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45 दिन से बंद पड़ा एशिया का सबसे बड़ा मोटर मार्केट, 12 हजार मैकेनिकों पर रोजगार संकट

मनीमाजरा मोटर मार्केट में बड़े स्तर पर ट्रकों और कारों के मैकेनिक, पंप और नोजल का काम करने वाले, डेंटर, पेंटर, रेडिएटर, एसी मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, पंपों के काम करने वाले हैं. इन सभी लोगों का काम लॉकडाउन की वजह से बंद हो चुका है, ऐसे में अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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45 दिन से बंद पड़ा एशिया का सबसे बड़ा मोटर मार्केट
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Published : May 8, 2020, 12:20 PM IST

Updated : May 8, 2020, 1:12 PM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद कई उद्योगों को शर्त के साथ खोलने की अनमुति मिल रही है, लेकिन चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित एशिया की सबसे बड़े मोटर मार्केट पर अब भी खतरे के बादल गहरा रहे हैं. दरअसल, चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से मोटर मार्केट के लिए किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है. जिस वजह से यहां काम कर रहे हजारों लोगों पर आर्थिक संकट गहरा रहा है

ठप पड़ा एशिया का सबसे बड़ा मोटर मार्केट

बता दें कि एशिया के सबसे बड़े मोटर मार्केट में 10 से 12 हजार ट्रक और कार मैकेनिक, ट्रक बॉडी का काम करने वाले, डेंटर और पेंटर, इलेक्ट्रिशियन, टायरों का काम करने वाले, अल्टरनेटर और पंप मिस्त्री काम करते हैं, लेकिन पिछले 45 दिनों से इनकी दुकानें बंद पड़ी हैं. वहीं मैकेनिकों के काम ठप होने के साथ ही कलपुर्जो के सैकड़ों शोरूमों में भी ताले लटके हुए हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

10 से 12 हजार मैकेनिक हुए बेरोजगार

शोरूम मालिकों को जहां करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है. वहीं इन में काम करने वाले कर्मचारी भी बेरोजगारी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मैकेनिकों ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन से उनकी दुकानें बंद हैं. पहले वो 10 से 12 हजार महीने का काम लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से अब वो उधार करके ही जिंदा हैं.

ट्रक मैकेनिक मो. जावेद ने बताया कि दुकानें पूरी तरह से बंद हैं और काम ठप है. मोटर मार्केट से जुड़े 10 से 12 हजार लोग पूरी तरह से बेरोजगारी की कगार पर हैं. उन्होंने बताया कि उन जैसे कई लोग लॉकडाउन के बाद भी इसी तरह दुकानों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन दुकानें खुलने की इजाजत ना होने के चलते काम बंद है.

'उधार कर चला रहा काम'

वही डेंटिंग-पेंटिंग का काम करने वाले शहजाद खान ने बताया कि 20 से 25 सालों से वो यहां काम कर रहे हैं. किराए के मकान में रहते हैं और घर का किराया देने, बच्चों की स्कूल फीस समेत घर चलाने में भी अब उन्हें परेशानी हो रही है. उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जब दूसरे उद्योग खोले जा रहे हैं तो उन्हें भी कुछ छूट दी जानी चाहिए.

मोटर मार्केट में बड़े स्तर पर होने वाले टायरों का काम भी पूरी तरह से प्रभावित है. टायरों का काम करने वाले अली खान ने बताया कि करीब 45 दिन से काम पूरी तरह से बंद है. अली खान ने बताया कि उनकी ही तरह मोटर मार्केट में बड़ी संख्या में लोग के टायरों का काम करते हैं, जो अब बेरोजगार हो चुके हैं.

ये भी पढ़िए: किसानों को नहीं होने देंगे कोई समस्या, खाते में जल्द आ जाएंगे फसल के पैसे- जेपी दलाल

गौरतलब है कि मनीमाजरा मोटर मार्केट में बड़े स्तर पर ट्रकों और कारों के मैकेनिक, पंप और नोजल का काम करने वाले, डेंटर, पेंटर, रेडिएटर, एसी मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, पंपों के काम करने वाले हैं. इन सभी लोगों का काम लॉकडाउन की वजह से बंद हो चुका है, ऐसे में अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

चंडीगढ़: लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद कई उद्योगों को शर्त के साथ खोलने की अनमुति मिल रही है, लेकिन चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित एशिया की सबसे बड़े मोटर मार्केट पर अब भी खतरे के बादल गहरा रहे हैं. दरअसल, चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से मोटर मार्केट के लिए किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है. जिस वजह से यहां काम कर रहे हजारों लोगों पर आर्थिक संकट गहरा रहा है

ठप पड़ा एशिया का सबसे बड़ा मोटर मार्केट

बता दें कि एशिया के सबसे बड़े मोटर मार्केट में 10 से 12 हजार ट्रक और कार मैकेनिक, ट्रक बॉडी का काम करने वाले, डेंटर और पेंटर, इलेक्ट्रिशियन, टायरों का काम करने वाले, अल्टरनेटर और पंप मिस्त्री काम करते हैं, लेकिन पिछले 45 दिनों से इनकी दुकानें बंद पड़ी हैं. वहीं मैकेनिकों के काम ठप होने के साथ ही कलपुर्जो के सैकड़ों शोरूमों में भी ताले लटके हुए हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

10 से 12 हजार मैकेनिक हुए बेरोजगार

शोरूम मालिकों को जहां करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है. वहीं इन में काम करने वाले कर्मचारी भी बेरोजगारी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मैकेनिकों ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन से उनकी दुकानें बंद हैं. पहले वो 10 से 12 हजार महीने का काम लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से अब वो उधार करके ही जिंदा हैं.

ट्रक मैकेनिक मो. जावेद ने बताया कि दुकानें पूरी तरह से बंद हैं और काम ठप है. मोटर मार्केट से जुड़े 10 से 12 हजार लोग पूरी तरह से बेरोजगारी की कगार पर हैं. उन्होंने बताया कि उन जैसे कई लोग लॉकडाउन के बाद भी इसी तरह दुकानों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन दुकानें खुलने की इजाजत ना होने के चलते काम बंद है.

'उधार कर चला रहा काम'

वही डेंटिंग-पेंटिंग का काम करने वाले शहजाद खान ने बताया कि 20 से 25 सालों से वो यहां काम कर रहे हैं. किराए के मकान में रहते हैं और घर का किराया देने, बच्चों की स्कूल फीस समेत घर चलाने में भी अब उन्हें परेशानी हो रही है. उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जब दूसरे उद्योग खोले जा रहे हैं तो उन्हें भी कुछ छूट दी जानी चाहिए.

मोटर मार्केट में बड़े स्तर पर होने वाले टायरों का काम भी पूरी तरह से प्रभावित है. टायरों का काम करने वाले अली खान ने बताया कि करीब 45 दिन से काम पूरी तरह से बंद है. अली खान ने बताया कि उनकी ही तरह मोटर मार्केट में बड़ी संख्या में लोग के टायरों का काम करते हैं, जो अब बेरोजगार हो चुके हैं.

ये भी पढ़िए: किसानों को नहीं होने देंगे कोई समस्या, खाते में जल्द आ जाएंगे फसल के पैसे- जेपी दलाल

गौरतलब है कि मनीमाजरा मोटर मार्केट में बड़े स्तर पर ट्रकों और कारों के मैकेनिक, पंप और नोजल का काम करने वाले, डेंटर, पेंटर, रेडिएटर, एसी मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, पंपों के काम करने वाले हैं. इन सभी लोगों का काम लॉकडाउन की वजह से बंद हो चुका है, ऐसे में अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Last Updated : May 8, 2020, 1:12 PM IST
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