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राज्यसभा में पास हुआ कृषि बिल, किरण चौधरी बोलीं- देश के इतिहास का काला दिन

कृषि बिलों को लेकर किरण चौधरी ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसानों पर काला कानून थोपकर उन्हें गुलाम बनाना चाहती है. ये सरकार किसान विरोधी है.

kiran chaudhary big statement on agriculture bill passes in rajyasabha
kiran chaudhary big statement on agriculture bill passes in rajyasabha
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Published : Sep 20, 2020, 3:37 PM IST

चंडीगढ़: लोकसभा के बाद रविवार को कृषि बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. कृषि बिल को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस नेता किरण चौधरी का कहना है कि आज देश के इतिहास में काला दिन है जब किसान को गुलामी के कानून में बांधा जा रहा है.

किरण चौधरी ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद ये पहला मौका है जब किसानों पर काला कानून थोपने के लिए रविवार को सत्र बुलाया गया और बिल पास करवाया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि बिल कोरोना महामारी के बीच इसलिए लेकर आई है, ताकि किसान इसका विरोध ना कर सकें.

'देश के इतिहास में आज काला दिन है'

'गठबंधन सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा'

किरण चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानी का भी निजीकरण करना चाहती है. कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है और सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है. किसानों की लड़ाई में हम उनके साथ हैं. किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार और मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है. हरियाणा की गठबंधन सरकार किसानों के साथ नहीं है. इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

राज्य सभा से कृषि सुधार बिल पास

गौरतलब है कि संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.

राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- कृषि मंत्री ने की किसानों से अपील, ना करें रोड जाम

चंडीगढ़: लोकसभा के बाद रविवार को कृषि बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. कृषि बिल को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस नेता किरण चौधरी का कहना है कि आज देश के इतिहास में काला दिन है जब किसान को गुलामी के कानून में बांधा जा रहा है.

किरण चौधरी ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद ये पहला मौका है जब किसानों पर काला कानून थोपने के लिए रविवार को सत्र बुलाया गया और बिल पास करवाया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि बिल कोरोना महामारी के बीच इसलिए लेकर आई है, ताकि किसान इसका विरोध ना कर सकें.

'देश के इतिहास में आज काला दिन है'

'गठबंधन सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा'

किरण चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानी का भी निजीकरण करना चाहती है. कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है और सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है. किसानों की लड़ाई में हम उनके साथ हैं. किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार और मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है. हरियाणा की गठबंधन सरकार किसानों के साथ नहीं है. इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

राज्य सभा से कृषि सुधार बिल पास

गौरतलब है कि संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.

राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

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