चंडीगढ़: जूनियर महिला कोच के साथ यौन शोषण के आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह ने अपना पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में आज चंडीगढ़ जिला अदालत में सुनवाई हुई. संदीप सिंह के वकील ने चंडीगढ़ पुलिस के पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने की मांग पर अपना जवाब दाखिल किया. इससे पहले हुई 3 सुनवाई के दौरान संदीप सिंह के वकील ने जवाब दाखिल करने को लेकर कोर्ट से समय मांगा था.
यौन शोषण मामले की जांच कर ही चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने आरोपी संदीप सिंह की पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट के जरिए आवेदन किया था. इससे पहले 31 मार्च और 13 अप्रैल को भी इस मामले की सुनवाई हुई थी. उसके बाद मामले में 1 मई को जज के तबादले की वजह से इस मामले की सुनवाई 5 मई यानी आज तक के लिए टाल दी गई थी. आज संदीप सिंह के वकील ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए पॉलीग्राफी टेस्ट से इनकार कर दिया है. दरअसल आरोपी की पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने के लिए उसकी सहमति होना जरूरी है.
इस टेस्ट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यह सिर्फ स्ट्रेस को बढ़ाता है. पॉलीग्राफी टेस्ट सिर्फ जांच को डिले करने और मंत्री संदीप सिंह को परेशान करने के लिए किया जा रहा है. संदीप सिंह ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए टेस्ट करवाने से इनकार किया है. टेस्ट से मना करना उनके खिलाफ इसलिए नहीं जाएगा क्योंकि पॉलीग्राफी टेस्ट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. दीपक सबरवाल, संदीप सिंह के वकील.
इसके अलावा संदीप सिंह के वकील ने कहा कि मंत्री संदीप सिंह इस मामले की जांच में दो बार शामिल हुए. पहली बार की पूछताछ में 202 सवाल पूछे गए. दूसरी बार उनसे 70 सवाल पूछे गए. जब कोई सबूत नहीं मिला तो कोर्ट में पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने की एप्लीकेशन लगाई गई. जूनियर महिला कोच के वकील ने कोर्ट का डिटेल्ड आर्डर मिलने तक कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार किया.
क्या है मामला- हरियाणा की एक जूनियर महिला कोच ने मंत्री संदीप सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. कोच ने 30 दिसंबर 2022 को खेल मंत्री रहे संदीप सिंह के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया था. चंडीगढ़ पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. महिला के आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस संदीप सिंह का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाना चाहती है. मंत्री पर यौन शोषण के आरोप के बाद हरियाणा में सियासी बवाल मच गया. जिसके बाद संदीप सिंह ने खेल मंत्रालय सीएम को सौंप दिया लेकिन वो अभी भी मंत्री बने हुए हैं.
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