चंडीगढ़: महिला खिलाड़ी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में खिलाड़ी ने सेशन जज के उस आदेश को चुनौती दी है. जिसमें सेशन कोर्ट ने उसके खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि याची रेप के झूठे आरोप लगा ब्लैकमेलिंग करती है. इस याचिका में सेशन जज के एफआईआर के आदेश को भी चुनौती दी गई थी. इसमें कहा गया कि सेशन जज को सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है.
याची के वकील संसार कुंडू ने हाईकोर्ट को बताया कि महिला पहले एक व्यक्ति के पास नौकरी मांगने गई थी. जिस दौरान उसने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसको लेकर याची ने एफआईआर दर्ज करवा दी. इस मामले में दोनो के बीच समझौता हो गया. समझौते के तहत कोई राशि के लेन देन से जुड़ी वीडियो आरोपी ने बना ली और याची पर ही केस दर्ज करवा दिया थी.
इसके बाद याची के एक मित्र ने उससे दुष्कर्म किया जिसके चलते याची ने उसपर एफआईआर दर्ज करवा दी. इसी बीच बड़े बुजुर्गों ने विश्वास दिलाया कि उसका विवाह उसके मित्र से करवा दिया जाएगा. जिसके चलते याची ने उसके मित्र की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पहुंचकर उसके पक्ष में गवाही दे दी.
इसी दौरान सेशन जज को याची से जुड़े अन्य मामलों की जानकारी दी गई. जिस पर सेशन जज ने याची को ब्लैक मेलर बता उसके खिलाफ एफआईआर के आदेश जारी कर दिए. हाईकोर्ट ने याची के वकील संसार कुंडू की दलीलें सुनने के बाद प्राथमिक तौर पर उनसे सहमति जताते हुए सेशन जज के आदेश पर रोक लगा दी है.