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हरियाणा में संकटमोचक साबित हुए हैं डिप्टी सीएम, दुष्यंत चौटाला बने प्रदेश के छठे डिप्टी सीएम - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री

हरियाणा की राजनीति और सत्ता का संतुलन साधने के लिए उपमुख्यमंत्री पद ब्रह्मास्त्र साबित हुआ है जिसका उपयोग समय-समय पर हरियाणा की राजनीति में किया जाता रहा है. हम आपको बात कर रहे हैं हरियाणा की राजनीति में बने उपमुख्यमंत्रियों की कहानी जो सरकारों के संकटमोचक बनकर सामने आए.

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री
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Published : Oct 27, 2019, 4:43 PM IST

चंडीगढ़: यूं तो हरियाणा अपनी आयाराम-गयाराम की राजनीति के लिए जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह राजनीति बंद थी. लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 ने इस प्रथा को फिर से एक जीवित कर दिया है. और बीजेपी को यमुना पार पहुंचाने की बात करने वाले दुष्यंत चौटाला अब बीजेपी के तारणहार बन गए हैं. और उन्हें इसका इनाम भी मिला है. इनाम में उन्हें डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली है. दुष्यंत चौटाला हरियाणा के छठे डिप्टी सीएम हैं. नीचे जानिए अब तक के मुख्यमंत्रियों के बारे में...

हरियाणा के पहले डिप्टी सीएम चांदराम

हरियाणा के पहले उपमुख्यमंत्री के कई किस्से हैं, ये किस्सा साल 1966 का है जब हरियाणा पंजाब से अलग होकर राज्य बना था तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. उस वक्त कांग्रेस के एक नेता का नाम जब मंत्रीमंडल में नहीं आया तो नाराज नेता ने तब के मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा से कहा 'यूं तो राम लक्ष्मण की जोड़ी टूट जाएगी' और हुआ भी कुछ ऐसा ही कांग्रेस अपना स्पीकर चुनने में असमर्थ रही और इसके बाद शर्मा को इस्तीफा देना पड़ा जिसके बाद हरियाणा विशाल पार्टी के राव बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के 17 विधायकों की मदद से सरकार बनाई और चांदराम प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम बने.

हरियाणा में संकटमोचन साबित हुए हैं डिप्टी सीएम

ये भी पढ़ें:नई सरकार का शपथ ग्रहण आज, मनोहर लाल सीएम, दुष्यंत बनेंगे डिप्टी सीएम

डॉ. मंगल सेन (दूसरे डिप्टी सीएम)

हरियाणा की राजनीति में दूसरे डिप्टी सीएम की जरूरत तब पड़ी जब देश में राजनीतिक उथल-पुथल हुई. दरअसल आपातकाल के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ चार पार्टियों का विलय हुआ और जनता पार्टी बनी और चुनावों के नतीजे आए तो हरियाणा की राजनीति में वो हुआ जो आज बीजेपी करना चाहती थी प्रदेश की 90 सीटों में से 75 सीटें जनता पार्टी को मिली जिसके बाद चौधरी देवीलाल को मुख्यमंत्री तो जनसंघ के बड़े नेताओं में आने वाले डॉ मंगल सेन को प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया.

बनारसी दास गुप्ता (तीसरे डिप्टी सीएम)

पहले सीएम फिर डिप्टी सीएम

ये साल 1987 था जब प्रदेश में बीजेपी, लोकदल ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत मिलने के बाद चौधरी देवी लाल को फिर से सीएम बने लेकिन इस बार डिप्टी सीएम बदल गए थे. क्योंकि बनारसी दास पहले ही कांग्रेस छोड़कर देवीलाल के साथ आ गए थे कुछ राजनीतिक जानकारी मानते हैं कि बनारसी दास को यह पद इनाम के तौर पर मिला था.
इससे पहले गुप्ता आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 तक प्रदेश के सीएम रहे थे.

ये भी पढ़ें:तिहाड़ जेल से बाहर आए अजय चौटाला, दुष्यंत के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में होंगे शामिल

हुकम सिंह (चौथे डिप्टी सीएम)

हरियाणा को चौथा डिप्टी सीएम तब मिला जब देवीलाल साल 1989 में वीपी सिंह सरकार में उप प्रधानमंत्री बन गए. जिसके बाद देवीलाल ने अपने बेटे ओमप्रकाश चौटाला को प्रदेश की कमान सौंप दी. चौटाला को कमान मिली तब वह विधायक भी नहीं थे. फिर कुछ दिनों बाद चौटाला को विधायक बनाने की कवायत तेज हुई उन्हें महम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन चुनाव में विवाद हो गया और गोलियां चल गई जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया और चुनाव स्थगित हो गए. केंद्र सरकार के दबाव में तत्कालीन पीएम वीपी सिंह के बोलने के बाद चौटाला का इस्तीफा ले लिया गया और फिर दो बार डिप्टी सीएम रहे हुकम सिहं को सीएम बना दिया गया लेकिन कुछ समय बाद फिर चौटाला की वापसी हुई तो उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया.

चंद्रमोहन बिश्नोई (पांचवें डिप्टी सीएम)
इस राजनीतिक उठा-पटक में साल 2005 आ गया और कांग्रेस ने चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में प्रदेश में चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेंद्र हुड्डा का नाम सीएम के लिए घोषित कर दिया तो चौधरी भजन लाल नाराज हो गए और उनके समर्थकों ने प्रदेश के कई इलाकों में प्रदर्शन व आगजनी कर दी. जिसके बाद भजनलाल की नाराजगी को दूर करने के लिए उनके बेटे चंद्रमोहन को डिप्टी सीएम बनाया गया. लेकिन कुछ समय बाद चंद्रमोहन ने धर्म बदलकर प्रेम विवाह कर लिया जिसके बाद उनकी कुर्सी चली गई.

ये भी पढ़ें:हरियाणा कैबिनेट में इन जाट चेहरों को मिल सकती है तवज्जो, संदीप सिंह को भी मंत्रालय संभव

दुष्यंत चौटाला (छठे डिप्टी सीएम)

दुष्यंत चौटाला प्रदेश के छठे सीएम बने हैं. भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में 40 सीटें मिलीं और जेजेपी को 10 सीटें. जिसके बाद दोनों पार्टियों में गठबंधन हुआ और दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. अब देखना ये है कि उनका कार्यकाल कितना और कैसा रहता है.

चंडीगढ़: यूं तो हरियाणा अपनी आयाराम-गयाराम की राजनीति के लिए जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह राजनीति बंद थी. लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 ने इस प्रथा को फिर से एक जीवित कर दिया है. और बीजेपी को यमुना पार पहुंचाने की बात करने वाले दुष्यंत चौटाला अब बीजेपी के तारणहार बन गए हैं. और उन्हें इसका इनाम भी मिला है. इनाम में उन्हें डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली है. दुष्यंत चौटाला हरियाणा के छठे डिप्टी सीएम हैं. नीचे जानिए अब तक के मुख्यमंत्रियों के बारे में...

हरियाणा के पहले डिप्टी सीएम चांदराम

हरियाणा के पहले उपमुख्यमंत्री के कई किस्से हैं, ये किस्सा साल 1966 का है जब हरियाणा पंजाब से अलग होकर राज्य बना था तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. उस वक्त कांग्रेस के एक नेता का नाम जब मंत्रीमंडल में नहीं आया तो नाराज नेता ने तब के मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा से कहा 'यूं तो राम लक्ष्मण की जोड़ी टूट जाएगी' और हुआ भी कुछ ऐसा ही कांग्रेस अपना स्पीकर चुनने में असमर्थ रही और इसके बाद शर्मा को इस्तीफा देना पड़ा जिसके बाद हरियाणा विशाल पार्टी के राव बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के 17 विधायकों की मदद से सरकार बनाई और चांदराम प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम बने.

हरियाणा में संकटमोचन साबित हुए हैं डिप्टी सीएम

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डॉ. मंगल सेन (दूसरे डिप्टी सीएम)

हरियाणा की राजनीति में दूसरे डिप्टी सीएम की जरूरत तब पड़ी जब देश में राजनीतिक उथल-पुथल हुई. दरअसल आपातकाल के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ चार पार्टियों का विलय हुआ और जनता पार्टी बनी और चुनावों के नतीजे आए तो हरियाणा की राजनीति में वो हुआ जो आज बीजेपी करना चाहती थी प्रदेश की 90 सीटों में से 75 सीटें जनता पार्टी को मिली जिसके बाद चौधरी देवीलाल को मुख्यमंत्री तो जनसंघ के बड़े नेताओं में आने वाले डॉ मंगल सेन को प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया.

बनारसी दास गुप्ता (तीसरे डिप्टी सीएम)

पहले सीएम फिर डिप्टी सीएम

ये साल 1987 था जब प्रदेश में बीजेपी, लोकदल ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत मिलने के बाद चौधरी देवी लाल को फिर से सीएम बने लेकिन इस बार डिप्टी सीएम बदल गए थे. क्योंकि बनारसी दास पहले ही कांग्रेस छोड़कर देवीलाल के साथ आ गए थे कुछ राजनीतिक जानकारी मानते हैं कि बनारसी दास को यह पद इनाम के तौर पर मिला था.
इससे पहले गुप्ता आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 तक प्रदेश के सीएम रहे थे.

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हुकम सिंह (चौथे डिप्टी सीएम)

हरियाणा को चौथा डिप्टी सीएम तब मिला जब देवीलाल साल 1989 में वीपी सिंह सरकार में उप प्रधानमंत्री बन गए. जिसके बाद देवीलाल ने अपने बेटे ओमप्रकाश चौटाला को प्रदेश की कमान सौंप दी. चौटाला को कमान मिली तब वह विधायक भी नहीं थे. फिर कुछ दिनों बाद चौटाला को विधायक बनाने की कवायत तेज हुई उन्हें महम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन चुनाव में विवाद हो गया और गोलियां चल गई जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया और चुनाव स्थगित हो गए. केंद्र सरकार के दबाव में तत्कालीन पीएम वीपी सिंह के बोलने के बाद चौटाला का इस्तीफा ले लिया गया और फिर दो बार डिप्टी सीएम रहे हुकम सिहं को सीएम बना दिया गया लेकिन कुछ समय बाद फिर चौटाला की वापसी हुई तो उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया.

चंद्रमोहन बिश्नोई (पांचवें डिप्टी सीएम)
इस राजनीतिक उठा-पटक में साल 2005 आ गया और कांग्रेस ने चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में प्रदेश में चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेंद्र हुड्डा का नाम सीएम के लिए घोषित कर दिया तो चौधरी भजन लाल नाराज हो गए और उनके समर्थकों ने प्रदेश के कई इलाकों में प्रदर्शन व आगजनी कर दी. जिसके बाद भजनलाल की नाराजगी को दूर करने के लिए उनके बेटे चंद्रमोहन को डिप्टी सीएम बनाया गया. लेकिन कुछ समय बाद चंद्रमोहन ने धर्म बदलकर प्रेम विवाह कर लिया जिसके बाद उनकी कुर्सी चली गई.

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दुष्यंत चौटाला (छठे डिप्टी सीएम)

दुष्यंत चौटाला प्रदेश के छठे सीएम बने हैं. भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में 40 सीटें मिलीं और जेजेपी को 10 सीटें. जिसके बाद दोनों पार्टियों में गठबंधन हुआ और दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. अब देखना ये है कि उनका कार्यकाल कितना और कैसा रहता है.

Intro:हरियाणा प्रदेश की जनता 26 अक्टूबर को दुष्यंत चौटाला को सीएम की और शपथ देखें दिवाली मनाएगी::-दिग्विजय सिंह चौटाला, जेजेपीBody:[10/24, 2:53 PM] 3rd Eye haryana Youtube👍: शाहबाद पहुंचे जननायक जनता पार्टी के युवा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला। शाहबाद से जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी रामकरण काला को जीत पर दी बधाई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल कुछ लोगों तक सीमित होता है।इसमें कुछ लोगों की ही राय होती है। मीडिया के लोगों को शायद आज के रिजल्ट से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।आप लोग हम राजनीतिक लोगों को सिखाते हैं। मैं आज आपसे कहूंगा कि मीडिया के लोग आज के परिणामों से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सीटें आती आती 35 पर रुक जाएगी। और जिसका मतलब फ्री डायल मनचला विधानसभा का और जहां तक मेरी राजनीतिक सोच है जहां तक लोगों ने एंटी बीजेपी वोट दिया है 20 परसेंट प्लस वोट लेकर हरियाणा प्रदेश में जा रही है जिसका मतलब 20 परसेंट से ज्यादा 10 महीने पुरानी पार्टी को लोग वोट दे रहे हैं कितने लोग ऐसे होंगे जिनकी इच्छा ताकि दुष्यंत को वोट दें मगर सिर्फ यह देखकर कि नहीं पार्टी है उन्होंने अपना हाथ पीछे खींच लिया यानी हरियाणा प्रदेश की जनता ने मैंडेट दुष्यंत चौटाला को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का दिया है उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैं सबका सम्मान करता हूं जो बीजेपी के अनिल जैन आज वह लोग जो हमें बच्चा पार्टी कह रहे थे वह स्वयं सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि मुझसे कितनी बड़ी गलती हो गई है जो लोग हमें वानर सेना कहां गए थे वह लोग आज खुद यह कह रहे हैं दुष्यंत चौटाला को समझ कर फैसला करें। उन्होंने कहा कि विधानसभा का ताला अब अपने दम पर खोलेंगे और उसका छल्ला कौन बनेगा वह देखना है।
उन्होने कहा कि दुष्यंत चौटाला को चीफ मिनिस्टर बनाने की लड़ाई जेजेपी का एक-एक कार्यकर्ता ने हरियाणा प्रदेश की 20 परसेंट की जनता ने मैंडेट देकर स्वीकार लिया है।
उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यह भविष्य को ही मालूम है। लेकिन मैं मानता हूं कि आज के हालात में दुष्यंत चौटाला सीएम बनेंगे। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि परिवारिक तौर पर हमारे परिवार के मुखिया सरदार प्रकाश सिंह बादल है, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला है। लेकिन राजनैतिक तौर पर हमारी पार्टी के मुख्य डॉक्टर अजय सिंह है और पार्टी के तमाम सीनियर पदाधिकारीऔर कार्यकर्ता हैं। और मैं नहीं मानता किसी भी थर्ड पार्टी का कोई रोल ज्यादा है। हरियाणा प्रदेश की जनता 26 अक्टूबर को दुष्यंत चौटाला को सीएम की और शपथ देखें दिवाली मनाएगी Conclusion:शाहबाद की सीट रामकरण काला दो बार चुनाव लड़ चुके हैं लोगों का बहुत प्यार मिला है और 40000 वोट से जीत ना कोई छोटी बात नहीं है। मैं मानता हूं आने वाली सरकार में बड़े मंत्री के पद को सुशोभित करने जा रहे हैं। हम लोगों का मेंडेट लेकर चलेंगे 37 और 32 इसका मतलब कोई भी अपने दम पर फॉरमेशन नहीं कर सकता।
बाइट::-दिग्विजयसिंह चौटाला,जेजेपी युवा नेता
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