चंडीगढ़: हरियाणा सरकार अब हरियाणा के युवाओं को इजराइल में रोजगार के लिए भेजने जा रही है. इसके लिए बाकायदा एक विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें इजराइल, दुबई और यूके के लिए कुशल श्रमिकों स्टाफ नर्स और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरियों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. भले ही इस मामले में सियासत भी हो रही हो, लेकिन प्रदेश के युवा भी इसमें खासी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन विपक्ष इस फैसले की आलोचना कर रहा है.
हरियाणा कौशल रोजगार निगम विदेश में दे रहा नौकरी: बता दें कि इस वक्त इजराइल और हमास के बीच भीषण युद्ध चल रहा है और इसी युद्ध के चलते इजराइल में काम करने वाले लोग जिनमें से ज्यादातर फिलिस्तीन के रहने वाले हैं, वो इजराइल छोड़कर जा चुके हैं. ऐसे में इजराइल में कुशल श्रमिकों और कामगारों की भारी कमी हो गई है.
इजराइल के लिए 10,000 कुशल श्रमिकों की भर्ती: इस कमी को दूर करने के लिए इजराइल ने हरियाणा सरकार से संपर्क साधा है. इसके बाद हरियाणा सरकार ने इजराइल में कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. हरियाणा सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने इजराइल के लिए 10,000 कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए एक विज्ञापन निकाला है.
विदेश में नौकर के विज्ञापन और विवाद: एजेंसी ने इजराइल के लिए दस हजार कुशल श्रमिक, दुबई के लिए 50 सिक्योरिटी गार्ड और यूके के लिए 120 स्टाफ नर्स की भर्ती निकाली है. ये विज्ञापन एचकेआरएन ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किए हैं. इजराइल के लिए कारपेंटर के लिए तीन हजार पद, आयरन वेल्डिंग के लिए तीन हजार, फर्श पर टाइल फिटिंग के लिए दो हजार और प्लास्टर के लिए दो हजार पद हैं. इनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास है. इसी तरह से दुबई के लिए 50 बाउंसरों के पद विज्ञापित किए गए हैं.
इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने: वहीं, इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इजराइल सरकार से हमारे पास एक प्रस्ताव आया था, जिसमें उन्होंने हमसे श्रमिक मांगे थे. कुछ और देश से भी हमारे पास ऐसे प्रस्ताव आए हैं. युवा अपनी स्वेच्छा से आवेदन कर सकते हैं. यह किसी के लिए जबरदस्ती नहीं है. उन्होंने कहा कि युवाओं को बाहर जाने का मौका मिल रहा है. पहले वह ऐसे रास्ते अपनाते थे जो इलीगल होते थे, और पैसा भी खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब अगर वह जाना चाहते हैं तो इस माध्यम से बाहर जा सकते हैं.
नेता प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया: इस मामले में हरियाणा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि पहले ही इजराइल में युद्ध चल रहा है और वहां से सैकड़ों लोगों को बाहर निकाला गया है. लेकिन, हरियाणा सरकार हमारे यहां से युवाओं को इजराइल भेजना चाहती है, जबकि सरकार को हरियाणा में ही युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना चाहिए था.
युवा दिखा रहे इन नौकरियों में दिलचस्पी: भले ही विपक्ष प्रदेश सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा कर रहे हों, लेकिन प्रदेश के युवा इस मौके का फायदा उठाने में पीछे नहीं रह रहे हैं. अभी तक इजराइल जाने के लिए तीन हजार के करीब लोगों ने आवेदन किया है. दुबई में सिक्योरिटी गार्ड के लिए भी 2 हजार से अधिक ने आवेदन किया है. वहीं, यूके के लिए स्टाफ नर्स पदों के लिए करीब नौ सौ आवेदन आए हैं. यानी प्रदेश के युवा सियासी बयानबाजी के चक्कर में नहीं पड़ रहे हैं.
ये भी पढ़ें: इजराइल और दुबई के लिए 10 हजार से श्रमिकों की भर्ती करेगी हरियाणा सरकार, कांग्रेस ने साधा निशाना