडाउन से होटल इंडस्ट्री को झटका
अरविंदर पाल सिंह ने कहा कि होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोग कोरोना महामारी के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए कदमों की तारीफ करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने 3 महीने तक बैंकों की ईएमआई एक्सटेंड करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया. होटल इंडस्ट्री को हुए नुकसान को लेकर अरविंदर पाल सिंह ने बताया कि पूरे देश में करीब 21 लाख से ज्यादा होटल और रेस्टोरेंट हैं. जिसमें करीब 1 महीने में 63 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं इस क्षेत्र की करीब 6 करोड़ नौकरियों पर भी असर पड़ा है. होटल इंडस्ट्री में नौकरी करने वालों की सैलरी पर करीब 18 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
ट्राइसिटी में 180-190 करोड़ रुपये का नुकसान
वहीं अगर ट्राइसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली) की बात करें तो यहां 600 से 700 होटल और रेस्टोरेंट हैं. जिसमें 1 महीने में करीब 180 से 190 करोड़ के कारोबार का नुकसान हुआ है. वहीं ट्राइसिटी में इस इंडस्ट्री से करीब 15 से 20 हजार लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन मौजूदा वक्त में किसी के पास कोई काम नहीं है.
सरकार से रियायतों की मांग
अरविंदर पाल सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों की मार्च महीने की सैलरी तो दे दी गई है. लेकिन अब अप्रैल और मई की सैलरी दे पाना मुश्किल साबित हो रहा है. इसके लिए उन्होंने सरकार से कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड से मदद करने की मांग की. उन्होंने कहा कि कुछ सरकार मदद करें और कुछ होटल इंडस्ट्री आगे बढ़कर कदम उठाएगी. तभी इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को राहत मिल पाएगी.
उभरने में लगेगा एक साल
अरविंदर पाल सिंह ने सरकार से कहा कि करीब 1 साल तक तो इंस्डस्ट्री के पटरी पर लौटने की उम्मीद नहीं है. वहीं पूरी तरह से हालात ठीक होने में करीब 2 साल का वक्त लग सकता है. इसके लिए उन्होंने सरकार से 1 साल तक कई रियायतें देने की गुजारिश की. इसके साथ इन मांगों को भी रखा.
- सरकार कम से कम 1 साल के लिए इंट्रेस्ट फ्री लोन का इंतजाम करें.
- बिजली विभाग की ओर से फिक्सड लोड के बिल दिए जा रहे हैं, सरकार इसे माफ कराए.
- होटल उद्योग पर लगने वाले 5 फीसदी जीएसटी को 1 साल के लिए माफ किया जाए.
- 3 महीने के लिए जो ईएमआई एक्सटेंड हुई है, उसे 1 साल के लिए एक्सटेंड किया जाए.
- होटल इंडस्ट्री के लाइसेंस को सरकार 1 साल के लिए फ्री करें. सभी लाइसेंस बिना फीस रिन्यू किए जाएं.
- 1 साल तक प्रॉपर्टी टैक्स माफ की जाए.
- सरकार इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को जो भी राहत देने की सोच रही है, उसे कम से कम 1 साल तक जारी रखें.
सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में होटल चला पाना मुश्किल
अरविंदर पाल सिंह ने कहा कि मौजूदा हालात में जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर बातें की जा रही हैं. उसे देखते हुए होटल इंडस्ट्री का चल पाना मुश्किल है. क्योंकि अगर होटल में 100 लोगों के पार्टी की पार्टी करने की जगह हैं तो ऐसे हालात में 20-25 लोग भी पार्टी में नहीं आ सकते हैं. वर्तमान परिस्थितियों में फूड एंड सेफ्टी एक्ट के प्रावाधानों के तहत भी होटल चलाना मुश्किल है. ऐसे में 2022 से पहले होटल इंडस्ट्री के हालात ठीक होते नजर नहीं आ रहे.
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