चंडीगढ़: जीएमएसएच (Government Multi specialty Hospital) सेक्टर 16, जीएमसीएच सेक्टर 32 और अन्य सरकारी अस्पतालों में आंखों के मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 90% तक मरीजों में आई फ्लू के लक्षणों की शिकायत है. केवल एक सप्ताह में, जीएमएसएच-16 अस्पताल में आई फ्लू के 1200 के करीब मरीज आए हैं, जिनमें से 128 अकेले बीते बुधवार को दर्ज किये गए थे.
चंडीगढ़ में आई फ्लू के मरीजों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. डॉक्टरों के अनुसार ये बीमारी किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती है, कमजोर इम्यूनिटी वाले और बुजुर्ग और बच्चों में इसके होने का खतरा अधिक होता है. आई फ्लू कंजंक्टिवाइटिस वायरस के कारण होता है. ये बैक्टीरिया या एलर्जी के कारण भी हो सकता है. डॉक्टरों ने बताया कि आई फ्लू दृष्टि को प्रभावित नहीं करता है. दवा का एक सप्ताह तक कोर्स करने के बाद ये ठीक हो जाता है.
जीएमएसएच-16 के ऑई सेंटर के प्रमुख डॉक्टर संजीव शर्मा के अनुसार, आई फ्लू के लक्षणों में कंजंक्टिवा और पलकों में सूजन, अत्यधिक आंसू निकलना, आंखों में खुजली, और जलन शामिल हैं. इससे पलकों या पलकों पर पपड़ी जमने की समस्या भी हो सकती है. कुछ मामलों में, ये सर्दी, फ्लू या श्वसन संक्रमण के लक्षणों के साथ हो सकता है. आमतौर पर, ये स्थिति एक आंख से शुरू होती है और कुछ ही दिनों में दूसरी आंख तक फैल सकती है.
डॉक्टर संजीव शर्मा के मुताबिक आई फ्लू होने के बाद आंखों से लगातार पानी बहता है. आई फ्लू केवल संक्रामक रोग है. जो किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ आंखों के संपर्क से फैलता है, संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले स्राव के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो व्यक्ति संक्रमित हैं, उन्हें स्व-दवा से बचना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.