चंडीगढ़ : हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल के द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति से संबंधित विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने इस योजना को व्यापक परिवर्तनों के साथ लागू करने के लिए लगभग 59 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान पेश किया है.
उन्होंने बताया कि संशोधित योजना का उद्देश्य सबसे गरीब अनुसूचित जाति (एससी) परिवारों के लिए एक प्रभावशाली परिवर्तन लाना है. इस योजना के अंतर्गत फंडिंग प्रणाली में केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत और राज्य सरकारों का 40 प्रतिशत का हिस्सा होगा.
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि योजना के सुचारू संचालन के लिए इस योजना में प्राप्त केंद्रीय सहायता को नियंत्रित करने हेतू राज्य सरकारें विभिन्न कदम उठाना सुनिश्चित करेंगी जैसे कि योजना के तहत अनुसूचित जाति के सबसे गरीब बच्चों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.
इस योजना में पहले एससी परिवारों के वे विद्यार्थी शामिल होंगे जो एसईसीसी-2011 के आंकड़ों के अनुसार तीन या अधिक बार वंचित रहे हैं. तथा जिन परिवारों में माता-पिता में से एक या दोनों निरक्षर हैं. और जिन विद्यार्थियों ने राज्य सरकार/नगर निकाय/स्थानीय निकाय द्वारा संचालित स्कूल से दसवीं उत्तीर्ण की हैं.
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मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल पर पात्रता, जाति की स्थिति, आधार पहचान और बैंक खाते के विवरण का पूर्णत: सत्यापन करेगी. उसके बाद विद्यार्थियों को धनराशि जारी करने करने के लिए स्वचालित रूप से आधार-आधारित प्रणाली से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सबसे गरीब परिवारों के विद्यार्थियों को बिना किसी परेशानी के अपनी शिक्षा पूरी करने में सहायता मिलेगी.