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दलितों पर मेहरबान मनोहर सरकार, केस लड़ने के दौरान मिलने वाली राशि बढ़ी

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Published : Jun 8, 2019, 1:43 PM IST

Updated : Jun 8, 2019, 2:03 PM IST

प्रदेश की बीजेपी सरकार ने मुकदमों के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी मंजूरी दे दी है.

हरियाणा कैबिनेट मीटिंग (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के प्रावधानों के तहत अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए आकस्मिक अनुदान, जांच और गवाही के लिए आने पर बस, रेल का किराया, लोकल खर्च, दैनिक मजदूरी इत्यादि के लिए बनाए गए कंटीजेंसी प्लान (आकस्मिक योजना) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. जिसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अपनी मंजूरी दे दी है.

एडहॉक ग्रांट में बढ़ोतरी

इस संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए 7500 रुपए की एडहॉक ग्रांट दी जाती है. जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का फैसला लिया गया है.

सुनवाई के दिन के खर्चे की रकम भी बढ़ी

इसी प्रकार अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को जांच या सुनवाई में आने-जाने के लिये एकमुश्त 100 रुपये की राशि को बढ़ाकर 150 रुपए करने का फैसला किया गया है. अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को खाने-पीने के लिए 50 रुपए प्रतिदिन दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाएगा.

जिला कल्याण अधिकारी के पास अब ज्यादा पैसे

संबंधित जिला कल्याण अधिकारी सुनवाई और गवाही के बाद अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और डाईट की राशि की मंजूरी करता है. इसके लिये जिला कल्याण अधिकारी को 50 हजार रुपए की राशि रखनी होती है. जिसे अब एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलेगा मकान

अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति का मकान अगर पूरी तरह से बर्बाद या जल गया है तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया जाएगा और अगर कोई पीड़ित योजना के तहत नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो उस स्थिति में संबंधित उपायुक्त को नियम और शर्तो में छूट देने का अधिकार है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के प्रावधानों के तहत अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए आकस्मिक अनुदान, जांच और गवाही के लिए आने पर बस, रेल का किराया, लोकल खर्च, दैनिक मजदूरी इत्यादि के लिए बनाए गए कंटीजेंसी प्लान (आकस्मिक योजना) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. जिसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अपनी मंजूरी दे दी है.

एडहॉक ग्रांट में बढ़ोतरी

इस संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए 7500 रुपए की एडहॉक ग्रांट दी जाती है. जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का फैसला लिया गया है.

सुनवाई के दिन के खर्चे की रकम भी बढ़ी

इसी प्रकार अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को जांच या सुनवाई में आने-जाने के लिये एकमुश्त 100 रुपये की राशि को बढ़ाकर 150 रुपए करने का फैसला किया गया है. अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को खाने-पीने के लिए 50 रुपए प्रतिदिन दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाएगा.

जिला कल्याण अधिकारी के पास अब ज्यादा पैसे

संबंधित जिला कल्याण अधिकारी सुनवाई और गवाही के बाद अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और डाईट की राशि की मंजूरी करता है. इसके लिये जिला कल्याण अधिकारी को 50 हजार रुपए की राशि रखनी होती है. जिसे अब एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलेगा मकान

अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति का मकान अगर पूरी तरह से बर्बाद या जल गया है तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया जाएगा और अगर कोई पीड़ित योजना के तहत नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो उस स्थिति में संबंधित उपायुक्त को नियम और शर्तो में छूट देने का अधिकार है.

हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के प्रावधानों के अंतर्गत अत्यचार से पिड़ीत व्यक्तियों की सहायता राशि बढ़ाई ।

अत्याचार से पीडित व्यक्तियों के लिए आकस्मिक अनुदान, जांच तथा गवाही के लिए आने पर बस, रेल का किराया, लोकल खर्च, दैनिक मजदूरी इत्यादि के लिए बनाए गए कंटीजेंसी प्लान (आकस्मिक योजना) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में बढौतरी करने को मंजूरी 

7500 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की 

अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति या उसके आश्रित या गवाह को जांच या सुनवाई में आने-जाने हेतू एक मुश्त 100 रुपए की राशि को बढ़ाकर 150 रुपए करने का फैसल किया गया 
अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति या उसके आश्रित व सहायक या गवाह को खाने-पीने के लिए 50 रुपए प्रतिदिन दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाएगा


एंकर - 
हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के प्रावधानों के अंतर्गत अत्याचार से पीडित व्यक्तियों के लिए आकस्मिक अनुदान, जांच तथा गवाही के लिए आने पर बस, रेल का किराया, लोकल खर्च, दैनिक मजदूरी इत्यादि के लिए बनाए गए कंटीजेंसी प्लान (आकस्मिक योजना) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में बढौतरी करने का निर्णय लिया है । इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है । 
इस संबंध में जानकारी देते हुए जानकारी देेते हुए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए संबंधित उपायुक्त के माध्यम से एडहॉक ग्रांट दी जाती है, जो पहले 7500 रुपए थी और जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है 
। इसी प्रकार, अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति या उसके आश्रित या गवाह को जांच या सुनवाई में आने-जाने हेतू एक मुश्त 100 रुपए की राशि को बढ़ाकर 150 रुपए करने का फैसल किया गया है । 
उन्होंने बताया कि अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति या उसके आश्रित व सहायक या गवाह को खाने-पीने के लिए 50 रुपए प्रतिदिन दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाएगा । इसी प्रकार, संबंधित जिला कल्याण अधिकारी द्वारा उसी दिन सुनवाई व गवाही के पश्चात अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और डाईट की राशि की मंजूरी व भुगतान करना होता है। इस उदेश्य के लिए संबंधित प्रत्येक जिला कल्याण अधिकारी को 50 हजार रुपए की राशि को रखनी होती है जिसे अब एक लाख रुपए करने का निर्णय लिया गया है ताकि आवश्यकता अनुसार वह खर्च कर सकें । 
प्रवक्ता ने बताया कि अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति का मकान यदि पूरी तरह से बर्बाद या जल गया है तो अत्याचार से पीडि़त व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत (ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के मामले में ) प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया जाएगा और यदि कोई पीडि़त योजना के तहत नियम व शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो उस स्थिति में संबंधित उपायुक्त नियम व शर्तो में छुट देने का प्राधिकृत होगा । 
Last Updated : Jun 8, 2019, 2:03 PM IST
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