चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचा रखा है. कहीं ऑक्सीजन की कमी है तो कहीं वेंटिलेटर बेड की, हर ओर चीख पुखार मची है. आॉक्सीजन की कमी के कारण हिसार, रेवाड़ी, पानीपत में कई मरीजों की मौत हो चुकी है. राज्य के श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं. शवों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. लोग अस्पतालों में अपने परिजनों के लिए हाथ जोड़कर ऑक्सीजन की भीख मांग रहे हैं.
हरियाणा सरकार ने दावा किया था कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पुख्ता प्रंबध किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के द्वारा अपने राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के मरीजों का इलाज करने का दावा किया गया था, लेकिन यहां सूरत-ए-हाल अलग है. इसे को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम राज्य के कई जिलों में पड़ताल करने के लिए निकली.
गुरुग्राम के अस्पतालों में मचा है हाहाकार
सबसे पहले हमारी टीम गुरुग्राम पहुंची. हरियाणा में गुरुग्राम कोरोना से सबसे ज्यादा ग्रसित जिला है. राज्य में हर रोज गुरुग्राम से ही सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. गुरुग्राम सनराइज हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर नवल ने बताया कि यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है. आलम ये है कि बुधवार को पूरे जिले में केवल एक ऑक्सीजन बेड खाली था.
गुरुग्राम के अस्पताल संचालकों का आरोप है कि सरकार को बेड और ऑक्सीजन की कमी की जानकारी दे रहे हैं तो अधिकारी केस दर्ज करने की बात कहकर धमका रहे हैं. गुरुग्राम के अस्पताल संचालक हाथ जोड़कर सरकार से केवल ऑक्सीजन देने की मांग कर रहे हैं.
फरीदाबाद में ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे लोग
वहीं कुछ ऐसा ही हाल फरीदाबाद का भी है. यहां मरीजों के परिजनों का कहना है कि पहले तो अस्पतालों में बेड नहीं हैं, और अगर बेड मिल रहा है तो फिर ऑक्सीजन नहीं है, दवाईयां नहीं हैं. यहां तक की बुधवार को फरीदाबाद में एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं था.
सोनीपत में अस्पताल के बाहर तड़प रहे बुजुर्ग मरीज
फरीदाबाद के बाद हमारी टीम ने सोनीपत का जायजा लिया, वहां स्थिति और भी भयावह थी. यहां बुजुर्ग मरीज अस्पताल के बाहर तड़पते दिखाई दिए. वहीं जो लोग अपने परिजनों के लिए दवाई लेने आएं उन्हें अस्पताल में तोड़फोड़ की धमकी देने के बाद कहीं जाकर दवाई मिली.
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यहां सिविल अस्पताल में अपनी बेटी को एडमिट कराने आई एक महिला ने सिविल हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मरीजों को परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कई कई घंटे इंतजार करने के बाद भी यहां पर सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं, मरीजों के साथ बदसलूकी की जा रही है.
क्या कहना है स्वास्थ्य मंत्री का?
वहीं राज्य में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड उपलब्धता को लेकर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी जिला उपायुक्तों को बेड केपेसिटी बढ़ाने, टेम्परेरी अस्पताल स्थापित करने के लिए कहा है. विज ने कहा कि अब राज्य में दूरदराज से भी ऑक्सीजन लाई जाएगी, जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में लाभ मिलेगा. इसके अलावा पूरे प्रदेश में सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के क्या बंदोबस्त हैं, ऑक्सीजन भंडारण, वेंटिलेटर्स का पूरा ब्यौरा मांगा है.
सरकार की ओर से कोरोना को लेकर लगातार पुख्ता प्रबंध के दावे किए जा रहे हैं. बहरहाल मौजूदा स्थिति को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि कोरोना महामारी के दौरान एक साल पहले राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुलने के बाद भी सरकार नहीं जागी, और पिछले एक साल में बैठकों और बयानबाजी करने के अलावा राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केवल शर्तें लगाते हुए नजर आए, लेकिन हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए जरूरी काम नहीं किया. अगर किया होता तो आज ये हालात पैदा नहीं होते.
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