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पति की अपील: पत्नी को पैसा नहीं हर महीने दूंगा राशन तो जज ने सुनाया ये रोचक फैसला - Spouse's dispute

पति-पत्नी के विवाद मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनोखा फैसला दिया है. कोर्ट ने पति की अजीबो गरीब शर्त स्वीकार करते हुए ये फैसला सुनाया है.

जज ने सुनाया ये रोचक फैसला
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Published : Jul 23, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 8:23 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पति-पत्नी के विवाद का ऐसा मामला सामने आया, जिसमें पति ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के बदले अजीबो गरीब शर्त रखी. वहीं जज ने भी अनोखा फैसला सुनाकर केस को रोचक बना दिया. दरअसल, पति ने बेरोजगार होने की दलील देते हुए गुजारा भत्ता देने में असमर्थता जताते हुए पत्नी को हर माह दाल, चावल और घी देने की पेशकश कर दी. मामला तब और भी रोचक हो गया, जब जज ने इस शर्त को स्वीकार करते हुए तीन दिन के भीतर पूरा राशन पत्नी को मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए.

वीडियो देखिए

हर महीने का राशन तय
मामला भिवानी जिले का है, जहां वैवाहिक विवाद के चलते निचली अदालत ने पति को हर माह पत्नी को तय राशि का भुगतान करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. याचिका पर सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो कोर्ट की ओर से तय रकम देने में सक्षम नहीं है. वो जिस कंपनी में काम करता था, वो कंपनी अब बंद हो चुकी है, ऐसे में वो पैसों में भुगतान नहीं कर सकता.

पति, पत्नी को क्या-क्या देगा ?

  • 20 किलो चावल
  • 5 किलो चीनी
  • 5 किलो दाल
  • 15 किलो दूसरे अनाज
  • 5 किलो देसी घी
  • दो किलो दूध

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पति-पत्नी के विवाद का ऐसा मामला सामने आया, जिसमें पति ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के बदले अजीबो गरीब शर्त रखी. वहीं जज ने भी अनोखा फैसला सुनाकर केस को रोचक बना दिया. दरअसल, पति ने बेरोजगार होने की दलील देते हुए गुजारा भत्ता देने में असमर्थता जताते हुए पत्नी को हर माह दाल, चावल और घी देने की पेशकश कर दी. मामला तब और भी रोचक हो गया, जब जज ने इस शर्त को स्वीकार करते हुए तीन दिन के भीतर पूरा राशन पत्नी को मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए.

वीडियो देखिए

हर महीने का राशन तय
मामला भिवानी जिले का है, जहां वैवाहिक विवाद के चलते निचली अदालत ने पति को हर माह पत्नी को तय राशि का भुगतान करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. याचिका पर सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो कोर्ट की ओर से तय रकम देने में सक्षम नहीं है. वो जिस कंपनी में काम करता था, वो कंपनी अब बंद हो चुकी है, ऐसे में वो पैसों में भुगतान नहीं कर सकता.

पति, पत्नी को क्या-क्या देगा ?

  • 20 किलो चावल
  • 5 किलो चीनी
  • 5 किलो दाल
  • 15 किलो दूसरे अनाज
  • 5 किलो देसी घी
  • दो किलो दूध
Intro:बिजली निगम द्वारा जन सुनवाई एवं समस्या समाधान कार्यक्रम आयोजितBody:भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं टोहाना के विधायक सुभाष बराला ने कहा है कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने बिजली क्षेत्र में सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच के चलते एक ओर जहां बिजली निगम हजारों-करोड़ रुपये के घाटे से उभरा है, वहीं लोगों को भी पहले से लगभग आधे दामों पर बिजली उपलब्ध करवाई गई है। वो दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा आयोजित जन सुनवाई एवं समस्या समाधान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि अक्तूबर 2014 में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने शपथ ली थी, तब बिजली निगम बर्बादी की कगार पर था। प्रदेश सरकार ने एक संकल्प के साथ इस निगम का कायाकल्प करने का निर्णय लिया और अनेक स्तर पर बिजली निगम में आमूल-चूल परिवर्तन किए गए। म्हारा गांव जगमग गांव महत्वाकांक्षी योजनाओं के फलस्वरूप आज प्रदेश के लगभग 4 हजार गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही है। इसी प्रकार से बिजली उत्पादन और उसके वितरण की प्रणाली को कहीं अधिक मजबूत किया गया है। मौजूदा सरकार ने बिजली क्षेत्र में ढांचागत सुधार करते हुए लोगों को प्रति यूनिट बिजली दरों में आधे से अधिक कटौती प्रदान की गई। उन्होंने बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमानुसार लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाए और उन्हें वेवजह तंग न किया जाए। इसके साथ ही उन्होनें कहा कि अधिकारी व नागरिकों के बीच
संबधों में सुधार के लिए बार-बार ऐसे आयोजनों के लिए सरकार प्रयासरत है ।

Conclusion:

विजुवल -
बाईट1 - सुभाष बराला प्रदेशअध्यक्ष व स्थानिय विधायक टोहाना
vis1 - कार्यक्रम में संबोधत करते हुए

Last Updated : Jul 24, 2019, 8:23 AM IST
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