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प्याज-लहसुन की फसलों का पाले से ऐसे करें बचाव, जानें यूरिया और खरपतवार नाशक का सही इस्तेमाल - GARLIC AND ONION HARVEST

प्याज और लहसुन की फसल को पाले से खतरा रहता है. इसलिए यूरिया और खरपतवार नाशक का इस्तेमाल सही से करें.

Garlic and onion harvest
Garlic and onion harvest (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 6, 2025, 12:43 PM IST

Updated : Jan 6, 2025, 12:52 PM IST

हिसार: परिवर्तनशील मौसम होने से लहसुन व प्याज की फसल को पाले से खतरा रहता है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. चंद्र मोहन के अनुसार कोहरा व पाला पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में बागवानी सब्जी की फसलों को बचाना बहुत जरूरी है. किसानों को खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए. खेत में ही घास-फूंस जलाकर धुआं करना चाहिए. लहसुन, आलू, प्याज की फसल में दो ग्राम सल्फर प्रति लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. जिसके कारण पाले का प्रभाव कम हो जाता है. प्याज की पौध में तो उसे रात के समय पॉलीथिन से ढक दें. ताकि भूमि का तापमान कम न हो दिन में धूप आने पर पॉलीथिन को हटा दें.

यूरिया का ऐसे करें इस्तेमाल: गेहूं की पछेती पहली तीस दिन के बाद करनी चाहिए. अगेती और समय पर बुवाई वाली फसल 20 से 25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. पछेती बिजाई के समय डीएपी के साथ बाकी 60 किलोग्राम यूरिया डाली तो बाकी 60 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से पहली सिंचाई के साथ डाल देनी चाहिए. अगर बिजाई के समय यूरिया नहीं डाली, तो पहली सिंचाई के समय 65 किलोग्राम यूरिया डाल दें.

खरपतवार नाशक का ऐसे करें इस्तेमाल: गेहूं की शंकरी पत्तियों वाले व चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार मंडूसी कनकी, जंगली, जई मालवा, जंगली, पालक, हिरनखुरी आदि खरपतवार नाशक से उपचार कर सकते हैं. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई ने बताया कि चौड़ी पत्ती खरपतवार के लिए बिजाई के लिए 3 से 35 के बाद खरपतवार नाशक 8 ग्राम और 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. मालवा जंगली, पालक, हिरनखुरी के नियंत्रण के लिये फारफेन्ट्रोजोन मिथाइल 20 ग्राम प्रति एकड़ की 30-35 दिन बाद 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.

आने वाले दिन में कैसा रहेगा मौसम: डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार दक्षिणी पंजाब, उत्तरी राजस्थान पर भी चक्रवाती सर्कुलेशन बनने में मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप जारी है. सुबह व शाम को कोहरे की वजह से विजिबिलिटी घटी है. आज बदलाव देखने को मिल सकता है. कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है. आने वाले दिनों में ठंड तेवर दिखाएगी. हल्की मध्यम बारिश तेज गति से हवाएं चलने और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है. इसलिए भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. 4 जनवरी को एक तापमान और शीतलहर व कोहरा गतिविधियों को दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें: करनाल में दोस्त की सलाह ने बदली किसान की जिंदगी, गेंदे की खेती कर जगतार सिंह हुए मालामाल

ये भी पढ़ें: हरियाणा में आज हो रही झमाझम बारिश, 6 जिलों में वर्षा और 11 जिलों में धुंध का अलर्ट, जानिए आपने शहर का हाल

हिसार: परिवर्तनशील मौसम होने से लहसुन व प्याज की फसल को पाले से खतरा रहता है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. चंद्र मोहन के अनुसार कोहरा व पाला पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में बागवानी सब्जी की फसलों को बचाना बहुत जरूरी है. किसानों को खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए. खेत में ही घास-फूंस जलाकर धुआं करना चाहिए. लहसुन, आलू, प्याज की फसल में दो ग्राम सल्फर प्रति लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. जिसके कारण पाले का प्रभाव कम हो जाता है. प्याज की पौध में तो उसे रात के समय पॉलीथिन से ढक दें. ताकि भूमि का तापमान कम न हो दिन में धूप आने पर पॉलीथिन को हटा दें.

यूरिया का ऐसे करें इस्तेमाल: गेहूं की पछेती पहली तीस दिन के बाद करनी चाहिए. अगेती और समय पर बुवाई वाली फसल 20 से 25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. पछेती बिजाई के समय डीएपी के साथ बाकी 60 किलोग्राम यूरिया डाली तो बाकी 60 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से पहली सिंचाई के साथ डाल देनी चाहिए. अगर बिजाई के समय यूरिया नहीं डाली, तो पहली सिंचाई के समय 65 किलोग्राम यूरिया डाल दें.

खरपतवार नाशक का ऐसे करें इस्तेमाल: गेहूं की शंकरी पत्तियों वाले व चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार मंडूसी कनकी, जंगली, जई मालवा, जंगली, पालक, हिरनखुरी आदि खरपतवार नाशक से उपचार कर सकते हैं. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई ने बताया कि चौड़ी पत्ती खरपतवार के लिए बिजाई के लिए 3 से 35 के बाद खरपतवार नाशक 8 ग्राम और 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. मालवा जंगली, पालक, हिरनखुरी के नियंत्रण के लिये फारफेन्ट्रोजोन मिथाइल 20 ग्राम प्रति एकड़ की 30-35 दिन बाद 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.

आने वाले दिन में कैसा रहेगा मौसम: डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार दक्षिणी पंजाब, उत्तरी राजस्थान पर भी चक्रवाती सर्कुलेशन बनने में मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप जारी है. सुबह व शाम को कोहरे की वजह से विजिबिलिटी घटी है. आज बदलाव देखने को मिल सकता है. कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है. आने वाले दिनों में ठंड तेवर दिखाएगी. हल्की मध्यम बारिश तेज गति से हवाएं चलने और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है. इसलिए भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. 4 जनवरी को एक तापमान और शीतलहर व कोहरा गतिविधियों को दर्ज किया गया है.

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Last Updated : Jan 6, 2025, 12:52 PM IST
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