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धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिले 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि- किरण चौधरी

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Published : Jun 11, 2020, 1:37 PM IST

किरण चौधरी ने किसानों को धान की खेती की जगह दूसरी फसल उगाने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ करने की मांग की गई है.

कांग्रेस नेता किरण चौधरी
कांग्रेस नेता किरण चौधरी

चंडीगढ़/दिल्ली: कांग्रेस लीडर किरण चौधरी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है. किसानों को लेकर की गई मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी किरण चौधरी ने सवाल उठाए.

किरण चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डेढ़ घंटे किसानों के मुद्दे पर सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. जबकि सच्चाई तो ये है कि किसानों को अब तक उनकी पेमेंट तक नहीं मिली है. आज हरियाणा का किसान कर्जदार हो गया है. किरण चौधरी ने आगे कहा कि प्रदेश में कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें गेट पास तो मिला लेकिन उनकी सरसों की खरीद नहीं हुई.

धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिले 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि- किरण चौधरी

वहीं हरियाणा सरकार की 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना पर भी किरण चौधरी ने निशाना साधा. किरण चौधरी ने किसानों को धान की खेती की जगह दूसरी फसल उगाने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को सात हजार रुपये देनी की बात करती है. कांग्रेस की मांग है कि किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ाया जाए.

ये भी पढ़िए: मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को सीएम ने बताया सफल, बोले- किसान खुद कर रहे रजिस्ट्रेशन

किरण चौधरी ने कहा कि धान की जगह दूसरी खेती पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बहुत कम है. उससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार पर एसवाईएल के नाम पर भी सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया.

क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना?

  • जिन क्षेत्रों में पानी की गहराई ज्यादा है, वहां किसान धान ना बोएं
  • धान छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ राशि दी जाएगी
  • धान की जगह मक्का, दालें भी बोई जा सकती हैं
  • कई इलाकों में कपास और सब्जियों समेत तिल की खेती हो सकती है
  • मक्का और दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी
  • मक्का बिजाई में इस्तेमाल होने वाली मशीनें सरकार उपलब्ध करवाएगी
  • सरकार मक्का ड्रायर की व्यवस्था मंडियों में करवाएगी
  • धान की वैकल्पिक फसलें उगाने, ड्रिप सिंचाई पर 85 प्रतिशत की सब्सिडी
  • 35 मीटर तक गहराई वाले स्थानों पर किसान धान की अनुमति ले सकते हैं
  • अच्छे जल स्तर वाले इलाके के किसान धान की फसल छोड़ने पर ले सकेंगे अनुदान

चंडीगढ़/दिल्ली: कांग्रेस लीडर किरण चौधरी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है. किसानों को लेकर की गई मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी किरण चौधरी ने सवाल उठाए.

किरण चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डेढ़ घंटे किसानों के मुद्दे पर सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. जबकि सच्चाई तो ये है कि किसानों को अब तक उनकी पेमेंट तक नहीं मिली है. आज हरियाणा का किसान कर्जदार हो गया है. किरण चौधरी ने आगे कहा कि प्रदेश में कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें गेट पास तो मिला लेकिन उनकी सरसों की खरीद नहीं हुई.

धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिले 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि- किरण चौधरी

वहीं हरियाणा सरकार की 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना पर भी किरण चौधरी ने निशाना साधा. किरण चौधरी ने किसानों को धान की खेती की जगह दूसरी फसल उगाने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को सात हजार रुपये देनी की बात करती है. कांग्रेस की मांग है कि किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ाया जाए.

ये भी पढ़िए: मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को सीएम ने बताया सफल, बोले- किसान खुद कर रहे रजिस्ट्रेशन

किरण चौधरी ने कहा कि धान की जगह दूसरी खेती पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बहुत कम है. उससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार पर एसवाईएल के नाम पर भी सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया.

क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना?

  • जिन क्षेत्रों में पानी की गहराई ज्यादा है, वहां किसान धान ना बोएं
  • धान छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ राशि दी जाएगी
  • धान की जगह मक्का, दालें भी बोई जा सकती हैं
  • कई इलाकों में कपास और सब्जियों समेत तिल की खेती हो सकती है
  • मक्का और दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी
  • मक्का बिजाई में इस्तेमाल होने वाली मशीनें सरकार उपलब्ध करवाएगी
  • सरकार मक्का ड्रायर की व्यवस्था मंडियों में करवाएगी
  • धान की वैकल्पिक फसलें उगाने, ड्रिप सिंचाई पर 85 प्रतिशत की सब्सिडी
  • 35 मीटर तक गहराई वाले स्थानों पर किसान धान की अनुमति ले सकते हैं
  • अच्छे जल स्तर वाले इलाके के किसान धान की फसल छोड़ने पर ले सकेंगे अनुदान
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