चंडीगढ़ः सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकार की तरफ से बताया गया कि विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर 510 बसों के एग्रीमेंट को रद्द करने का फैसला लिया गया है. वहीं कोर्ट ने फैसले को लिखित में 2 दिन बाद कोर्ट के सामने रखने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.
हरियाणा सरकार की तरफ से 510 बसों को रूट परमिट दिए जाने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रख दी गई है. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में भी बताया गया है कि उनकी तरफ से 510 बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला लिया गया है. मामले की जानकारी देते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने बताया की कोर्ट के सामने हरियाणा सरकार की तरफ से विजिलेंस जांच की रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ रखी गई है. सरकार ने कोर्ट के सामने जानकारी दी है कि उन्होंने 510 रूट रद्द करने का फैसला लिया है. हालांकि कोर्ट की तरफ से इस फैसले को लिखित तौर पर कोर्ट में पेश न करने पर हाई कोर्ट ने लिखित फैसला कोर्ट के सामने रखने को कहा है.
मामले की अगली सुनवाई 2 दिन बाद 24 जुलाई को होगी जिसमें सरकार लिए गए फैसले की लिखित जानकारी कोर्ट में पेश करेगी. हालांकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के वकील रविंद्र रावल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो सरकार के इस फैसले को कोर्ट के समक्ष चुनौती देंगे. रविंद्र रावल ने कहा कि लिखित में सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष जानकारी देने के बाद इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
सरकार के इस फैसले के बाद अब प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार को हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं क्योंकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने सरकार की पॉलिसी के तहत बसों की खरीद की थी. उसके बाद भी बसें ना चलने के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटरों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.