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मानसून सत्र में सरकार को इन मुद्दों पर घेरेगी कांग्रेस, भूपेंद्र हुड्डा ने रणदीप सुरजेवाला के 'राक्षस' वाले बयान पर भी दी प्रतिक्रिया

Haryana Monsoon Session 2023: हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला के विवादित बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है. साथ ही हुड्डा ने मानसून सत्र को लेकर भी कांग्रेस पार्टी की रणनीति की जानकारी दी है.

Haryana Monsoon Session 2023:
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा
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Published : Aug 17, 2023, 7:56 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी की रणनीति के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के विवादित बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी वोटर्स को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसमें सुरजेवाला बीजेपी-जेजेपी वोटर्स को राक्षस प्रवृत्ति का बताया था. उसके बाद से सूबे में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, प्रदेशभर में 450 अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित, यहां देखिए लिस्ट

रणदीप सुरजेवाला के विवादित बयान पर हुड्डा ने भी प्रतिक्रिया दी है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी आड़े हाथ लिया है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो जिम्मेदार पद पर बैठा हो उसे सभ्य भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन मुख्यमंत्री दो रणदीप से भी कई कदम आगे निकल गए और परिवार पर भी तंज कर दिया. ऐसा नहीं होना चाहिए.

हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र को लेकर कहा कि कानून व्यवस्था और बाढ़ से हुए नुकसान पर 2 काम रोको प्रस्ताव लगाये हैं. इसके साथ ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बेरोजगारी, CET, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाढ़ का मुआवजा, पीपीपी की खामियां, क्लर्क वेतनमान, शिक्षा की चिंता, प्रॉपर्टी आईडी, सरकारी ऋण, खाद्य बिक्री, आयुष्मान में हो गड़बड़झाले और इसके अलावा अन्य मुद्दों को भी उठाया जाएगा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सीईटी हमारे युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है. हम विधानसभा मानसून सत्र लंबा चाहते हैं, ताकि हर मुद्दे पर डिबेट हो सके.

नेता प्रतिपक्ष ने नूंह हिंसा को लेकर कहा कि सरकार मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करावाये. उन्होंने कहा कि सरकार इससे पीछे क्यों भाग रही है. हुड्डा ने कहा कि जहां तक विधायक मामन खान ने जो विधानसभा में कहा था, उसको विधानसभा अध्यक्ष ने उसी दिन डिलीट करवा दिया था. ये सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस और विपक्ष पर नूंह हिंसा का आरोप लगा रही है.

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि CID इंस्पेक्टर विश्वजीत कह चुके हैं कि पहले से ही सूचना था कि नूंह में कुछ अप्रिय घटना हो सकती है. लेकिन सरकार ने सुरक्षा को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाए. सरकार ने एसपी को छुट्टी पर भेज दिया और होमगार्ड को तैनात कर दिया. इसके साथ ही हुड्डा ने कहा कि राव इंद्रजीत खुद सरकार से सवाल पूछ रहे हैं तो पहले सरकार उनके सवालों का जवाब दें. इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: 50 साल पुरानी रिहायशी कॉलोनियों में व्यवसायिक गतिविधियों को मंजूरी देगी हरियाणा सरकार, 190 कॉलोनियां होंगी वैध

उदय भान ने कहा कि कांग्रेस डेलीगेशन नूंह जाना चाहता था. हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत करना चाहता था, जिसे प्रशासन ने नहीं जाने दिया. ठीक वैसे ही बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ को भी नहीं जाने दिया गया. ओपी धनखड़ सिर्फ रेस्ट हाउस तक ही गए थे. नूंह हिंसा का षड्यंत्र किसका है इसकी के लिए तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाए. यात्रा से पहले सरकार को पुख्ता बंदोबस्त करने चाहिए थे.

हुड्डा ने कहा कि कौशल्या डैम में 6 गेट है लेकिन 2 ही गेट फ्लड के दौरान खुले थे. इससे डैम टूट सकता था. जिससे भारी तबाही हो सकती थी. उन्होंने कहा कि जमुना नदी का रास्ता अवैध माइनिंग की वजह से बदला और किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ. वहीं, सरकार खेतों में जमा हुई रेत से भी कमाई के बारे में सोच रही है.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी की रणनीति के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के विवादित बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी वोटर्स को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसमें सुरजेवाला बीजेपी-जेजेपी वोटर्स को राक्षस प्रवृत्ति का बताया था. उसके बाद से सूबे में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है.

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रणदीप सुरजेवाला के विवादित बयान पर हुड्डा ने भी प्रतिक्रिया दी है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी आड़े हाथ लिया है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो जिम्मेदार पद पर बैठा हो उसे सभ्य भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन मुख्यमंत्री दो रणदीप से भी कई कदम आगे निकल गए और परिवार पर भी तंज कर दिया. ऐसा नहीं होना चाहिए.

हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र को लेकर कहा कि कानून व्यवस्था और बाढ़ से हुए नुकसान पर 2 काम रोको प्रस्ताव लगाये हैं. इसके साथ ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बेरोजगारी, CET, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाढ़ का मुआवजा, पीपीपी की खामियां, क्लर्क वेतनमान, शिक्षा की चिंता, प्रॉपर्टी आईडी, सरकारी ऋण, खाद्य बिक्री, आयुष्मान में हो गड़बड़झाले और इसके अलावा अन्य मुद्दों को भी उठाया जाएगा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सीईटी हमारे युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है. हम विधानसभा मानसून सत्र लंबा चाहते हैं, ताकि हर मुद्दे पर डिबेट हो सके.

नेता प्रतिपक्ष ने नूंह हिंसा को लेकर कहा कि सरकार मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करावाये. उन्होंने कहा कि सरकार इससे पीछे क्यों भाग रही है. हुड्डा ने कहा कि जहां तक विधायक मामन खान ने जो विधानसभा में कहा था, उसको विधानसभा अध्यक्ष ने उसी दिन डिलीट करवा दिया था. ये सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस और विपक्ष पर नूंह हिंसा का आरोप लगा रही है.

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि CID इंस्पेक्टर विश्वजीत कह चुके हैं कि पहले से ही सूचना था कि नूंह में कुछ अप्रिय घटना हो सकती है. लेकिन सरकार ने सुरक्षा को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाए. सरकार ने एसपी को छुट्टी पर भेज दिया और होमगार्ड को तैनात कर दिया. इसके साथ ही हुड्डा ने कहा कि राव इंद्रजीत खुद सरकार से सवाल पूछ रहे हैं तो पहले सरकार उनके सवालों का जवाब दें. इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

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उदय भान ने कहा कि कांग्रेस डेलीगेशन नूंह जाना चाहता था. हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत करना चाहता था, जिसे प्रशासन ने नहीं जाने दिया. ठीक वैसे ही बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ को भी नहीं जाने दिया गया. ओपी धनखड़ सिर्फ रेस्ट हाउस तक ही गए थे. नूंह हिंसा का षड्यंत्र किसका है इसकी के लिए तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाए. यात्रा से पहले सरकार को पुख्ता बंदोबस्त करने चाहिए थे.

हुड्डा ने कहा कि कौशल्या डैम में 6 गेट है लेकिन 2 ही गेट फ्लड के दौरान खुले थे. इससे डैम टूट सकता था. जिससे भारी तबाही हो सकती थी. उन्होंने कहा कि जमुना नदी का रास्ता अवैध माइनिंग की वजह से बदला और किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ. वहीं, सरकार खेतों में जमा हुई रेत से भी कमाई के बारे में सोच रही है.

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