चंडीगढ़: पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों तक पहुंचे. इसके लिए बैंकर्स, पशुपालन एवं डेयरी विभाग को मिलकर विशेष शिविरों का आयोजन करना होगा, तभी हम इस योजना को सफल बना पाएंगे. दलाल गुरुवार को विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
किसान क्रेडिट योजना पर जेपी दलाल ने की बैठक
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैंकर्स समिति की विशेष बैठकें बुलाकर योजना के बारे लोगों को जागरुक किया जाए. बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि योजना के तहत प्रदेश में 8 लाख पशु किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है. अब तक इस योजना के तहत विभिन्न बैंकों में 3,66,687 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 62,000 आवेदन स्वीकृत कर पशु किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जा रहे हैं.
अधिकारियों को दिए कई निर्देश
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पशु किसान क्रेडिट कार्ड पशुओं की संख्या के अनुसार जारी किया जाएगा. इसके तहत गाय के लिए 40,783 रुपये, भैंस के लिए 60,249 रुपये, भेड़-बकरी के लिए 4063 रुपये, सुअर के लिए 16,337 रुपये, मुर्गी (अंडा देने वाली के लिए) 720 रुपए का ऋण दिया जाएगा. बैंकों द्वारा 7 प्रतिशत की ब्याज दर से आमतौर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है परंतु पशुपालन क्रेडिट कार्ड के तहत पशुपालकों को केवल 4 प्रतिशत ब्याज दर देनी होगी. जबकि 3 प्रतिशत की छूट केंद्र सरकार की ओर से देने का प्रावधान है.
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ऋण राशि अधिकतम 3 लाख रुपये तक होगी और 1 लाख 60 हजार रुपये तक की राशि के लिए कोई कोलैटरल गारंटी नहीं देनी होगी. बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रधानसचिव डॉ० राजा शेखर वुंडरू, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ० गुरदयाल सिंह, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के महानिदेशक डॉ० बी.एस. लौरा के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.