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प्राइवेट बसों का परमिट मामलाः हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार ने लिया ये अहम फैसला - हरियाणा समाचार

सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में किलोमीटर स्कीम के तहत 510 बसों को दिए गए प्राइवेट परमिट के मामले को लेकर सुनवाई हुई. सरकार ने सुनवाई के दौरान विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ बेंच के सामने रखी.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Jul 22, 2019, 6:16 PM IST

चंडीगढ़ः सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकार की तरफ से बताया गया कि विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर 510 बसों के एग्रीमेंट को रद्द करने का फैसला लिया गया है. वहीं कोर्ट ने फैसले को लिखित में 2 दिन बाद कोर्ट के सामने रखने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

मामले की जानकारी देते याचिकाकर्ता पक्ष के वकील

हरियाणा सरकार की तरफ से 510 बसों को रूट परमिट दिए जाने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रख दी गई है. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में भी बताया गया है कि उनकी तरफ से 510 बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला लिया गया है. मामले की जानकारी देते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने बताया की कोर्ट के सामने हरियाणा सरकार की तरफ से विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ रखी गई है. सरकार ने कोर्ट के सामने जानकारी दी है कि उन्होंने 510 रूट रद्द करने का फैसला लिया है. हालांकि कोर्ट की तरफ से इस फैसले को लिखित तौर पर कोर्ट में पेश न करने पर हाई कोर्ट ने लिखित फैसला कोर्ट के सामने रखने को कहा है.

मामले की अगली सुनवाई 2 दिन बाद 24 जुलाई को होगी जिसमें सरकार लिए गए फैसले की लिखित जानकारी कोर्ट में पेश करेगी. हालांकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो सरकार के इस फैसले को कोर्ट के समक्ष चुनौती देंगे. रविंद्र रावल ने कहा कि लिखित में सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष जानकारी देने के बाद इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

सरकार के इस फैसले के बाद अब प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार को हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं क्योंकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने सरकार की पॉलिसी के तहत बसों की खरीद की थी. उसके बाद भी बसें ना चलने के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटरों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

चंडीगढ़ः सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकार की तरफ से बताया गया कि विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर 510 बसों के एग्रीमेंट को रद्द करने का फैसला लिया गया है. वहीं कोर्ट ने फैसले को लिखित में 2 दिन बाद कोर्ट के सामने रखने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

मामले की जानकारी देते याचिकाकर्ता पक्ष के वकील

हरियाणा सरकार की तरफ से 510 बसों को रूट परमिट दिए जाने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रख दी गई है. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में भी बताया गया है कि उनकी तरफ से 510 बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला लिया गया है. मामले की जानकारी देते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने बताया की कोर्ट के सामने हरियाणा सरकार की तरफ से विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ रखी गई है. सरकार ने कोर्ट के सामने जानकारी दी है कि उन्होंने 510 रूट रद्द करने का फैसला लिया है. हालांकि कोर्ट की तरफ से इस फैसले को लिखित तौर पर कोर्ट में पेश न करने पर हाई कोर्ट ने लिखित फैसला कोर्ट के सामने रखने को कहा है.

मामले की अगली सुनवाई 2 दिन बाद 24 जुलाई को होगी जिसमें सरकार लिए गए फैसले की लिखित जानकारी कोर्ट में पेश करेगी. हालांकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो सरकार के इस फैसले को कोर्ट के समक्ष चुनौती देंगे. रविंद्र रावल ने कहा कि लिखित में सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष जानकारी देने के बाद इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

सरकार के इस फैसले के बाद अब प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार को हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं क्योंकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने सरकार की पॉलिसी के तहत बसों की खरीद की थी. उसके बाद भी बसें ना चलने के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटरों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Intro:एंकर -
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में किलोमीटर स्कीम के तहत 510 बसों को दिए गए प्राइवेट परमिट के मामले को लेकर सुनवाई हुई । सरकार ने सुनवाई के दौरान विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ बेंच के समक्ष रखी । कोर्ट में सरकार की तरफ से बताया गया के विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर 510 बसों के एग्रीमेंट को रद्द करने का फैसला लिया गया है क्योंकि विजिलेंस की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं । वहीं कोर्ट ने फैसले लिखित में कोर्ट के समक्ष रखने को कहा । सरकार की तरफ से आप 2 दिन बाद यानी 24 जुलाई को मामले में लिए गए फैसले की लिखित जानकारी कोर्ट के समक्ष रखेगी । हालांकि इस सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले को प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के तरफ से आने वाले समय में चुनौती दी जाएगी । फिलहाल मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी और सरकार एग्रीमेंट रद्द करने के आदेश कोर्ट में सम्मिट करेगी ।


Body:हरियाणा सरकार की तरफ से 510 बसों को रूट परमिट दिए जाने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रख दी गई है । वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में भी बताया गया है कि उनकी तरफ से 510 बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला लिया गया है । मामले की जानकारी देते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने बताया की कोर्ट के समक्ष हरियाणा सरकार की तरफ से विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ रखी गई है । रावल ने बताया कि सरकार ने कोर्ट के समक्ष जानकारी दी है कि उन्होंने 510 रूट रद्द करने का फैसला लिया है । हालांकि कोर्ट की तरफ से इस फैसले को लिखित तौर पर कोर्ट में पेश न करने पर हाई कोर्ट ने लिखित फैसला कोर्ट के सामने रखने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई 2 दिन बाद 24 जुलाई को होगी जिसमें सरकार लिए गए फैसले की लिखित जानकारी कोर्ट के समक्ष रखेगी । हालांकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकार के इस फैसले को कोर्ट के समक्ष चुनौती देंगे । रविंद्र रावल ने कहा कि लिखित में सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष जानकारी देने के बाद इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी । रावल ने कहा कि कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिए थे कि वह विजिलेंस जांच की रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट करने से पहले सभी पक्षों को एक दिन पहले मुहैया करवाए मगर सरकार की तरफ से आज कोर्ट में उन्हें रिपोर्ट दी गई है जिसके चलते वह अभी रिपोर्ट का अध्ययन नहीं कर पाए हैं ।
बाइट - रविंदर रावल , याचिका कर्ता पक्ष वकील


Conclusion:फिलहाल सरकार की तरफ से 510 रूट परमिटों को रद्द करने की जानकारी कोर्ट को दी गई है सरकार की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने यह फैसला लिया है । फिलहाल सरकार के इस फैसले के बाद अब प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार को हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं क्योंकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने सरकार की पॉलिसी के तहत बसों की खरीद की थी और उसके बाद भी बसीना चलने के चलते हैं प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने हाई कोर्ट का रुख किया था अभी तक करोड़ों का नुकसान प्राइवेट बस ऑपरेटर उठा चुके हैं ।
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