चंडीगढ़: भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले आईएएस अशोक खेमका एक बार मीडिया की सुर्खियों में हैं. खेमका ने इस बार सीबीआई पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि CBI का सालाना बजट 800 करोड़ रुपये है. किसे सजा हुई, कौन बरी हुआ, किसे लटकाया, जवाबदेही कैसे तय हो? पिछले सालों का ही हिसाब कर लो. किस बड़े आदमी की सजा हुई? हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं.
इससे दो दिन पहले भी खेमका ने भ्रष्टाचार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि 'कभी-कभी किसी अधिनियम को पूर्वव्यापी प्रभाव से संशोधित करके भ्रष्टाचार की निंदा की जाती है. भ्रष्टाचार के सिस्टम को विकास की नींव पर विकसित किया जाता है. कुछ भ्रष्ट लोग वास्तव में धन्य हैं'
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CBI का सालाना बजट 800 करोड़ रुपये। किसे सजा हुई, कौन बरी हुआ, किसे लटकाया, जवाबदेही कैसे तय हो? पिछले सालों का ही हिसाब कर लो। किस बड़े आदमी की सजा हुई? हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं।
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— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) August 31, 2020
वाड्रा कंपनी की डील भी रद्द की थी
ये वही खेमका हैं, जिन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल में 2012 में राबर्ट वाड्रा की कंपनी के साथ जमीनी सौदा भी रद्द कर दिया था. इस जमीन की खरीद मामले में आरोप था कि वाड्रा ने सस्ती जमीन लेकर महंगे रेट पर डीएलएफ को बेची.
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27 साल और 53 ट्रांसफर
बता दें कि 27 की नौकरी में अशोक खेमका का 53 बार ट्रांसफर हो चुके हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में खेमका का 22 बार ट्रांसफर हुआ है. वो अब तक जिन-जिन विभागों में गए हैं, अक्सर वहां के घोटाले उजागर किए हैं. एक बार उन्होंने समाज कल्याण विभाग में फर्जीवाड़े की आशंका जताते हुए 3 लाख से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन रोक दी थी. बीज विकास निगम में घोटाला भी उन्होंने ही पकड़ा था. बीजेपी सरकार के दो बार के कार्यकाल में खेमका का 7 बार ट्रांसफर हो चुका है.