चंडीगढ़: प्रदेश में पिछले ढ़ाई महीनों से कोरोना संकट ने विकास कार्यों पर ब्रेक लगा दिया है. अब अनलॉक वन में धीरे-धीरे विकास कार्यों को फिर से शुरू किया जा रहा है. इसी कड़ी में प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा लगातार बैठक कर अलग-अलग विभागों से सबंधित कार्यों ओवरव्यू लेकर उसे पूरा करने का निर्देश दे रही हैं.
हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कई निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण ने डिजिटल सर्वेक्षण करने की पहल शुरू की है ताकि बजट अनुमानों और कार्यों के कार्यान्वयन में सटीकता प्राप्त हो सके. उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि तालाबों का वर्गीकरण इस प्रकार से किया जाए , जिससे प्रदेश में मछली पालन को और बढ़ावा मिले.
बैठक में सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडब्ल्यूएमएमए) द्वारा तालाबों का जीर्णोद्धार करके 14 तालाबों को मॉडल तालाबों के तौर पर विकसित करने का कार्य एक महीने के भीतर पूर्ण हो जाएगा और उनके अनुभवों के आधार पर राज्य में अन्य तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी .
बैठक में एचपीडब्ल्यूएमएमए के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर वर्मा ने प्राधिकरण ने बताया कि सभी कुलपतियों, निदेशकों और संबंधित तकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों से तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए आगामी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया है. उन्होंने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि प्राधिकरण द्वारा पहले से ही सोनीपत के कसेंदा और कसेंदी में कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से सहायक ड्रेन-4 के लिए कार्य शुरू किया जा चुका है, ताकि इसे राज्य स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके.
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 200 तालाबों को मॉडल तालाब बनाने के लिए पहले ही कार्य योजना तैयार कर ली गई है. बैठक में सभी ग्रामीण और शहरी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अनुसार अगले 10 से 12 वर्षों के लिए कार्य योजना पर एक प्रस्तुति भी दी गई.