चंडीगढ़: हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों के मामले में महिला कोच को हर जगह से प्रताड़ित किया जा रहा है. वहीं, पीड़ित जूनियर कोच का कहना है कि, विभाग ही नहीं आस-पास के लोग भी उसे परेशान कर रहे हैं. खेल मंत्री द्वारा कई बार प्रताड़ित किया जाने के बाद और इस मामले को सामने लाने के बाद महिला कोच की जिंदगी और मुश्किलों से भर गई है. जूनियर कोच शुक्रवार को एक बार फिर अपने साथ हो रही दिक्कतों को लेकर खेल विभाग के डायरेक्टर को शिकायत करने पहुंची थी.
इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए जूनियर कोच ने कहा कि, जब से वे खेल मंत्री की खिलाफ सामने आई है तब से उन्हें सीनियर महिला अधिकारी की ओर से परेशान किया जा रहा है. सीनियर महिला कोच की ओर से उन्हें यहां तक कहा गया है कि तेरे जैसी महिला का तो दुष्कर्म ही होना चाहिए. इन गंभीर आरोपों के साथ पीड़ित महिला कोच ने एक लिखित शिकायत खेल विभाग के डायरेक्टर को सौंपी है.
पीड़ित महिला ने कहा कि उसे विभिन्न तरीकों से परेशान कर दबाव बनाया जा रहा है कि वह इस न्याय की लड़ाई को यहीं खत्म करे. इसके साथ ही महिला कोच पुलिस की कार्रवाई से भी संतुष्ट नहीं है. महिला कोच ने कहा कि, मुझसे पुलिस ने कई बार पूछताछ की है, लेकिन जब मैं चंडीगढ़ SIT से सवाल करती हूं उसका कोई भी जवाब नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि मेरा चंडीगढ़ पुलिस से विश्वास उठ चुका है और मुझे लग रहा है मेरे केस को सरकार दबाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में अगर एसआईटी और चंडीगढ़ पुलिस कुछ नहीं करती तो वह कोर्ट जाने से भी नहीं घबारएगी.
पीड़ित महिला कोच ने कहा कि, एफआईआर दर्ज कराने के बाद मकान मालिक द्वारा उसे तंग परेशान किया जा रहा है. मकान मालिक द्वारा अभद्र शब्दों प्रयोग और गाली गलौज की जा रही है और अंदर से घर में ताला लगा लिया जाता है. उसने कहा कि, मुझे मेरे ही विभाग के कुछ लोगों द्वारा गलत कमेंट किए जा रहे हैं और मेरे ऑफिस और घर में प्रेशर बनाया जा रहा है. वहीं, मेरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा एक भी शब्द नहीं बोला गया. वहीं, लगातार दिन बीतने से मुझे लग रहा है कि इस मामले में कुछ नहीं किया जा रहा है.
पीड़िता ने कहा कि, मुझे सब तरफ से प्रेशराइज किया जा रहा है. जूनियर कोच का कहना है कि, 'मुझे कोई नई सुरक्षा नहीं दी गई है. पुरानी सिक्योरिटी ही मेरे पास है. ऐसे में सरकार के साथ-साथ पुलिस भी खेल मंत्री को बचाने की कोशिश में है. न ही मंत्री से इस्तीफा लिया गया है. एफआईआर दर्ज हुए इतना समय हो चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले में जांच में तेजी लाने के बदले मेरे कैरेक्टर का मुद्दा बनाया जा रहा है. जबकि मेरे बारे में सब लोग जानते हैं. यहां तक की खाप तक मुझे अपना सहयोग दे रही है.'
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