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एयरपोर्ट का काम समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो दिखा देंगे कानून के हाथ कितने लंबे हैं- चीफ जस्टिस

हाई कोर्ट ने कांट्रेक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि सब काम समय पर पूरा होना चाहिए. चाहे इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगे या मशीनें लगानी पड़े.

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Published : Feb 13, 2019, 11:32 PM IST

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट

चंडीगढ़: एयरपोर्ट के रनवे एक्सटेंशन से लेकर टैक्सी ट्रैक और अन्य काम समय पर पूरे हों ये सुनिश्चित किया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम दिखा देंगे कि कानून के हाथ कितने लंबे होते हैं. ये टिप्पणी पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कांट्रेक्टर के काम में देरी होने की संभावना व्यक्त करने पर उसे फटकार लगाते हुए की.

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को विभिन्न काम पूरा करने की डेड लाईन बताई गई. इस दौरान एयर कमांडेंट का हलफनामा भी कोर्ट में पेश किया गया. इसमें बताया गया कि कांट्रेक्टर के जितने बिल हैं उन सब का भुगतान कर दिया गया है. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर 24 घंटे सातों दिन काम हो ये सुनिश्चित करने के लिए 5 फरवरी 2019 को जारी पत्र के माध्यम से व्यवस्था कर दी गई है.

एयरपोर्ट पर अतिरिक्त लाईटें लगवाने का काम किया जाएगा. हालांकि ये बताया गया कि इन लाइटों के बिना भी रात की उड़ानों में कोई परेशानी नहीं होगी. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में कांट्रेक्टर ने कहा कि काम निर्धारित समय में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. हालांकि परिस्थितियों के कारण कुछ देरी हो सकती है.

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Punjab&Haryana High Court
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट
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हाई कोर्ट ने इसपर कांट्रेक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि सब काम समय पर पूरा होना चाहिए. चाहे इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगे या मशीनें लगानी पड़े. इस दौरान हाई कोर्ट ने सभी हितधारकों को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करते हुए लंबित कार्य और सुविधाओं का काम कब पूरा हो जाएगा ये जानकारी सौंपने के आदेश दिए हैंं.

हाई कोर्ट ने पूछा कि पुराना टर्मिनल क्यों नहीं एयरफोर्स को दे दिया जाता. इसपर हाई कोर्ट को बताया गया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व एयरफोर्स इसका निर्णय आपस में कर लेंगे. इसपर हाई कोर्ट ने एविएशन सेक्रेटरी को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल कर निर्णय बताने के आदेश दिए हैं.

चंडीगढ़: एयरपोर्ट के रनवे एक्सटेंशन से लेकर टैक्सी ट्रैक और अन्य काम समय पर पूरे हों ये सुनिश्चित किया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम दिखा देंगे कि कानून के हाथ कितने लंबे होते हैं. ये टिप्पणी पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कांट्रेक्टर के काम में देरी होने की संभावना व्यक्त करने पर उसे फटकार लगाते हुए की.

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को विभिन्न काम पूरा करने की डेड लाईन बताई गई. इस दौरान एयर कमांडेंट का हलफनामा भी कोर्ट में पेश किया गया. इसमें बताया गया कि कांट्रेक्टर के जितने बिल हैं उन सब का भुगतान कर दिया गया है. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर 24 घंटे सातों दिन काम हो ये सुनिश्चित करने के लिए 5 फरवरी 2019 को जारी पत्र के माध्यम से व्यवस्था कर दी गई है.

एयरपोर्ट पर अतिरिक्त लाईटें लगवाने का काम किया जाएगा. हालांकि ये बताया गया कि इन लाइटों के बिना भी रात की उड़ानों में कोई परेशानी नहीं होगी. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में कांट्रेक्टर ने कहा कि काम निर्धारित समय में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. हालांकि परिस्थितियों के कारण कुछ देरी हो सकती है.

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Punjab&Haryana High Court
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट
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हाई कोर्ट ने इसपर कांट्रेक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि सब काम समय पर पूरा होना चाहिए. चाहे इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगे या मशीनें लगानी पड़े. इस दौरान हाई कोर्ट ने सभी हितधारकों को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करते हुए लंबित कार्य और सुविधाओं का काम कब पूरा हो जाएगा ये जानकारी सौंपने के आदेश दिए हैंं.

हाई कोर्ट ने पूछा कि पुराना टर्मिनल क्यों नहीं एयरफोर्स को दे दिया जाता. इसपर हाई कोर्ट को बताया गया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व एयरफोर्स इसका निर्णय आपस में कर लेंगे. इसपर हाई कोर्ट ने एविएशन सेक्रेटरी को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल कर निर्णय बताने के आदेश दिए हैं.

Intro:एयरपोर्ट का काम समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो दिखा देंगे कानून के हाथ कितने लंबे हैं: चीफ जस्टिस 

-काम को पूरा करने का ब्यौरा सौंपते हुए कांट्रेक्टर ने कहा था हो सकती है कुछ देरी 

-24 घंटे सातों दिन उड़ानों के लिए दे दिया गया है पर्याप्त स्टाफ: एयर कमांडेंट 


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चंडीगढ़। 

एयरपोर्ट के रनवे एक्सटेंशन से लेकर टैक्सी टै्रक और अन्य काम समय पर पूरे हों यह सुनिश्चित किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम दिखा देंगे कि कानून के हाथ कितने लंबे होते हैं। यह टिप्पणी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कांट्रेक्टर द्वारा काम में देरी होने की संभावना व्यक्त करने पर उसे फटकार लगाते हुए की। 

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को विभिन्न काम पूरा करने की डेड लाईन बताई गई। इस दौरान एयर कमांडेंट का हलफनामा भी कोर्ट में पेश किया गया। इसमें बताया गया कि कांट्रेक्टर के जितने बिल हैं उन सब का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर 24 घंटे सातों दिन काम हो यह सुनिश्चित करने के लिए 5 फरवरी 2019 को जारी पत्र के माध्यम से व्यवस्था कर दी गई है। एयरपोर्ट पर अतिरिक्त लाईटें लगवाने का काम किया जाएगा हालांकि यह बताया गया कि इन लाइटों के बिना भी रात की उड़ानों में कोई परेशानी नहीं होगी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में कांट्रेक्टर ने कहा कि काम निर्धारित समय में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा हालांकि परिस्थितियों के कारण कुछ देरी हो सकती है। हाईकोर्ट ने इसपर उसे फटकार लगाते हुए कहा कि सब काम समय पर पूरा होना चाहिए चाहे इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगे या मशीनें। इस दौरान हाईकोर्ट ने सभी हितधारकों को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करते हुए लंबित कार्य और सुविधाओं का काम कब पूरा हो जाएगा यह जानकारी सौंपने के आदेश दिए हैं। इस दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि पुराना टर्मिनल क्यों नहीं एयरफोर्स को दे दिया जाता। इसपर हाईकोर्ट को बताया गया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व एयरफोर्स इसका निर्णय आपस में कर लेंगे। इसपर हाईकोर्ट ने एविएशन सेक्रेटरी को अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल कर निर्णय बताने के आदेश दिए हैं। 




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